बोले गोण्डा : चलना दूर की बात, खड़े होने लायक नहीं बचे फुटपाथ
Gonda News - शहरों में फुटपाथों का अस्तित्व अतिक्रमण के चलते संकट में है। लोग पैदल चलने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं, जिससे हादसे हो रहे हैं। जिला प्रशासन ने कई बार अभियान चलाए लेकिन समस्या बनी हुई है। नागरिकों...

यातायात की सुगमता के लिए सड़कों के किनारे फुटपाथ जरूरी है। शासन और प्रशासन की ओर से फुटपाथ बचाने को समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं और जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी होते हैं। लेकिन शहरों से लेकर कस्बों तक फुटपाथ संकट में हैं। शहरों व कस्बों से गुजरने पर सबसे अधिक संकट उसके फुटपाथ को लेकर है। यहां तक कि पैदल चलने वालों की बड़ी परेशानी होती है और फुटपाथ खाली न होने से लोग हादसे के शिकार हो रहे हैं। हिन्दुस्तान ने बोले गोण्डा मुहिम के तहत इस मुद्दे पर लोगों से बातचीत की। शहर के लोगों ने फुटपाथ पर संकट को दूर करने की मांग उठाई।
उन्होंने इसके लिए जागरूकता पर जोर दिया। गोण्डा। शहर में फुटपाथों का अस्तित्व अतिक्रमण के चलते खतरे में नजर आ रहा है। कोई भी फुटपाथ ऐसा नहीं है, जिसका प्रयोग पैदल राहगीर कर पा रहे हो। इतना ही नहीं सड़कें भी अतिक्रमण की चपेट में हैं। इससे राहगीर तो परेशान होते ही हैं वाहनों के आवागमन में भी दिक्कत होती है। हिन्दुस्तान के बोले गोंडा कार्यक्रम में संकट में फुटपाथ पर लोगों से समस्या जानने की कोशिश की तो लोगों ने संवाद में बताया कि समस्या का निराकरण होने के बजाय यह बढ़ रही है। जिसके चलते शहर के लोग क्षुब्ध हैं। इसके बाद भी अतिक्रमण को हटाने के लिए ठोस प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। लोगों ने बताया कि जिला अस्पताल और महिला अस्पताल के आस पास फुटपाथ न के बराबर है। यहां पर दुकानदारों के साथ ही ई-रिक्शा के खड़े होने से राहगीरों को काफी दिक्कत होती है। लोगों ने बताया कि अस्पताल आने वाले मरीजों और तीमारदारों को इससे जाम का हर दिन सामना करना पड़ता है। नगर पालिका और नगर प्रशासन ने संयुक्त रूप से कई बार अभियान भी चलाया, जो प्रभाव नहीं डाल सका है। लोग कुछ दिन बाद फिर कब्जा कर ले रहे हैं। इससे अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सड़क के साथ फुटपाथ जरूरी है इससे सड़कों की सुरक्षा भी होती है और यातायात सुगम और सुखद बन जाता है। लेकिन शहर से लेकर कस्बों तक अतिक्रमणकारी फुटपाथ ही लील गए हैं। मुख्यालय की कोई भी सड़क ऐसी नहीं बची है जिसके फुटपाथ अतिक्रमण के शिकार न हो। खास यह है कि मंडल व जिले के अधिकारियों के कालोनियों से लेकर आम बाजारों तक इसकी शिकायतें हैं। कई बार अधिकारियों की ओर से इसे खाली भी कराए गए लेकिन दो तीन माह नहीं बीते, हालात फिर वहीं हो गए। डीएम से लेकर कचहरी रोड, जेल रोड, लखनऊ रोड सभी पर राह चलना दूभर होता है। चौक की हालत और भी बदतर बनी हुई है। गुरुनानक चौराहे से गुड्डूमल चौराहे तक मौजूदा समय सुंदरीकरण का काम हो रहा है। महिला अस्पताल गेट व कई निजी अस्पताल व पैथोलॉजी होने से फुटपाथ दिखाई नहीं पड़ता है। इससे आगे चौक बाजार में प्रवेश करते ही फुटपाथ पर वाहन खड़े रहते हैं। राह चलने में सिर्फ तीन मीटर सड़क बचती है। यही हालात पीपल चौराहे से मनोरंजन तिराहे तक और पुरानी सब्जी मंडी के रास्ते पर बने हुए हैं। शहर मुख्यालय हो या कोई कस्बा, मेन मार्ग पर निकलिए यहां सड़क किनारे फुटपाथ पर गिट्टी, मौरंग से लेकर सरिया और कृषि मशीनरी यंत्र सजे रहते हैं। लोगों को आने जाने का रास्ता नहीं बचता है। हालात यह है कि लोगों की पक्की दुकानें और अंदर गोदाम होने के बावजूद बाहर दूर तक सरिया फैलाए रहते हैं। यह कभी-कभी सड़क तक पहुंच जाती है। मुख्यालय पर स्टेशन रोड और लखनऊ रोड इसके दो उदाहरण है। यही स्थितियां गिट्टी और मौरंग वालों की होती है। कृषि यंत्रों की बिक्री करने वाले भी फुटपाथ को सजाए रखते हैं। जिससे न सिर्फ शहर व कस्बे की सुंदरता को तार-तार कर रहे हैं बल्कि यातायात को भी बदतर बना रहे हैं। प्रस्तुति: एसएन शर्मा/रंजीत तिवारी/ सच्चिदानंद शुक्ला बोले लोग ----------------------- शहरी क्षेत्र के फुटपाथ पर दुकानदारों ने पूरी तरह से सामान रखकर कब्जा कर रखा है जिसकी वजह से लोगों को परेशानी होती है इसे खाली कराया जाना आवश्यक है। -आलोक शुक्ला ग्रामीण क्षेत्रों और कस्बों के बाजारो में फुटपाथ पर लोगों ने पूरी दुकान ही लगा रखी है, इसकी वजह से आए दिन हादसा होता है। इन दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। -विक्रम शंकर तिवारी फुटपाथ खाली कराया जाए जिससे पैदल जाने आने वाले लोगों को सहूलियत मिले और हादसे भी न हो इसको लेकर जिला प्रशासन कड़ी कार्रवाई करें। अभियान चलाया जाना चाहिए। -अंकुर मिश्रा फुटपाथ शहर के लोगों की सुविधा के लिए हैं, अतिक्रमण करने के लिए नहीं। जो लोग इन पर काबिज हो चुके हैं उनको हटाकर कठोर कार्रवाई की जाए ताकि फिर किसी की हिम्मत न पड़े। -संदीप चौबे बोले जिम्मेदार --------------- शहरों में फुटपाथ की समस्या गंभीर है, इसके लिए प्रशासन व अन्य विभागों की ओर से समय-समय पर अभियान चलाकर खाली कराए जाते हैं। कई बार नोटिसें दी गई है और बीते छह महीनों में संबंधित विभागों ने डेढ़ लाख से अधिक जुर्माना वसूल किया गया है। - पंकज वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट
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