मिट्टी की जांच कराने के बाद किसान करें फसलें
Etah News - कृषि विज्ञान केन्द्र, अवागढ़ ने जैथरा और आसपास के गांवों में किसानों को धान की सीधी बुवाई और दलहनी फसलों के उन्नत बुवाई पद्धतियों पर जानकारी दी। विशेषज्ञों ने प्राकृतिक खेती, जैविक उर्वरकों और नई कृषि...

कृषि विज्ञान केन्द्र, अवागढ़ की ओर से जैथरा में बनिया ढेरा, मानपुरा, बडागांव, दहेलिया, वरना, निजामाबाद, धरौली, जिरौलिया, गढ़ी रोशन गांवों में चलाया गया। इसमें किसानों को जानकारी दी गई। उप निदेषक कृषि सुमित कुमार ने बताया कि धान की सीधी बुवाई (डीएसआर) और दलहनी फसलों के लिए उन्नत बुवाई पद्धतियों से करें। किसानों की व्यावहारिक समस्याओं के समाधान सीधे संवाद के जरिए सुलझायी गयी। वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. मनीष सिंह ने क्षेत्र की जलवायु, पानी, मिट्टी के पोषक तत्व व अन्य बातों का ध्यान रखते हुए आधार पर कौन सी फसल बोनी चाहिए, कौन सी वैराइटी होनी चाहिए। खाद का कितना संतुलित उपयोग करना चाहिए।
डा. एसके सिंह ने किसानों को प्राकृतिक खेती करने, जैविक उर्वरकों और जैविक कीटनाशकों के प्रयोग के लिए प्रशिक्षित किया। डा. दिनेश मिश्र ने कृषि अभियंत्रण ने नई तकनीकी कृषि मशीनों के बारे में जानकारी दी। दीप्ती सिंह शिव प्रताप सिंह ने कद्दूवर्गीय सब्जियों की खेती की जानकारी दी। प्रगतिशील किसान विनोद चैहान ने प्राकृतिक खेती करने के लिए वर्मी कम्पोस्ट बनाने की विधि को साझा किया।
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