अयोध्या: राम मंदिर में आज दूसरी बार भव्य प्राण प्रतिष्ठा, जानें पहली से क्या अलग?
भगवान रामेश्वरम की स्थापना के शुभ अभिजित मुहूर्त पूर्वाह्न 11:30 बजे से मध्याह्न 12 बजे के मध्य सभी देव विग्रहों में प्राणों का आधान किया जाएगा। इसके साथ ही, मुख्य मंदिर के प्राचीर में विभिन्न देवताओं को समर्पित सात मंदिरों में भी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के करीब डेढ़ साल बाद गुरुवार को दूसरी प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। मुख्य मंदिर के निर्माण का काम पूरा होने वाला है। आज यानी गुरुवार को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। जिसमें भगवान राम को उनके राजा रूप में देवी सीता, हनुमान और तीन भाइयों के साथ दिखाया गया है। गंगा दशहरा पर गुरुवार को भगवान रामेश्वरम की स्थापना के शुभ अभिजित मुहूर्त पूर्वाह्न 11:30 बजे से मध्याह्न 12 बजे के बीच सभी देव विग्रहों में प्राणों का आधान किया जाएगा। इसके साथ ही, गुरुवार को मुख्य मंदिर के प्राचीर में विभिन्न देवताओं को समर्पित सात मंदिरों में भी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। पहली मंजिल चल रहे रामदरबार के अलावा सभी सात मंदिरों में देव विग्रहों के संस्कार के साथ अधिवास, स्नान, नगर भ्रमण, स्नान बुधवार को पूरा हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अलग-अलग संतों की ओर से भगवान का नेत्रोन्मिलन कराकर उनके प्राकट्य की पहली आरती की जाएगी। इसके साथ ही तीन दिवसीय अनुष्ठान की पूर्णाहुति होगी। हालांकि इस बार की प्राण प्रतिष्ठा, पिछली प्राण प्रतिष्ठा से कई मायनो में अलग है।
पिछली बार देश और दुनिया से बड़ी संख्या में राम भक्तों को आमंत्रित किया गया था। इस बार मुख्यमंत्री और संतों के साथ करीब एक हजार विशिष्ट अतिथियों को ही आमंत्रित किया गया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि कोई भी प्राण प्रतिष्ठा शब्द सुनकर अयोध्या ना आए। वही लोग अयोध्या आएं जिन्हें राम लला का दर्शन करना हो। राम दरबार और परकोटे में बनाए गए मंदिरों का दर्शन श्रद्धालु अभी कुछ महीने नहीं कर पाएंगे। लिहाजा इस बार शहर के बाकी हिस्सों में कुछ प्रतिबंधों को छोड़कर गतिविधियां सामान्य रूप से चल रही हैं। मुख्य रूप से काशी, अयोध्या, बस्ती, दिल्ली, कोलकाता, देवप्रयाग, हरिद्वार, जम्मू आदि सहित देश के विभिन्न हिस्सों से 101 आचार्यों के धार्मिक अनुष्ठानों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो राम दरबार के साथ-साथ अन्य मंदिरों के लिए अनुष्ठान करने आए हैं।
नौ यज्ञ कुंडों पर एक साथ मंत्रोच्चार और हवन हो रहे हैं। चूंकि पिछले साल की तरह इस साल वीआईपी लोगों की कोई बड़ी आमद नहीं है, इसलिए यातायात प्रतिबंधों को भी कम से कम रखा गया है। हालांकि आज यानी 5 जून को पूरे शहर में ट्रैफिक डायवर्जन लागू किए गए हैं। अपराह्न तीन बजे तक के लिए पहले से जारी सभी आरती, सुगम और विशिष्ट दर्शन पास को निरस्त कर दिया गया है। बताया गया है कि क्रासिंग थ्री से आने वाले वीआईपी व्यक्तियों के वाहनों की पार्किंग राम पथ पर ही कराई जाएगी और फिर वहां इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) से यथास्थान तक पहुंचाया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने