Preserving Family Traditions Three Generations Living Together in Marakda दादा से मिली विरासत को संजोए है तारा बाबू का परिवार, Deoria Hindi News - Hindustan
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दादा से मिली विरासत को संजोए है तारा बाबू का परिवार

Deoria News - ग्राम मरकड़ा के ताराचंद मिश्र और निगम मिश्र के परिवार तीन पीढ़ियों से एक छत के नीचे रह रहे हैं। दोनों परिवारों में खेती और व्यवसाय से जुड़े लोग हैं। संयुक्त परिवार की परंपरा खत्म होती जा रही है, जिसे...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवरियाThu, 15 May 2025 12:05 PM
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दादा से मिली विरासत को संजोए है तारा बाबू का परिवार

ग्राम मरकड़ा के नौरंगी टोला निवासी ताराचंद मिश्र उर्फ तारा बाबू का परिवार तीन पीढ़ियों से एक छत के नीचे रह रहा है। इस परिवार के लोग कृषि, शिक्षा और बिजनेश से जुड़े है। तारा चंद मिश्र ने बताया कि मेरे दादा स्व लालजी मिश्र से मिली सिख और विरासत आज भी सहेजने का प्रयास है। लालजी मिश्र के दो पुत्र सूर्यनारायण मिश्र और कवल बिहारी मिश्र थे। सूर्यनारायण मिश्र के चार बेटे रामकैलाश मिश्र, बेनीमाधव मिश्र, त्रिगुणानंद मिश्र और गौरीशंकर मिश्र हुए। कवलबिहारी मिश्र के एक बेटा यानी ताराचंद मिश्र है। तारा बाबू के पांच बेटे विभाकर मिश्र, दिवाकर मिश्र, कमलाकर मिश्र, रत्नाकर मिश्र और अश्वनी मिश्र है।

स्व सूर्यनारायण मिश्र के परिवार में उनके बेटे और पोते सहित 24 सदस्य है। जबकि तारा मिश्र के शरीर से बेटे और पोते सहित 21 लोग है। कुल 42 लोग आज भी एक छत के नीचे रहते है। ताराचंद मिश्र ने बताया कि संयुक्त परिवार की परंपरा खत्म होती जा रही है। इसे सहेजने की जरूरत है। यह तभी सम्भव है जब परिवार के सभी लोग एक दूसरे का सम्मान करें और दुःख दर्द में सहभागी बनें। .................. परिवार की पहचान ताराचंद मिश्र प्रगतिशील किसान, दुर्गेश मिश्र गीडा स्थित एक कम्पनी के प्रबंधक, कमलाकर मिश्र श्रीराम इंटरनेशनल इंटरप्राइजेज मोरक्को के प्रोपराइटर, अंकुर मिश्र मोरक्को में एक इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट कम्पनी के संचालक, विभाकर मिश्र शिक्षक, दिवाकर मिश्र चार्टेड एजाउंटेंट, अश्वनी मिश्र इंजीनियर। ................. परिवार को एक सूत्र में बांधे है रिटायर्ड सैनिक निगम मरकड़ा में ही रिटायर्ड सैनिक निगम मिश्र का परिवार भी तीन पीढ़ियों से एक छत के नीचे रहता है। परिवार के कुल 26 सदस्य एक साथ रहते हैं। सभी प्रेम पूर्वक जीवन यापन कर रहे हैं। निगम मिश्र ने बताया कि मेरे दादा के दो बेटे राजेन्द्र मिश्र और श्रीकांत मिश्र है। मेरे पिता राजेन्द्र मिश्र के चार संताने हौशला मिश्र, व्यास मिश्र, रामउग्रह मिश्र, निगम मिश्र जबकि श्रीकांत मिश्र की एक सन्तान से परिवार में आज 26 सदस्य है। परिवार मुख्य रूप से खेतीबारी पर निर्भर है। निगम मिश्र ने बताया कि मेरे दादा स्व छत्रधारी मिश्र समय से परिवार संयुक्त परम्परा में चला आ रहा है। इस परिवार की नई पीढ़ी पढ़ी-लिखी है। आदर्श मिश्र इंजीनियर है। ऋषभ मिश्र एकाउंटेंट है। परिवार के मुखिया निगम कहते है कि मेरे परिवार में सब एक दूसरे का आदर करते हैं। मैं स्वयं अपने बच्चों का आदर करती हूं औऱ बच्चों को भी बड़ों का आदर करने की सीख देती हूं। एकल परिवार की बढ़ती प्रवृत्ति समाज का ताना बाना बिगाड़ रही है।

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