Severe Heatwave in Etah District Damages Vegetable Crops Supplies Decline जून की भीषण गर्मी सूख गई हरी सब्जियां, फसलों पर बरस रहा कहर , Etah Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsEtah NewsSevere Heatwave in Etah District Damages Vegetable Crops Supplies Decline

जून की भीषण गर्मी सूख गई हरी सब्जियां, फसलों पर बरस रहा कहर

Etah News - एटा जिले में जून के महीने में तापमान 42-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे सब्जियों की फसलें झुलस रही हैं। गर्मी के कारण हरी सब्जियों की पैदावार में कमी आई है और कीमतें बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों...

Newswrap हिन्दुस्तान, एटाThu, 12 June 2025 06:57 PM
share Share
Follow Us on
जून की भीषण गर्मी सूख गई हरी सब्जियां, फसलों पर बरस रहा कहर

जून के महीने में एटा जिले का तापमान लगातार 42 से 45 डिग्री सेल्सियस या उससे भी अधिक बना हुआ है। दिन में तेज धूप और लपट चलते रहने के बाद रात में भी अपेक्षा से अधिक तापमान बने रहने से सब्जियों की फसलें झुलस रही हैं। इसके साथ ही खेतों की मिट्टी तेजी से नमी खोने से फसलों का विकास प्रभावित हो रहा है। सर्वाधिक असर उन हरी सब्जियों की फसलों पर पड़ रहा है, जो अधिक पानी और मध्यम तापमान में पनपती हैं। जिले में इस समय परवल, लौकी, तोरी, करेला, भिंडी, पालक, धनिया, टमाटर, बैंगन और मिर्च जैसी हरी सब्जियों की खेती हो रही है।

लेकिन भीषण गर्मी इन सभी फसलों को व्यापक नुकसान रही है। बेल वाली सब्जियां जैसे लौकी, तोरी, करेला, परवल के पौधे सूख रहे हैं। फूल झड़ रहे हैं और फल लगने से पहले ही मुरझा रहे हैं। जो फल लग भी रहे हैं, वे आकार में छोटे और बेजान हो रहे हैं। पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, धनिया और पुदीना के पत्ते अत्यधिक गर्मी के कारण पीले पड़ने के साथ झुलस रहे हैं। उनका विकास रुक गया है। बाजार में इनकी आवक कम होने से दाम भी बढ़ गए हैं। इसके साथ ही टमाटर, बैंगन, भिंड़ी और मिर्च के पौधे भी भीषण गर्मी से प्रभावित हुए हैं। फसलों को बचाने के लिए एक्सपर्ट की राय जिला कृषि अधिकारी डॉ. मनवीर सिंह एवं सेवानिवृत्त जिला उद्यान निरीक्षक रवेंद्र मिश्रा के अनुसार मौसमी आपदाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक दोनों तरह के समाधानों से फसलों को बचाया जा सकता है। इसमें जल संरक्षण के तरीकों जैसे ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर सिंचाई और वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देना जरुरी है। नई और संवेदनशील फसलों के लिए शेड नेट का उपयोग कर उन्हें सीधी धूप और लू से बचाना। मल्चिंग (पराली या अन्य जैविक सामग्री से मिट्टी को ढकना) जैसे तरीकों का उपयोग कर मिट्टी की नमी को बनाए रखना काफी लाभदायक है। बाहर की मंडियों से सब्जियों की आवक गुरुवार को थोक सब्जी व्यापारी असलम खां व सलीम ने बताया कि इस बार गर्मी अधिक होने के कारण सब्जियों की आवक 40 फीसदी कम हो गई है। जिस कारण अधिकतर सब्जियां आगरा, अलीगढ़ व दिल्ली की मंडियों से आ रही हैं। इस कारण सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार जिले में सब्जी का उत्पादन कम हुआ है। उन्होंने बताया कि टमाटर की 25 किलो की क्रेट 700 से 800 रुपये के बीच आ रही है। इसी प्रकार हरा धनिया का थोक रेट 150 रुपये प्रति किलो बना हुआ है। खीरा और पुदाना के अलावा लौकी, रोरी, बैगन भी महंगे हुए हैं। मारहरा-अलीगंज में सब्जियों को बड़े पैमाने पर नुकसान अलीगंज तहसील क्षेत्र में इस बार किसानों ने 200 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर लौकी, तोरई और हरी मिर्च की पैदावार की है, लेकिन अधिक तापमान के कारण क्षेत्र में करीब 30 से 35 फीसदी सब्जी की फसल सूख गई है। जबकि किसान फसलों को गर्मी से बचाने के लिए दिन में दो बार सिंचाई कर रहे हैं। इसके बाद भी फसलों को सूखने से नहीं बचा पा रहे हैं। गुरुवार को अलीगंज क्षेत्र के गढ़िया भदहपुरा, अगौनापुर, जुनेदपुर, पलरा, हरसिंहपुर, कालिंजर के किसानों ने बताया कि अधिक तापमान के कारण फसलों की बढ़वार रुक गई है। अधिक तापमान के कारण फूल बनते ही सूख जा रहे हैं। जिससे बेल फल देने की क्षमता खो रही है। इसी प्रकार मारहरा क्षेत्र में टमाटर की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। 60 फीसदी हरी सब्जियां खत्म होने की कगार पर हैं, जिसके कारण सब्जियों की आपूर्ति कम हो गई है और महंगाई बढ़ गई है। जुलाई में जब नई सब्जियां आनी शुरू होंगी तो महंगाई कम हो जाएगी।-डॉ. सुनील कुमार, जिला उद्यान अधिकारी, एटा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।