इटावा में निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन जारी
Etawah-auraiya News - बिजली के निजीकरण के खिलाफ बिजली विभाग के इंजीनियर और कर्मचारी चार महीने से आंदोलन कर रहे हैं। 29 मई को धरना प्रदर्शन किया गया और कार्य बहिष्कार स्थगित कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने निजीकरण के खिलाफ...

बिजली का निजीकरण किए जाने से लेकर बिजली विभाग के इंजीनियर व कर्मचारी खासे आक्रोशित हैं और इसे लेकर लंबे समय से आंदोलन भी चलाया जा रहा है। इस आंदोलन के तहत 29 मई से कार्य बहिष्कार किया जाना था। बाद में कार्य बहिष्कार को स्थगित कर दिया गया और 29 मई को पूरे दिन धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान बिजली के निजीकरण के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के आह्वान पर यह आंदोलन जारी है। गुरुवार को सुबह अधीक्षण अभियंता के कार्यालय परिसर में सुबह करीब 10 बजे यह धरना प्रदर्शन शुरू हुआ और शाम तक चलता रहा।
एसडीओ, जेई और बिजली कर्मचारी धरना प्रदर्शन पर बैठे और निजीकरण न किए जाने की मांग की। इसके साथ ही निजीकरण के विरोध में नारेबाजी की। बिजली विभाग के कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार निजीकरण करना चाहती है जबकि निजीकरण किसी के हित में नहीं है। निजीकरण से सभी को नुकसान होना है। उपभोक्ताओं को भी काफी नुकसान होगा और सरकार को भी राजस्व का उत्तर होगा। इसके साथ ही कर्मचारी भी परेशान होंगे। उन्होंने निजीकरण की प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप भी लगाया और कहा कि संयुक्त संघर्ष समिति गड़बड़ी के कई सबूत भी दे चुकी है। इसके चलते निजीकरण की प्रक्रिया में कुछ धीमी जरूर हुई । बिजली कर्मचारियों का कहना है कि सरकार की ओर से पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण करने की जो योजना है, वह जनहित में नहीं है। इसे लेकर बिजली कर्मचारी चार महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इसके बाद भी सरकार निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि यदि इसके बाद भी सरकार ने निजीकरण की कोशिश की तो जोरदार आंदोलन किया जाएगा। इस धरना प्रदर्शन में उपखंड अधिकारी गगन अग्निहोत्री, विवेक कुमार सिंह, राहुल कुमार, आनंदपाल सिंह, पीयूष मौर्य, जेई विनोद यादव, जितेन्द्र कुमार, वीरेंद्र कुमार, रामजीलाल, जयवीर शर्मा सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए।
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