Residents of Firozabad Struggle with Waterlogged Streets Amid Neglected Infrastructure बोले फिरोजाबाद: कच्ची गलियों पर लड़खड़ा रहा विकास, Firozabad Hindi News - Hindustan
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बोले फिरोजाबाद: कच्ची गलियों पर लड़खड़ा रहा विकास

Firozabad News - फिरोजाबाद में नफीसा मस्जिद के पास रहने वाले लोग जलभराव से परेशान हैं। कई गलियों में पानी भरा रहता है, जिससे लोगों को निकलने में दिक्कत होती है। नगर निगम के विकास कार्यों के बावजूद, यह क्षेत्र अनदेखी...

Newswrap हिन्दुस्तान, फिरोजाबादFri, 13 June 2025 01:57 AM
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बोले फिरोजाबाद: कच्ची गलियों पर लड़खड़ा रहा विकास

फिरोजाबाद। नफीसा मस्जिद के निकट गलियों में रहने वाले लोगों का दर्द लाजिमी भी है। फिरोजाबाद में कई जगह पर बनी बनाई सड़कों पर आरसीसी डाली जा रही है तो इसके साथ में शहर की कई सड़कों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ यह मोहल्ले हैं, जहां पर घरों के बाहर हर वक्त पानी भरा रहता है तो लोगों को राह गुजरने के लिए सूखी कच्ची जमीन भी नहीं मिलती है। लोगों ने खुद ईंटें बिछाकर गलियों से निकलने के लिए रास्ता बना रखा है। बरसात में लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है, क्षेत्रीयजनों को इंतजार है आखिर निगम कब इन गलियों का निर्माण कराएगा।

