बोले प्रयागराज : सर्दी, गर्मी क्या बरसात, बदहाल सड़कों पर कीचड़ से रोज गुजरते राहगीर बेहाल
Gangapar News - बाबूगंज गांवों में सड़कों की स्थिति बहुत खराब हो गई है। कई दशक पहले बनाई गई सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं, जिससे ग्रामीणों को कीचड़ और मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लोग लगातार अधिकारियों से...
बाबूगंज गांवों में सड़कों का जाल तो बिछा है लेकिन दशकों पहले बनी इन सड़कों का हाल जानने विभाग का कोई अधिकारी या कर्मचारी कभी नहीं आया। नतीजा चकाचक दिखने वाली सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। ग्रामीण कहते हैं चाहे गर्मी का मौसम हो या फिर सर्दी और बारिश का रोज कीचड़ से ही होकर आगे बढ़ना होता है। प्रतिदिन इन लिंक मार्गो से 20 से बाइस हजार बाइक, साइकिल व अन्य चार पहिया वाहन सवार लोग गुजरते हैं। बाबूगंज बाजार के आसपास विकासखंड फूलपुर, सहसों, बहादुरपुर और बहरिया ब्लॉक के सैकड़ों गांवों में लोगों की सुविधा के लिए करीब तीन दशक पहले लोक निर्माण विभाग द्वारा गांव की गलियों तक एवं मुख्य मार्गो को जोड़ने वाली सड़कों का जाल बिछाया गया।
लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि बनने के दौरान सड़क पूरी तरह चकाचक हालत में थी। लेकिन देखते ही देखते इन लिंक मार्गो की हालत खस्ता होती चली गई। आलम यह है कि बाइक व चार पहिया वाहन तो क्या पैदल चलना भी मुश्किलों से भरा है। विकास खंड सहसों के तिवारीपुर सेमरी गेट से निकलकर दर्जनों गांवों के बीच से होती हुई जौनपुर और प्रतापगढ़ के मुख्य मार्गो से जुड़ती हैं। इन मार्गों पर अधिक आवागमन होने के चलते सड़कें बड़े बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। जिसमें दर्जनों यात्री रोज गिर कर घायल होते रहते हैं। ग्रामीण लगातार विभाग के अधिकारियों से शिकायत भी कर रहे हैं फिर भी सड़कों की दुर्दशा पर उनका दिल नहीं पसीज रहा। सहसों विकास खंड के जगदेवपुर बरेठी, उमरपुर भवानी का पूरा, बेलवा होते हुए सरायचंदी स्टेशन जाने वाले संपर्क मार्ग की दशा तो बद से बदतर हालत में पहुंच गई है। जबकि जिन गांवों से यह सड़क गुजरती है यहां की आबादी लगभग 25 से 30 हजार से अधिक की आबादी है। इन गांवों में इस सड़क पर यदि आप गुजर रहे हैं तो आपको इस भीषण गर्मी में भी बारिश का अहसास जरूर हो जाएगा। क्योंकि गड्ढों में तब्दील इस मार्ग पर कहीं 100 मीटर तो कहीं ढाई सौ मीटर सड़क पर जल जमाव के साथ कीचड़ के बीच से ही होकर गुजरना होगा। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मार्ग भी है गड्ढों में तब्दील देश की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले बाबूगंज क्षेत्र के सिंगरामऊ गांव के रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम पदारथ शुक्ल के नाम से स्थापित प्रयागराज जौनपुर राजमार्ग से निकलकर भोपतपुर, सिंगरामऊ, सेमरी, बेलवा आदि दर्जनों गांवों को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग की सुधि सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने स्थापना के बाद से आज तक नहीं ली। करीब दो दशक बनी इस सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे होने के साथ ही इसकी गिट्टियां उखड़ कर किनारे लग गई