पिता ने जिसे बेटी समझकर दी चिता को आग, वह 9 दिन बाद जिंदा मिली, जानें पूरा मामला
हमीरपुर में एक पिता ने जिस शव को अपनी बेटी समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था, वही बेटी नौ दिन बाद जिंदा मिली। पुलिस ने युवती को बरामद कर लिया है। अब असली सवाल यह है कि फिर जिसका अंतिम संस्कार किया गया, वह लड़की कौन थी और उसकी हत्या किसने की?

यूपी के हमीरपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक पिता अपनी एक शव को अपनी का बेटी समझकर चिता को आग दी। वह 9 दिन बाद जिंदा मिली। पुलिस ने उसे बरामद तो किया तो अब सबसे बड़ा सवाल ये उठने लगा कि जिसकी लाश का अंतिम संस्कार किया गया, वह कौन थी? नहर में औंधे मुंह किसने उसकी लाश फेंकी थी? हत्या क्यों की गई थी? इसके खुलासे के लिए टीमें लगा दी गई हैं।
ये मामला सरीला क्षेत्र का है। जहां 7 जून को एक्सप्रेसवे की सर्विस लेन की नहर पुलिया में औंधे मुंह युवती का शव मिला था। पुलिस ने सोशल मीडिया में फोटो वायरल की। एक दिन बाद बिहूंनी गांव के रहने वाले मलखान प्रजापति ने शव की शिनाख्त 17 वर्षीय बेटी शिवानी प्रजापति के रूप में की थी और पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया था। वर्तमान में झांसी के मऊरानीपुर में रहकर मजदूरी करने वाले मलखान ने इस मामले में अपने ही गांव के मनोज अनुरागी उर्फ किंकर और उसके पिता महेश अनुरागी पर बेटी के अपहरण और हत्या का आरोप लगाया था।
पुलिस के मुताबिक जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, शंका गहराने लगी कि शिवानी जिंदा है। सोमवार सुबह पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर शिवानी को हरियाणा से बरामद कर लिया। थाना जरिया के प्रभारी मयंक चंदेल ने बताया कि पिता की ओर से की गई शिनाख्त के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। चूंकि चेहरा काला पड़ गया था इसलिए शायद शव की पहचान करने में पिता से चूक हो गई हो। पुलिस ने नियमों के तहत पूरी कार्रवाई की। हालांकि घटना के खुलासे के लिए पुलिस की तीन टीमें लगाई गई हैं।
डेढ़ महीने से लापता थी बेटी
थाना मुस्करा के बिहूंनी गांव के मलखान की बेटी शिवानी बीते 13 मई को झांसी जिले के मऊरानीपुर से लापता हो गई थी। परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की सूचना भी दी थी लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। सात जून को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के पास नहर पुलिया में एक युवती का शव मिलने के दूसरे दिन मलखान ने उसकी शिनाख्त अपनी बेटी के रूप में की थी। उसकी पत्नी कस्तूरी ने युवती के नाक और कान की बालियों से उसकी पहचान की थी। हालांकि दूसरे दिन शव की त्वचा काली हो गई थी तो शिनाख्त में भी मुश्किल थी।
कॉल डिटेल से जिंदा होने का हुआ खुलासा
परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस का फोकस मलखान द्वारा बिहूंनी खुर्द गांव के मनोज अनुरागी उर्फ किंकर और उसके पिता महेश अनुरागी के विरुद्ध दर्ज कराई गई हत्या की रिपोर्ट के बाद उनकी गिरफ्तारी पर था। पुलिस के हाथ एक अन्य मामले के आरोपी की कॉल डिटेल से पुलिस को पता चला कि उसकी मनोज से भी बात हो रही है। उस आरोपी की लोकेशन हरियाणा राज्य के गुड़गांव में मिली। उसे खोजने के दौरान पुलिस को इस बात का ठोस सबूत मिल गया कि शिवानी जिंदा है। शिवानी को गोहांड कस्बे से सही सलामत बरामद कर लिया गया।
मनोज की शिवानी से थी दोस्ती
मलखान और महेश अनुरागी दोनों एक ही गांव के हैं और ईंट-भट्ठों में मजदूरों की सप्लाई करने का काम करते है। इन दोनों के बीच काम-धंधे को लेकर पहले से ही संबंध अच्छे नहीं थे। ऐसे में महेश के बेटे मनोज और मलखान की बेटी शिवानी की मित्रता से दोनों के बीच और कटुता आ गई थी। लिहाजा शव की शिनाख्त करने के बाद मलखान को लगा कि मनोज ही उसकी बेटी को ले गया था और उसी ने अपने पिता के साथ मिलकर उसकी बेटी की हत्या की है। इसलिए मलखान ने पिता-पुत्र के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करा दी।
पुलिस के सामने नई चुनौती
हालांकि अब शिवानी के जिंदा मिलने के बाद हत्या और साक्ष्य छिपाने जैसा मुकदमा तो खत्म होगा लेकिन शिवानी अगर डॉक्टरी रिपोर्ट में नाबालिग साबित हुई तो मनोज के विरुद्ध अपहरण का मामला चलेगा। क्योंकि शिवानी को यही बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था। इस मामले में एसपी डॉ. दीक्षा शर्मा का कहना है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में जिस युवती का शव मिला था, अब उसकी शिनाख्त कर केस को वर्कआउट करने की पुलिस के सामने चुनौती है। टीमें लगा दी गई हैं। जल्द ही इस मामले का पर्दाफाश होगा।