भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य को जन्म मरण के चक्र से मुक्ति की प्राप्ति हो जाती है : ओंकार
Ayodhya News - बीकापुर में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक ओंकार नाथ शास्त्री ने भक्तों को संकट में ईश्वर के अवतार और धर्म की स्थापना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनने से...

बीकापुर, संवाददाता। विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत मरुई सहाय सिंह वंशवनपुर दौनी बाबा सिद्धपीठ पर आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन सोमवार शाम कथावाचक ओंकार नाथ शास्त्री ने बताया कि जब-जब भक्त संकट में होते हैं। पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है। अताताई और अत्याचारी बढ़ते हैं। तब ईश्वर विविध रूपों में अवतार लेकर पृथ्वी को पापियों से मुक्त करके, भक्तों की रक्षा कर पुनःधर्म की स्थापना करते है। कथा प्रवाचक ने बताया कि भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य को जन्म मरण के चक्र से मुक्ति की प्राप्ति हो जाती है। कहा कि भगवान की भक्ति में अधिक से अधिक समय देना चाहिए।
कथावाचक ने कहा कि परमात्मा ही परम सत्य है। जब हमारी वृत्ति परमात्मा में लगेगी तो संसार गायब हो जाएगा। प्रश्न यह है कि परमात्मा संसार में घुले-मिले हैं तो संसार का नाश होने पर भी परमात्मा का नाश क्यों नहीं होता। वह कहते हैं कि इसका उत्तर यही है कि भगवान संसार से जुड़े भी हैं और अलग भी हैं। आकाश में बादल रहता है और बादल के अंदर भी आकाश तत्व है। बादल के गायब होने पर भी आकाश गायब नहीं होता। इसी तरह संसार गायब होने पर भी परमात्मा गायब नहीं होते। कहा कि संसार की कोई भी वस्तु भगवान से अलग नहीं है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव होने पर महिलाओं ने सोहर और बधाई गीत गया। आरती और प्रसाद वितरण के बाद चौथे दिन की कथा को विश्राम दिया गया। कथा के दौरान पूर्व प्रधानाध्यापक सच्चिदानंद मिश्र, दयानंद, उदय नारायण, सुरेंद्र कुमार, सूर्य नारायण, शिव मूर्ति, राम मूर्ति, जग नारायण सहित श्रोता मौजूद रहे।
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