समारोह में आमंत्रित अतिथियों के लिए विशेष पास की भी व्यवस्था कराई है। इनकी सूची जिला प्रशासन और पुलिस के पास है। मुख्यमंत्री और संतों के साथ करीब एक हजार विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। मुख्यमंत्री के साथ चुनिंदा अतिथियों को शामिल करते हुए तीन अलग-अलग पंडाल भी लगाए गए हैं। इस भोज में अयोध्या के संत-महंतो के साथ सभी ट्रस्टीज, जनप्रतिनिधि गण और विभिन्न हिंदू संगठनों के पदाधिकारी और अलग-अलग क्षेत्रों के विशिष्ट जन शामिल हैं। कार्यक्रम सुबह साढ़े बजे शुरू होंगे।
सीएम योगी का जन्मदिन भी है आज
5 जून को सीएम योगी आदित्यनाथ का 53वां जन्मदिन भी है। राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार धार्मिक अनुष्ठानों के अलावा कोई कार्यक्रम नहीं होगा। इस बार मुख्य रूप से धार्मिक अनुष्ठानों और साधुओं और आचार्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जो अंतिम दिन यानी गुरुवार को अनुष्ठान करेंगे या भाग लेंगे। सीएम आदित्यनाथ को आमंत्रित किया गया है क्योंकि वह स्वयं एक संत हैं। उनके जन्मदिन को भी मनाने के लिए आमंत्रित किया गया है।
राजा राम और माता सीता समेत सभी विग्रह स्वर्ण आभूषणों से होंगे विभूषित
राम मंदिर में विराजमान रामलला की ही तरह प्रथम तल पर विराजित राजा राम और माता सीता का वैभव देखकर एक बार फिर दुनिया चमत्कृत होगी। यहां चल रहे प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पर्व पर राजा राम और उनके सभी पार्षद पूरे राजसी वैभव के साथ आमजन को दर्शन देंगे। भगवान का यह दर्शन प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत मध्याह्न 12 बजे होने वाली महाआरती के समय प्राप्त होगा। इसका दूरदर्शन व अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से सनातन प्रेमियों को मिलेगा। चूंकि राम मंदिर में बालक राम के अतिरिक्त बाकी सभी प्रतिष्ठित विग्रहों का नियमित दर्शन कराने को समय की प्रतीक्षा करनी होगी।
फिलहाल भगवान के श्रृंगार के लिए बुधवार को राजा राम और माता सीता सहित सभी देव विग्रहों के लिए हीरा-मोती जड़ित स्वर्णाभूषणों को लाया गया। इसमें भगवान के किरीट-कुंडल व मुकुट से लेकर कंठाहार, बाजू बंद करधनी, कंगन व ब्रेसलेट के अतिरिक्त माता सीता के सभी आभूषण एवं देवी -देवताओ के स्वर्ण निर्मित आयुध भी लाए गये है। इन आयुधों में तीर-धनुष व गदा के अतिरिक्त कटार व कृपाण भी शामिल हैं। दोपहर महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पर इन आभूषणों को लेकर विहिप पदाधिकारी पहुंचे और वहां से सीधे राम मंदिर चले गये। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में पहुंचने से पहले जानकारी दी।
छह कारीगरों ने दस दिन में तैयार किए स्वर्णाभूषण
अहमदाबाद से आए विहिप पदाधिकारी दिनेश ने बताया कि इन आभूषणों का निर्माण छह कारीगरों ने दिन-रात कड़ा परिश्रम कर दस दिन में तैयार किया है। बताया गया कि भगवान के अलग-अलग अंग-प्रत्यंग के आभूषणों के अलावा सोने के तीर धनुष व हनुमान जी गंदा इत्यादि शामिल हैं। बताया गया कि इन सभी आभूषणों को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की सहमति के बाद गुजरात के ही एक श्रद्धालु दिलीप भाई राखी ने रामलला को समर्पित किया है।