घायल के चेहरे पर खून के दाग देख भड़के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, सीएमएस को लगाई फटकार
डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के निरीक्षण में बरेली जिला अस्पताल की खामियां सामने आ गईं। इमरजेंसी वार्ड में 12 घंटे से भर्ती घायल युवक के शरीर पर लगे खून तक को साफ नहीं किया गया।

डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के निरीक्षण में बरेली जिला अस्पताल की खामियां सामने आ गईं। इमरजेंसी वार्ड में 12 घंटे से भर्ती घायल युवक के शरीर पर लगे खून तक को साफ नहीं किया गया। डिप्टी सीएम को मरीजों के बेड पर तकिया भी नहीं मिला। जगह-जगह गंदगी नजर आई। इमरजेंसी वार्ड में अव्यवस्था देख डिप्टी सीएम उखड़ गए। मौके पर ही सीएमएस को बुलाकर फटकारा। साथ ही साफ-सफाई करने वाली एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।
डिप्टी सीएम तय कार्यक्रम के मुताबिक शुक्रवार को जिला अस्तपाल का निरीक्षण करने पहुंचे। सबसे पहले ब्रजेश पाठक ने इमरजेंसी वार्ड का जायजा लिया। भर्ती मरीजों को तकिया नहीं दिया गया। डिप्टी सीएम ने सीएमएस से वहीं सवाल जवाब किया। सीएमएस जवाब नहीं दे सकीं। इसके बाद डिप्टी सीएम गुरुवार रात को बाइक दुर्घटना में घायल हुए आंवला के युवक सत्यपाल का हाल देखने पहुंचे। सत्यपाल के चेहरे पर खून लगा था। हाथ-पैरों का ऐसा ही हाल था। घायल के कपड़े तक नहीं बदले गए। डिप्टी सीएम ने घायल का इलाज कर रहे डाक्टर को बुलाया। घायल की फाइल देखी। घायल मरीज को गंदगी से संक्रमण का खतरा बताते हुए तुरंत साफ-सफाई और कपड़े बदलने के निर्देश दिए।
घायल सत्यपाल की मां से बातचीत कर इलाज के बारे में जानकारी की। इसके बाद डिप्टी सीएम ने फायर फाइटिंग सिस्टम को देखा। धूल जमी मिली। फर्श की टाइल्स भी टूटी हुई थीं। डिप्टी सीएम ने नाराजगी जताई। ब्रजेश पाठक पर छत पर लगे सोलर सिस्टम को देखने पहुंच गए। इसके बाद ब्लड बैंक पहुंचे। रिजर्व ब्लड के बारे में जानकारी की। ब्लड बैंक में गंदगी को छुपाने के लिए सफेद चादर डाल दी थी। जिसको डिप्टी सीएम से हटा दिया। सीएमएस को गंदगी दिखाई। खराब आरओ सिस्टम के बारे में जवाब तलब किया। सीएमएस जवाब नहीं दे पाईं। डिप्टी सीएम ने सीएमएस और डाक्टरों को सुधरने की हिदायत दी। व्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए। इस मौके पर वन मंत्री अरुण कुमार, मेयर उमेश गौतम, विधायक संजीव अग्रवाल, डीएम अविनाश सिंह, सीएमओ विश्राम सिंह आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
डिप्टी सीएम निरीक्षण करते रहे मरीज स्ट्रेक्चर को भटकते रहे
डिप्टी सीएम जिला अस्पताल में 11:25 बजे पहुंचे। पुलिस अस्पताल के गेट पर तैनात हो गई। मरीज और तीमारदारों की पूछताछ के बाद एंट्री दी जा रही थी। मरीजों की मुश्किल बढ़ गईं। तीमारदार को मरीज के लिए स्ट्रेचर तक मिल पाया। गोद में उठाकर मरीजों को ले जाना पड़ा। कुछ मरीज रिक्शा में बैठकर किसी तरह गए।
डाक्टरों के रिक्त पदों पर भर्ती के निर्देश
डिप्टी सीएम ने डाक्टरों के खाली पदों को वॉक इन इंटरव्यू के जरिए भरने के निर्देश डीएम और सीएमओ को दिए। हृदय रोग विशेषज्ञ की जल्दी से जल्दी तैनाती कराने को कहा।