श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की त्रैमासिक बैठक शनिवार को हुई। इस बैठक में सभी ट्रस्टीज को राम मंदिर निर्माण की अद्यतन जानकारी दी गई। राम मंदिर के चारों प्रवेश द्वारों का नामकरण करने का निर्णय लिया गया है। इसके अनुसार जन्मभूमि पथ का नामकरण आदिगुरु रामानंदाचार्य के नाम पर होगा।
अयोध्या में राम मंदिर के प्रसाद के नाम पर वेबसाइट बनाकर लाखों लोगों से की गई तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी में से दो करोड़ 15 लाख रुपए वापस करा दिए गए हैं।
अयोध्या में बने राम मंदिर का निर्माण जारी है। इसी साल दिसंबर तक इसका निर्माण पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। राम मंदिर निर्माण में कई तरह के पत्थर और धातुओं का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर निर्माण में कितना सोना इस्तेमाल किया गया है?
गंगा दशहरा के मौके पर दोनों ने राम लला के दर्शन किए। भक्तों की कतार में बुर्का पहनी महिला को देखकर कई लोगों को आश्चर्य हुआ लेकिन फिर उनके पति अमीन ने जो कुछ कहा उसने सबका दिल जीत लिया। महिला ने भजन गाकर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया।
गंगा दशहरा के पावन मौके पर गुरुवार को अयोध्या के राम मंदिर में राम दरबार समेत अन्य देवी देवताओं के विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा हो गई। हालांकि आम भक्तों को इनका दर्शन करने के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा।
सीएम योगी गुरुवार को अयोध्या में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए। इसके बाद नगर निगम द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा कि पहले अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियां चलती थीं और आज पुष्प वर्षा होती है।
अयोध्या में पर्यावरण की स्थिति गंभीर है। हवा और पानी की कमी के कारण लोग बोतलबंद पानी पर निर्भर हो गए हैं। कई विकास योजनाओं के बावजूद, नदी और हरियाली के संरक्षण की जरूरत है। वृक्षारोपण अभियानों के तहत...
अयोध्या में मीठे गाँव स्थित टोल प्लाजा के पास वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 10,000 पौधे जैसे पीपल, लीची, आम, नीम और बोगन बेलिया लगाए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता बी थंगा दुरई...
राम मंदिर में विराजमान रामलला की ही तरह प्रथम तल पर विराजित राजा राम और माता सीता का वैभव देखकर एक बार फिर दुनिया चमत्कृत होगी। यहां चल रहे प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पर्व पर राजा राम और उनके सभी पार्षद पूरे राजसी वैभव के साथ आमजन को दर्शन देंगे।
भगवान रामेश्वरम की स्थापना के शुभ अभिजित मुहूर्त पूर्वाह्न 11:30 बजे से मध्याह्न 12 बजे के मध्य सभी देव विग्रहों में प्राणों का आधान किया जाएगा। इसके साथ ही, मुख्य मंदिर के प्राचीर में विभिन्न देवताओं को समर्पित सात मंदिरों में भी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।