उर आंगन की सघन छांव में, बैठो दो पल साथ बिताएं....
Deoria News - देवरिया में नागरी प्रचारिणी सभा में रविवार को मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं और चंद्रभाल सुकुमार की पुस्तक 'समय से जूझते हुए...' का लोकार्पण हुआ। गोष्ठी में कई...
देवरिया, निज संवाददाता। नागरी प्रचारिणी सभा में रविवार को मासिक काव्य गोष्ठी आयोजित हुई। इसमें कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनायें सुनायीं। सम सामयिक रचनायें सुनाकर कवियों ने खूब वाहवाही लूटी। इस अवसर पर चंद्रभाल सुकुमार द्वारा संपादित पुस्तक समय से जूझते हुए... का लोकार्पण किया गया। सभाध्यक्ष डॉ. जयनाथ मणि त्रिपाठी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष इन्द्र कुमार दीक्षित और मंत्री डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी ने मां शारदा को गन्धार्चित धूप समर्पित कर कवि गोष्ठी का शुभारंभ किया। वाणी वंदना के बाद गीतकार दयाशंकर कुशवाहा ने अपनी कविता उर आंगन की सघन छांव में, बैठो दो पल साथ बिताएं... भावपूर्ण गीत प्रस्तुत कर गोष्ठी को ऊंचाई दी।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष इन्द्र कुमार दीक्षित ने यह सदी ठहरी हुई है... कविता से गोष्ठी को नयी दिशा दी। विकास तिवारी विक्की ने मां की महत्ता रेखांकित करते हुए आसमां की बंदिशें हैं, मां तो महान है कविता से वाहवाही बटोरी। गीतकार नित्यानंद आनन्द ने भोजपुरी गीत उ गीत लिखत अधरी... के सुनाया। राजस्थान से आये विजय कुमार तिवारी विशू ने कट्ठा भर जमीनिए बदे मार हो गइल... गीत के द्वारा जमीन को लेकर हो रहे संघर्ष को सामने रखा। अमित मिश्र पहाड़ी ने अपनी रचना जहां सरयू मां का वास है, वहां देवरहा बाबा का वास है... से संत देवरहा बाबा को याद किया। संचालिका सीमा नयन ने झूठ सही पर आस न अपने आ जाने की तोड़ी... गजल सुनाकर सबको भाव-विभोर कर दिया। काव्य गोष्ठी में महीने के कवि के रूप में कवियत्री सीमा नयन को अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। डॉ. दिवाकर प्रसाद तिवारी ने कहाकि कविता का मतलब यह कि आज के पहले वह उस कवि द्वारा नहीं लिखा गया। कवि को कविता की व्याख्या की ओर नहीं जाना चाहिए। व्याख्या श्रोता पर छोड़ देना चाहिए। सभा के मंत्री डॉ अनिल कुमार त्रिपाठी ने कहा आज का परिवेश अपना मूल स्थान छोड़ देने का हो गया है। कितु मैं शासकीय सेवा के बाद अपने मूल स्थान पर लौटना उचित समझा। आप लोगों का सहयोग निरन्तर प्राप्त हो रहा है। यह मेरे लिए गौरव की बात है। अंत में भोजपुरी गीतकार नागरी श्री सम्मान प्राप्त सौदागर सिंह की पत्नी के निधन पर दो मिनट का मौन रख कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। गोष्ठी में रविनन्दन सैनी, पार्वती देवी गौरा, रामेश्वर तिवारी राजन, कौशल किशोर मणि, प्रीति पाण्डेय, अंजलि अरोड़ा खुशबू, शैलेश चन्द्र नारायण तिवारी शैलेश, प्रियवंदा पाण्डेय, पार्श्वनाथ त्रिपाठी, साईंनाथ रमेश सिंह दीपक आदि रचनाकारों ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। इस अवसर पर बृजेश पाण्डेय एडवोकेट, जगदीश उपाध्याय, सुबास राय, पुण्यदेव मणि त्रिपाठी, रवीन्द्र नाथ तिवारी, सोमनाथ मिश्र, श्वेतांक करन मणि त्रिपाठी, रजनीश गोरे आदि उपस्थित रहे।
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