हिन्दुस्तान ने बोले फिरोजाबाद के तहत नफीसा मस्जिद के निकट रहने वाले महिला पुरुषों से संवाद किया तो हर जुबां पर था गलियों में भरे हुए पानी का दर्द। इन लोगों का कहना था कि नफीसा मस्जिद की तरफ आने वाली मुख्य सड़क है। टीटीएसपी टंकी से इस मुख्य सड़को बनवाया जाए, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग इस मार्ग से गुजरते हैं। मदरसा एवं गुलबदर पब्लिक स्कूल भी यहां पर है। बड़ी संख्या में लोग इस मार्ग से गुजरते हैं। इस मार्ग पर जगह-जगह पानी भरा हुआ है तो वहीं राह गुजरने के लिए भी स्थान नहीं है। क्षेत्रीयजनों का कहना है कि नगर निगम के लिए भी नियमावली बननी चाहिए। पहले उन क्षेत्रों का विकास होना चाहिए, जहां पर लोगों को राह गुजरने में भी दिक्कत आ रही है बाद में अन्य क्षेत्रों में, लेकिन नगर निगम द्वारा उन क्षेत्रों में विकास कराया जा रहा है, जहां पर लोगों के पास में पहले से सुविधाएं हैं। यहां पर सड़क नहीं है तो सफाई वाले नहीं आते हैं, लेकिन नगर निगम के नोटिस जरूर पहुंच जाते हैं, आखिर जब निगम सुविधाएं नहीं दे पा रहा है तो फिर टैक्स की वसूली क्यों। नालियां भी नहीं, गड्ढों में भर रहा है पानी:इस क्षेत्र की कई गलियों में नालियां भी नहीं हैं। घर का पानी सड़क पर बहकर गंदगी न करे। इसके लिए लोगों ने घर के बाहर गड्ढे खोद रखे हैं तथा घरों से बाहर आने वाला गंदा पानी इन गड्ढों में ही एकत्रित होता रहता है। गड्ढों के भर जाने पर लोगों को खुद इस गंदे पानी को बाहर फेंकना पड़ता है। बरसात में तो हाल यह हो जाता है कि गड्ढों का गंदा पानी भी सड़क पर आ जाता है। गलियों की हालत गांव से भी बदतर हो रही है। पूरी गली में जगह-जगह पर जलभराव है। कुछ जगह पर मिट्टी डाली गई है तो वह ऊंचा हो गया है, लेकिन बरसात में तो हर तरफ पानी रहता है। कई फुट पानी भर जाने से घरों के अंदर भी पानी पहुंच जाता है। -रूबीना काफी वक्त से गलियां कच्ची पड़ी हुई हैं, लेकिन इस तरफ नगर निगम ध्यान नहीं दे रहा है। वोट मांगने आते वक्त नेता बड़े-बड़े वायदे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई ध्यान नहीं देता। -नसरीन बच्चों को निकलने में परेशानी होती है। रात में तो हमें खुद निकलने में डर लगता है कि कहीं अंधेरे में पैर फिसल जाए और गिर न जाएं। कई लोग अब तक यहां गिरकर चुटैल हो गए हैं तो कुछ के फ्रेक्चर भी हो गया है, लेकिन नगर निगम अनदेखी कर रहा है। -शहनाज बेगम क्षेत्र के प्रति नगर निगम द्वारा अनदेखी की जा रही है। जब वोट लेने की बारी आती है तो नेता एवं जनप्रतिनिधि चक्कर काटते हैं। निगम पर पैसा नहीं है तो अन्य जनप्रतिनिधि अपनी निधि से क्षेत्र की समस्याओं का निदान कर सकते हैं, लेकिन उनके द्वारा भी अनदेखी की जा रही है। -यामीन गली में से गुजरना मुश्किल है। सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों एवं बच्चों को होती है, लेकिन नगर निगम में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यह भी नगर निगम का हिस्सा है तो क्यों निगम यहां पर सड़कें बनवाने में अनदेखी कर रहा है। -मरियम पानी के आने का भी कोई वक्त नहीं है। बीच में कई दिन पानी नहीं आया तो भटकना पड़ा। कभी एक दिन आकर दो दिन के लिए पानी नहीं आता है। निगम न तो पानी की ही सप्लाई दे पा रहा है तथा न ही सड़कों पर भरे पानी की निकासी के इंतजाम कर रहा है। -शकीना यहां तो 12 महीने ही पानी में से गुजरना पड़ता है। क्षेत्रीयजन ही जानते हैं कि किस तरह से यहां पर रह रहे हैं। जलभराव रहने से मच्छर एवं कीड़े भी पैदा हो रहे हैं, जो रात भर परेशान करते हैं। जलभराव की स्थिति में यहां पर कभी भी बीमारियां भी फैल सकती हैं। -मो.शफीक गली में विद्युत पोल नहीं है तो निगम ने स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगाई है। दिन तो किसी तरह ईंटों को देख कर निकल जाते हैं, लेकिन रात में अंधेरे में पानी में रखी हुई ईंटों को कैसे देखें। नगर निगम कम से कम स्ट्रीट लाइट ही लगवा दे, ताकि रात में ठोकरें नहीं खानी पड़ें। -मुन्ने खां हमारी गली में तो घरों के बाहर नाली भी नहीं है। घरों से निकलने वाला गंदा पानी भी गड्डे खोदकर एकत्रित करना पड़ता है, जब गड्ढा भर जाए तो उस गंदे पानी को फेंकते हैं। नगर निगम पर अगर सड़क बनाने के लिए धन नहीं है तो कम से कम खड़ंजे नाली ही बना दें। -साबिर खां घर के सामने ही पानी भरा हुआ है। रास्ता निकलना भी मुश्किल हो रहा है। कई बार इस समस्या को पार्षद के समक्ष भी रख चुके हैं। पार्षद भी प्रयास कर रहे हैं, लेकिन नगर निगम में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कई बार शिकायत करने पर भी सुनवाई नहीं है। -अनीस इससे अच्छे तो गांव के हालात होते हैं। नगर निगम सुविधाएं कोई नहीं दे पा रहा है, लेकिन टैक्स के नोटिस भेजना नहीं भूलता है। जब सड़क नहीं बनवा सकते हैं तथा सफाई नहीं हो रही है तो फिर टैक्स किस बात का। बिजली विभाग ने भी 77470 रुपये का बिल भेज दिया था। -ताज खां नगर निगम में होने के बाद भी गली का हाल यह है कि दिन भर पानी भरा रहता है। बरसात में घर से भी नहीं निकल पाते हैं। कई-कई दिन तक घर में कैद रहना पड़ता है। बच्चे भी स्कूल नहीं जा पाते हैं। नगर निगम को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। -अजीम खां

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