गांव की सड़क बनने में लग गए 77 साल
Deoria News - बरहज (देवरिया) में केवटलिया गांव को आजादी के बाद पहली बार सड़क मिली है, जिससे ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। ग्राम प्रधान पद्माकर मिश्र की पहल और ग्रामीणों के सहयोग से सड़क का निर्माण संभव हो सका।...

बरहज(देवरिया), हिन्दुस्तान टीम आजादी के बाद पहली बार एक गांव को सड़क की सौगात मिली है। गांव में पहली बार सड़क बनने का सपना साकार होते देख गाँव के खुशी का माहौल है। ग्रामप्रधान के प्रयास और ग्रामीणों के सहयोग से ऐसा हो सका है। बरहज विकास खंड के ग्राम पंचायत कोटवा का राजस्व ग्राम केवटलिया की बदहाली आजादी के दशकों बाद भी नहीं दूर हो सकी। यह गांव आबादी के लिहाज से बहुत बड़ा नही है। यहां पांच सौ के करीब लोग रहते है। गांव में विकास के नाम पर गांव के लोग छले गए है। जनप्रतिनिधियों ने इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया।
एक अदद सड़क के लिए तरस रहे ग्रामीणों की पीड़ा दूर करने लिए ग्राम प्रधान पद्माकर मिश्र ने पहल शुरू की। शुरू में सड़क के स्थल को लेकर अड़ंगेबाजी हुई, लेकिन ग्राम प्रधान ने ब्लाक से लेकर तहसील के अफसरों से सम्पर्क साधा। कन्हैया निषाद, काशीनाथ निषाद, वशिष्ठ यादव, श्यामसुंदर निषाद, महेश यादव ग्रामीण भी उनके कदम से कदम मिलाकर चले। ग्रामीणों ने बोरे में मिट्टी भरकर दोनों तरफ दीवार खड़ी की। ग्राम प्रधान ने ट्रैक्टर से मिट्टी लाकर दोनों दीवारों के बीच मिटी भरकर सड़क तैयार कराया। सड़क निर्माण होता देख ग्रामीणों के चेहरे पर चमक दिखी। सड़क न होने पैदल घर आती थी दुल्हनें बारिश के मौसम में गाँव चारों ओर से पानी से घिर जाता है। जिससे लोगों को घर से बाहर निकलना भी दुश्वार हो जाता है। वहीं छात्र और छात्राएं दलदल भरे रास्ते के कारण स्कूल नहीं जा पाती है। सर्वाधिक दिक्कत तो शादी के बाद ससुराल आने और जाने वाली नई नवेली दुल्हनों को होती थी। घूंघट में उन्हें तीन सौ मीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। ग्रामीण कन्हैया निषाद और सावित्री का कहना है कि अब लग रहा कि हम लोगों के भी दिन बहुरेंगे।
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