Girl Student approached High Court after getting low marks in Mathematics marks increased to 69 after re examination सही उत्तर पर भी जीरो...गणित में कम मार्क्स मिलने पर हाईकोर्ट पहुंची छात्रा, दोबारा जांच में 34 से बढ़कर 69 नंबर हुए, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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सही उत्तर पर भी जीरो...गणित में कम मार्क्स मिलने पर हाईकोर्ट पहुंची छात्रा, दोबारा जांच में 34 से बढ़कर 69 नंबर हुए

औरैया में एक छात्रा ने इंटर में गणित में 35 नंबर कम मिलने की लड़ाई हाईकोर्ट से जीत ली है। हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अपर सचिव को छात्रा को गणित में 34 के स्थान पर 69 अंक देकर एक महीने में सही अंकपत्र जारी करने का निर्देश दिया है।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, औरैयाTue, 24 Dec 2024 02:58 PM
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सही उत्तर पर भी जीरो...गणित में कम मार्क्स मिलने पर हाईकोर्ट पहुंची छात्रा, दोबारा जांच में 34 से बढ़कर 69 नंबर हुए

यूपी के औरैया से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां सही उत्तर होने पर भी बोर्ड ने एक छात्रा को कम नंबर दिए। इस पर छात्रा ने हाईकोर्ट का रुख किया। अब गोपाल इंटर कॉलेज की मेधावी छात्रा ने इंटर में गणित विषय में 35 नंबर कम मिलने की लड़ाई हाईकोर्ट से जीत ली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अपर सचिव को छात्रा को गणित में 34 के स्थान पर 69 अंक देकर एक महीने में सही अंकपत्र जारी करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने मेधावी छात्रा आस्था की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। उधर, बोर्ड ने दोनों परीक्षकों को तीन वर्ष के लिए डिबार कर दिया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता महावीर शर्मा ने बताया कि मोहल्ला ब्रह्मनगर के रहने वाले सुबोध कुमार की बेटी आस्था ने साल 2024 में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की। सामान्य हिंदी, अंग्रेजी, फिजिक्स, कैमिस्ट्री में क्रमश 96, 95, 97, 94 अंक प्राप्त हुए लेकिन गणित में 34 अंक मिलने पर छात्रा को आश्चर्य हुआ। उसने स्क्रूटनी के साथ आरटीई के तहत परीक्षा पुस्तिका दिखाने के लिए आवेदन किया। स्क्रूटनी में भी कुछ नहीं हुआ। छात्रा ने कॉपी मिलने पर स्वयं और शिक्षकों से जंचवाई तो उत्तर सही होने के बावजूद उसे शून्य अंक मिले थे।

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छात्रा ने बोर्ड को प्रार्थना पत्र लिखा। कार्रवाई न होने पर छात्रा ने 21 नवंबर को हाईकोर्ट में सिविल रिट याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने विशेषज्ञों से जांच कराकर रिपोर्ट मांगी। सरकारी वकील ने दो विशेषज्ञों की रिपोर्ट दी। एक ने 69 अंक दिए तो दूसरे ने 66 नंबर। उधर, बोर्ड ने भी एक्शन लेते हुए दो परीक्षकों को तीन साल के लिए डिबार कर दिया है।