बोले गोंडा: सड़कों पर सावधानी में कमी से हादसे,जिम्मेदार बेपरवाह
Gonda News - गोंडा जिले में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है, जहां 217 दुर्घटनाओं में 134 लोगों की मौत हो चुकी है। इस समस्या का मुख्य कारण ब्लैक स्पॉट्स और यातायात नियमों का उल्लंघन है। स्थानीय लोग सुधार...

सड़कों के दुर्घटना बहुल इलाके (ब्लैक स्पॉट) लोगों की जिंदगियां लील रहे हैं। आई रेड एप के अनुसार इस वर्ष जनवरी माह से अब तक कुल 217 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें से 134 लोगों की मौत हुई है और 123 लोग घायल हुए हैं। वहीं यातायात विभाग 270 दुर्घटनाएं होना बता रहा है। यह दुर्घटनाएं यातायात नियमों के उल्लंघन व ओवर स्पीड से हुई बताई जा रही हैं। परिवहन विभाग की ही मानें तो जिले में इस समय कुल 11 ब्लैक स्पॉट हैं, जिनमें सिर्फ अयोध्या-गोण्डा हाईवे पर ही सात ब्लैक स्पॉट हैं। चार ब्लैक स्पॉट अन्य जगहों की सड़कों पर हैं।
लोगों ने ब्लैक स्पॉट में सुधार किए जाने की मांग की है, जिससे दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके। गोण्डा। जिले में किसी बीमारी व सामान्य मौतों से अधिक हादसे में मौत हो रही है। यह मौतें चिंता का विषय भी बन रही हैं। आयुक्त से लेकर डीएम तक दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास किए जाने के निर्देश भी बराबर देते हैं। यहां तक कि आयुक्त की पहल पर नो हेलमेट नो पेट्रोल की मुहिम भी चल रही है। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में ब्लैक स्पॉट में सुधार करने के निर्देश के साथ ही सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई के आदेश भी दिए जा रहे हैं लेकिन दुर्घटनाएं कम नहीं हो रहीं हैं। हादसों के लिए लोग सड़कों की बनावट, ब्लैक स्पॉट और यातायात नियमों का पालन न करना मान रहे हैं। ब्लैक स्पॉट को सुधारने की दरकार जिले के आर्यनगर चौराहा, बेंदुली मोड़, नवाबगंज और लखनऊ हाईवे पर बने डिवाइडर सहित कई स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किए गए हैं। जिसमें सुधार की सख्त आवश्यकता है। लोगों का कहना है कि सड़क इंजीनियरिंग में सुधार और यातायात प्रबंधन के उपाय किए जाएं तो दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। ब्लैक स्पॉट में बेंदुली मोड़ पर जिला प्रशासन ने बीते दिनों बैरियर की व्यवस्था की है, जहां पर अस्थाई यातायात पुलिस कर्मियों को लगाया गया है। फिलहाल, स्थिति जस की तस बनी हुई है। हिन्दुस्तान के बोले गोंडा कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इन ब्लैक स्पॉट्स की स्थिति में सुधार किया जाए। ये उपाय किए जाने आवश्यक जानकारों ने बताया कि चौराहों की डिजाइन का पुनर्मूल्यांकन कर तकनीकी रूप से सुरक्षित ढंग से दोबारा निर्माण किया जाए। कहा कि ट्रैफिक फ्लो को ध्यान में रखते हुए अंडरपास, फ्लाईओवर में जेब्राक्रॉसिंग सिस्टम को लागू किया जाए। हर ब्लैक स्पॉट पर स्पष्ट और चमकदार रिफ्लेक्टिव साइनबोर्ड लगाए जाएं, रोड मार्किंग में लाइन, जेब्रा क्रॉसिंग, स्पीड ब्रेकर चेतावनी बोर्ड मानक के अनुसार लगाए जाएं। ब्लैक स्पॉट के बारे में चले जागरूकता अभियान लोगों ने कहा कि वाहन चालकों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जाए। स्कूल कॉलेज और ट्रांसपोर्ट अड्डों पर सेफ्टी वर्कशॉप कराई जाएं। हर ब्लैक स्पॉट पर इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर, नजदीकी अस्पतालों और पुलिस चौकियों को सतर्क रखा जाए। जिला प्रशासन, यातायात पुलिस और एनएचएआई द्वारा हर छह महीने में ब्लैक स्पॉट्स का निरीक्षण और सुधार कार्य किया जाए। ब्लैक स्पॉट्स पर दुर्घटनाओं की संख्या कम करने में आम जनता की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण होती है। ब्लैक स्पॉट पर वाहन की गति बहुत कम रखें, विशेषकर मोड़ और चौराहों पर, सड़क पर लगे सभी ट्रैफिक संकेतों और साइन बोर्ड का ध्यानपूर्वक पालन करें। दुर्घटना का केंद्र बना आर्यनगर चौराहा, सांकेतिक निशान तक नहीं गोण्डा-बहराइच मार्ग पर आर्यनगर चौराहा स्थित है। यहां पर सांकेतिक चिह्न एवं स्पीड ब्रेकर न होने के चलते आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। चौराहे