चार प्रार्थना पत्रों में एक का भी नहीं हुआ समाधान
Gangapar News - राजस्व कर्मियों की लापरवाही के कारण मांडा का समाधान दिवस औपचारिकता बन गया है। लेखपालों की अनुपस्थिति से कोई समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है, जिससे फरियादियों की संख्या भी घट गई है। शनिवार को आयोजित...
राजस्व कर्मियों की अनदेखी और लापरवाही के चलते मांडा का समाधान दिवस पूरी तरह औपचारिकता बन कर रह गया है। लेखपालों के न आने से राजस्व संबंधी किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो पाता, जिससे फरियादियों की संख्या भी मांडा में अब बेहद कम होने लगी है। आये राजस्व संबंधी चार प्रार्थना पत्रों में किसी का भी निस्तारण नहीं हो पाया। शनिवार को मांडा थाने पर आयोजित समाधान दिवस में नायब तहसीलदार मांडा यमुना प्रसाद सरोज व मात्र दो कानूनगो और केवल चार लेखपाल आ पाये, जिनमें दो लेखपाल कोरांव क्षेत्र के रहे। मांडा थाना क्षेत्र की डेढ़ दर्जन ग्राम पंचायतें कोरांव तहसील से संबंधित हैं।
कोरांव तहसील से मात्र दो लेखपाल मांडा के समाधान दिवस में आये। समाधान दिवस की अध्यक्षता एसीपी मेजा सत्य प्रकाश उपाध्याय व संचालन इंस्पेक्टर मांडा शैलेंद्र सिंह ने किया। समाधान दिवस में राजस्व संबंधी चार प्रार्थना पत्र आये, लेकिन एक भी मामले का निस्तारण नहीं हो पाया। सभी मामलों को रजिस्टर में अंकित कर जांच के लिए रख दिया गया। राजस्व व पुलिस से संबंधित ज्यादातर अधिकारियों को मांडा थाने के समाधान दिवस से कोई मतलब नहीं रहता। इस समाधान दिवस में एसडीएम या तहसीलदार तो स्तर के कोई अधिकारी नहीं आते, जिससे फरियादियों में काफी निराशा रही। एसडीएम मेजा अथवा एसडीयम कोरांव अपने अपने तहसील के नजदीकी थाने को छोड़ कभी भी मांडा के समाधान दिवस में नहीं आते, जिससे मांडा का समाधान दिवस पूरी तरह औपचारिकता बन कर रह गया है।
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