हैं। जगह जगह जलजमाव बना है। गांव के भूपेंद्र मिश्र उर्फ पप्पू ने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन, जेई के साथ अन्य अधिकारियों से मिलकर, लिखित एवं मौखिक शिकायत कई बार किया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजनों ने भी सड़क की मरम्मत की मांग उठाई लेकिन अधिकारी है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम से बने इस लिंक मार्ग के मरम्मत की बात तो दूर मौका मुआयना करने गांव तक नहीं पहुंचे। जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा ने भी किया निराश बाबूगंज इलाके के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संपर्क मार्ग, बेलवा, बरेठी, उमरपुर, बीरकाजी महुलिया मार्ग, बाबूगंज आटा मार्ग, नरई मार्ग, शारदा सहायक की पटरी पर बनी काली सड़क इस कदर गड्ढों में तब्दील है कि रात क्या दिन में भी चलना मुश्किल है। ग्रामीण क्षेत्र के सांसद, विधायक, जिलापंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से भी सड़क की मरम्मत के लिए आग्रह कर चुके है। लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा भी ग्रामीणों को सिर्फ और सिर्फ आश्वासनों का ही घूंट पिलाया जा रहा है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों की इन सड़कों के प्रति उदासीनता ग्रामीणों को बड़ी निराशा दे रहा है। बाबूगंज में बदहाल लिंक मार्ग - प्रयागराज जौनपुर राजमार्ग से निकलकर सराय अब्दुल मालिक जाने वाली सड़क। - इफको गेट से निकलकर बीरकाजी महुलिया संपर्क मार्ग। - यादव चौराहा से निकलकर आटा वाया सिठौली संपर्क मार्ग। - बाबूगंज से देलापुर कनेहटी संपर्क मार्ग। - झांझरी से सरायचंदी जाने वाला संपर्क मार्ग। - आजाद नगर में प्रयागराज जौनपुर राजमार्ग से निकलकर कल्याणी मंदिर तक जाने वाला नहर की पटरी की काली सड़क। - चिरौड़ा खोदायपुर संपर्क मार्ग - भोपतपुर सहसों में प्रयागराज जौनपुर मार्ग को जोड़ने वाला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मार्ग। - सेमरी गेट से सिंगरामऊ संपर्क मार्ग बोले जिम्मेदार महाकुम्भ के पहले जिन सड़कों का प्रस्ताव भेजा गया था। स्वीकृति मिलने के बाद उन सड़कों की मरम्मत हो चुकी है। अन्य बची सड़कों के प्रस्ताव की स्वीकृति मिलते ही मरम्मत कार्य शुरू कराया जाएगा। -प्रवीण पटेल, सांसद, फूलपुर संपर्क मार्ग का प्रस्ताव भेजा है। जल्दी ही स्वीकृति मिल जाएगी तो काम प्रारंभ हो जाएगा। लोगों की परेशानियों को देखते हुए ही प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही लोगों को इस समस्या से निजात मिल जाएगी। -दीपक पटेल, विधायक, फूलपुर -------------------- हमारी भी सुनें संपर्क मार्गो की दुर्दशा अधिकारियों की कृपा से है। शासन से धन निर्गत होने के बाद धरातल तक नहीं पहुंच पाता है। कई सड़के है ऐसी हैं कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभिलेखों में बन गई है। लेकिन आज तक पूर्ण नहीं हो सकी। कुछ अधिकारी बीस वर्ष से अधिक समय से प्रयागराज में डटे है जो सरकार की छवि खराब कर रहे है। -भूपेंद्र मिश्रा, जिला उपाध्यक्ष, किसान मोर्चा भोपतपुर सरायचंदी मार्ग बने एक दशक से ऊपर हो गया है। पिछले साल पेइचिंग का काम केवल खानापूर्ति कर इतिश्री कर दिया गया। जिसका परिणाम ग्रामीण भुगत