रामभक्तोंं के 2 करोड़ से ज्यादा उनके खाते में वापस, वेबसाइट बनाकर लाखों श्रद्धालुओं से हुई थी ठगी
अयोध्या में राम मंदिर के प्रसाद के नाम पर वेबसाइट बनाकर लाखों लोगों से की गई तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी में से दो करोड़ 15 लाख रुपए वापस करा दिए गए हैं।

अयोध्या के राम मंदिर के प्रसाद की ऑनलाइन डिलेवरी के नाम पर वेबसाइट बनाकर की गई ठगी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। राम भक्तों से की गई ठगी के दो करोड़ 15 लाख रुपये खातों में वापस करा दिए गए हैं। राम भक्तों से करीब तीन करोड़ 85 लाख ठगे गए थे। बाकी रकम भी वापस कराया जा रहा है। पिछले साल राममंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से ठीक पहले इस ठगी का खुलासा हुआ था। खादी आर्गेनिक नामक वेबसाइट बनाकर लोगों को प्राण प्रतिष्ठा के प्रसाद, मंदिर मॉडल व सिक्का की ऑनलाइन डिलीवरी के नाम पर ठगी हुई थी। साइबर थाना पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी और पुलिस विवेचना में जुटी थी।
तब शिकायतकर्ता को मैनेज करने रामजन्मभूमि कार्यशाला आये अमेरिका निवासी आशीष सिंह को तत्कालीन साइबर थाना प्रभारी ने गिरफ्तार किया था और धोखाधड़ी, आईटीऔर पासपोर्ट एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज करवा 18 जनवरी 2024 को चालान किया था। वह वेबसाइट के माध्यम से प्राण प्रतिष्ठा का प्रसाद फ्री में घर पहुंचाने के एवज में भारतीय से न्यूनतम 51 रुपये व विदेशी नागरिकों से न्यूनतम 11 डालर शुल्क वसूल रहा था। वेबसाइट के माध्यम से ठगी गई रकम को अपनें खाते में जमा कर रहा था।
विवेचना के दौरान पता चला कि वेबसाइट के माध्यम से लगभग 630695 लोगों से एस बैंक, पेटीएम, टेक्प्रोसेस, फोनपे, मोबीक्विक, लायरा वी टू, आईडीएफसी, टीएमबी आदि पेमेन्ट गेटवे के माध्यम से 3,85,55,739 रुपये जमा कराए गए। ठगी का शिकार हुए लोगों में से 3,72,520 पीड़ितों के बैंक खातों में अब तक उनसे ठगी गई 2,15,08,426 (दो करोड 15 लाख आठ हजार 426) रुपये वापस कराया गया है और अवशेष धनराशी 1,70,47,313 रुपये वापस कराये जाने की प्रक्रिया जारी है।
एसएसपी डा गौरव ग्रोवर ने बताया कि लगभग छह लाख 30 हजार से भी ज्यादा श्रद्धालुओं से प्रसाद वितरण के नाम पर तीन करोड़ 85 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी हुई थी। मामले की विवेचना में जुटी साइबर थाना पुलिस ने ठगी गई धनराशि को सीज करवा अभी तक पीड़ितों के खातें में 2 करोड़ 15 लाख की धनराशि वापस कराई है। अवशेष धनराशि को वापस कराया जा रहा है।
शातिर ने अमेरिका के विवि का प्रोफेसर बताया
तत्कालीन सीओ क्राइम आशीष निगम ने बताया था कि खुद को नॉर्थ ईस्टर्न विश्विद्यालय सेटल अमेरिका का प्रोफ़ेसर बताने वाले आशीष सिंह से पुलिस ने एक लैपटॉप, दो आईफोन, पासपोर्ट, पिट्ठू बैग, दिल्ली मेट्रो कार्ड, हेल्थ कार्ड, पांच डेबिट कार्ड, वाशिंगटन का ड्राइविंग लाइसेंस, दो आधार कार्ड, एक कास्ट्को कार्ड, एक डेल्टा कार्ड, एक ड्रिल मैप कार्ड, 13970 रुपये व 16 अमेरिकी डालर बरामद किए थे।
टीम को 15 हजार का इनाम मिला
मामले में एसएसपी ने साइबर थाना पुलिस की टीम को 15 हजार रुपये का इनाम दिया है। टीम में साइबर थाने के प्रभारी निरीक्षक मो.अरशद खान, निरीक्षक धर्मेन्द्र कुमार,उपनिरीक्षक ओम प्रकाश यादव, मुख्य आरक्षी रवि यादव,राजकुमार गौतम व प्रेम प्रकाश तथा साइबर सेल के आरक्षी पंकज शामिल रहे। साइबर थाना पुलिस को पहली बार नगद इनाम दिया गया है।