पर दुर्घटना में कई लोगों की जान भी जा चुकी है। स्थानीय लोगों ने विभागीय व जनपद के अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों से चौराहा पर पुलिस बूथ एवं सांकेतिक चिह्न बनाए जाने की मांग की लेकिन स्थिति ज्यों कि त्यों बनी हुई है। कौड़िया थाना क्षेत्र के आर्य नगर चौराहा गोंडा-बहराइच व करनैलगंज-महाराजगंज को जोड़ता है। चौराहे पर कोई सांकेतिक चिह्न व स्पीड ब्रेकर न होने के चलते आए दिन दुर्घटना होती रहती है जिसमें लोग घायल हो जाते हैं तथा कुछ की जान चली जाती है। स्थानीय लोगों ने क्षेत्रीय विधायक बावन सिंह, कैसरगंज सांसद करन भूषण सिंह, एमएलसी मंजू सिंह, पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह से लेकर विभागीय अधिकारियों व जनपद के उच्चाधिकारियों से चौराहे पर सांकेतिक चिह्न, स्पीड ब्रेकर व पुलिस बूथ बनाए जाने की मांग की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। खूनी मोड़ के नाम से जानी जाती है दुल्लापुर रेलवे क्रासिंग गोंडा-अयोध्या हाईवे पर नवाबगंज से कटरा शिवदयाल गंज के मध्य स्थित दुल्लापुर रेलवे क्रासिंग के दोनों तरफ तीव्र मोड़ होने के चलते यह क्रासिंग दशकों से सड़क हादसे का सबब बनी हुई है। खासकर ठंड के दिनों में जब कुहासा छा जाता है तब इस क्रासिंग पर अक्सर कोई न कोई वाहन हादसे का शिकार हो जाता है। डेंजर जोन बना बेंदुली मोड़, एक साल में डेढ़ दर्जन मौतें इटियाथोक से खरगूपुर जाने वाले मार्ग पर स्थित बेंदुली मोड़ जो तीव्र और अंधा मोड़ है। अभी हाल ही में जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस स्पॉट को 'डेंजर जोन' घोषित किया है। मोड़ पर अस्थायी पुलिस बूथ की स्थापना के साथ डेंजर जोन के आसपास मार्ग पर स्लीप ब्रेकर, रेडियम संकेतक को लगवाया गया है। बेंदुली मोड़ पर एक साल के भीतर डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है, कई दर्जन लोग घायल हो चुके हैं। सड़क की गलत डिजाइन बन रही मौत की वजह इटियाथोक के बेंदुली मोड़ को लेकर हिन्दुस्तान के बोले गोंडा संवाद मुहिम में शामिल नेतराम, शिव शंकर शुक्ला, सुनील तिवारी सहित अन्य लोगों का कहना है कि चौराहे की डिजाइन इतनी खराब है कि यह वाहन चालकों के लिए भ्रमित करने वाली साबित हो रही है। इस कारण वाहनों की टक्कर आम हो गई है। इस मार्ग पर आए दिन वाहनों की टक्कर से लोगों की जान चली जाती है। मार्ग को एनएच की ओर से स्वीकृत नक्शे की जांच कराकर मौत के मोड़ को सही किया जाए। प्रस्तुति: प्रदीप तिवारी/राकेश सिंह/हनीफ सिद्दीकी फोटो-विजय मिश्र बोले लोग --------------------------- जिले में आए दिन हो रहे सड़क हादसों की वजह से अब सड़कों पर चलने से डर लगने लगा है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए संबंधित विभाग पूरी शिद्दत से काम करें तो जाकर लगाम लग सकती है। - रामचंद्र तिवारी इटियाथोक क्षेत्र में पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा सड़क हादसे देखने को मिले हैं। सड़क हादसे तभी कम होंगे जब प्रत्येक व्यक्ति जागरूक होगा। सड़क दुर्घटनाएं रोकी जानी चाहिए। - धर्म चंद्र तिवारी सड़क हादसों में हर साल सैकड़ों की संख्या में लोग जान गंवा रहे हैं जबकि सैकड़ों घायल हो जाते हैं। सड़क हादसों में कमी लाने के लिए निरंतर प्रयास की जरूरत है। -रमेश कुमार जिले में सड़कें चौड़ी हो रही हैं लेकिन सड़क हादसों के बचाव के इंतजाम अभी नाकाफी साबित हैं। आए दिन सड़क हादसे होने की संख्या बढ़ रही है, जिनमें बहुत लोगों के घर उजड़ रहे हैं। -पवन कुमार जिले में सड़क हादसे होने की कई वजह भी सामने आ रही है। इसमें से सबसे ज्यादा ओवर स्पीडिंग के मामले भी देखने को मिल रहे हैं। लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है। -संतोष शुक्ला बोले जिम्मेदार --------------------- जिले में कुल 11 ब्लैक स्पाट चिह्नित किए गए हैं, जिनमें सात तो अयोध्या-गोण्डा रोड पर ही हैं। ब्लैक स्पॉट की लिस्ट पीडब्ल्यूडी विभाग को भेज दी गई है और उनसे इन स्थानों पर सुधार करने का अनुरोध किया गया है। -शैलेंद्र त्रिपाठी, पीटीओ संभागीय परिवहन विभाग
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