रहे है। सार्वजनिक निर्माण विभाग का ग्रामीण गणेश परिक्रमा करते रहते है। लेकिन अधिकारी मुख्यमंत्री के सपनों को पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते। -दिनेश कुमार शुक्ला, देवनहरी ग्रामीणों ने संघर्ष करते हुए तत्कालीन मंडलायुक्त की स्वीकृति से भोपतपुर सरायचंदी मार्ग का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम पदार्थ शुक्ल संपर्क मार्ग जो भोपतपुर, सिंगारा मऊ, तिवारीपुर, जगदेवपुर बरेठी होते हुए सरायचंदी स्टेशन तक जा रही संपर्क मार्ग लगभग नौ किलोमीटर में पांच साल से गड्ढे में तब्दील है। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि स्वतंत्रता सेनानी के सम्मान में सड़क आदर्श सड़क बनेगी। लेकिन सरकार की मंशा के विपरीत पीडब्ल्यूडी में दशकों से जमे अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सड़क ग्रामीणों के उम्मीदों पर पानी फेर दिए है। -पवन कुमार पांडेय, नेता, विहिप जगदेवपुर बरेठी सड़क की दुर्दशा के लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार है। ग्रामीणों ने दर्जनों बार शिकायत की। बीते वित्तीय वर्ष में कुछ पैचिंग का काम शुरू हुआ। अधूरा काम छुटा की आज तक कोई पूछने नहीं आया। जबतक जिम्मेदारी तय नहीं होगी सरकार के प्रयासों पर अधिकारी पानी फेरते रहेंगे। -संदीप द्विवेदी, समाजसेवी, सिंगरामऊ भोपतपुर सरायचंदी मार्ग पर 14 किलोमीटर में अनगिनत गड्ढे है। जो गड्ढे आवासीय क्षेत्र में है उनमें पानी भर गया है। जिसमें राहगीर गिरकर चुटहिल होते रहते है। ग्रामीण प्रधान के साथ जनप्रतिनिधियों के माध्यम से अपनी बात पहुंचाते है। लेकिन परिणाम शून्य ही है। -छोटे भारतीय, जगदेवपुर बरेठी जिला मुख्यालय के साथ सरायचंदी रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के लिए दर्जनों गांवों की यह सड़क जीवन रेखा है। सड़क बनने के बाद लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। लेकिन यह खुशी कुछ वर्षों में ही पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की भेंट चढ़ गई। -शारदा सिंह, जगदेवपुर बरेठी सड़क की दुर्दशा ऐसी है कि नात रिश्तेदार कार से नहीं आना चाहते। यही दशा रही तो ट्रैक्टर भी चलना बंद हो जाएगा। घर बनवाना हो तो गिट्टी बालू सीमेंट सरिया घर तक पहुंचने में दोगुना खर्च बढ़ जाता है। पता नहीं कब इसके दिन बहुरेंगे। -रामसेवक हरिजन, उमरपुर सड़क में गड्ढा है कि गड्ढे में सड़क है अनुमान लगाना मुश्किल है। ग्रामीणों को लगा कि स्वतंत्रता सेनानी के नाम से बने मार्ग की देख रेख प्रशासन प्राथमिकता के आधार पर करेगा। लेकिन सड़क की दुर्दशा अमर शाहिद स्वतंत्रता सेनानी की देशभक्ति और समर्पण को अंगूठा दिखा रही है। अब लोगों का विश्वाश उठता जा रहा है कि इसकी दशा सुधरेगी। -ठाकुर रामेंद्र बहादुर सिंह, उमरपुर गांव के लोग खेती पर निर्भर है। सरकार ने किसानों की उपज को मंडियों तक सुगमता से पहुंचाने सोच के साथ गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए संपर्क मार्ग बनवाए। लेकिन अधिकारियों की लाल फीताशाही की भेंट चढ़ते संपर्क मार्ग बद से बदतर हो गया है। जबकि सरकार की योजनाओं में सड़कों का निर्माण प्रमुख है। -त्रिभुवन यादव, जगदेवपुर बरेठी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।