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अयोध्या में राम दरबार के साथ अब शेषावतार, अलग-अलग कोणों पर विग्रहों की भी प्राण प्रतिष्ठा

अभिजीत मुहूर्त में राम मंदिर की पहली मंजिल पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के दरबार और आठ विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा हुई। हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक गंगा दशहरा वह दिन है जब राजा भगीरथ की तपस्या से प्रेरित होकर पवित्र नदी गंगा भगवान शिव की जटाओं से पृथ्वी पर उतरी थीं।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानThu, 5 June 2025 04:22 PM
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अयोध्या में राम दरबार के साथ अब शेषावतार, अलग-अलग कोणों पर विग्रहों की भी प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के बाद राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा गुरुवार को हो गई। इसके साथ ही शेषावतार और अलग अलग कोणों पर स्थापित देवताओं और देवियों के विग्रह की भी प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे और देव विग्रहों का पूजन किया। गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर पहले से निकाले गए अभिजीत मुहूर्त में राम मंदिर की पहली मंजिल पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के दरबार और आठ विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा हुई। हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक गंगा दशहरा वह दिन है जब राजा भगीरथ की तपस्या से प्रेरित होकर पवित्र नदी गंगा भगवान शिव की जटाओं से पृथ्वी पर उतरी थीं।

प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूर्वाहन 11 बजकर 25 मिनट से 11 बजकर 40 मिनट के बीच आयोजित किया गया। मुख्य राम दरबार के अलावा, राम मंदिर परिसर के भीतर आठ अन्य मंदिरों का अभिषेक भी किया गया। समारोह पूरे धार्मिक अनुष्ठानों और वैदिक मंत्रों के साथ आयोजित किये गये। माता जानकी के साथ सिंहासन पर विराजमान भगवान श्रीराम, उनके साथ खड़े भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के विग्रहों के साथ-साथ भगवान बजरंगबली के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा वैदिक विधि-विधान से संपन्न हुई। सफेद संगरमर से बनी प्रतिमाएं अलग ही शोभा बिखेर रही थीं।

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श्रीराम दरबार और शेषावतार के साथ जिन मन्दिरों में प्राण प्रतिष्ठा हुई उनमें परकोटा के ईशान कोण पर स्थित शिव मंदिर, अग्निकोण में गणेशजी, दक्षिणी भुजा के मध्य में हनुमानजी, नैऋत्य कोण में सूर्य, वायव्य कोण में मां भगवती के साथ परकोटा की उत्तरी भुजा के मध्य में अन्नपूर्णा माता शामिल हैं।

इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की घोषणा की। उन्होंने अपने संदेश में कहा, ''प्रभु श्री राम की पावन जन्मभूमि अयोध्या धाम में आज श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर श्री राम दरबार सहित अष्ट देवालयों में पवित्र देव विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा हेतु आयोजित कार्यक्रम का साक्षी बनने का परम सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। यह पावन अवसर 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की नूतन अभिव्यक्ति है। सियावर श्री रामचन्द्र की जय!'' अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर परिसर में रामलला की मूर्ति का पहला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित किया गया था।

मुख्यमंत्री रामकथा हेलीपैड पर उतरने के बाद सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर पहुंचे और भगवान बजरंगबली की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। हनुमानगढ़ी में पूजा के बाद वे राम मंदिर आए। श्रीरामलला मंदिर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीराम की विधिवत पूजा की और उनकी आरती उतारी। इस दौरान मंदिर परिसर में उपस्थित श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम के जयघोष के साथ उत्साहपूर्ण माहौल बनाया। मुख्यमंत्री ने भक्तों के साथ संवाद किया और उनकी शुभकामनाएं स्वीकारीं। योगी श्रीरामलला मंदिर के मुख्य परिसर में स्थित अन्य मंदिरों में भी गये, जहां विभिन्न देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई।

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