Ram mandir: राजा राम व माता सीता समेत सभी विग्रह स्वर्ण आभूषणों से होंगे विभूषित, 6 कारीगरों ने 10 दिन में बनाए ये आभूषण
राम मंदिर में विराजमान रामलला की ही तरह प्रथम तल पर विराजित राजा राम और माता सीता का वैभव देखकर एक बार फिर दुनिया चमत्कृत होगी। यहां चल रहे प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पर्व पर राजा राम और उनके सभी पार्षद पूरे राजसी वैभव के साथ आमजन को दर्शन देंगे।

राम मंदिर में विराजमान रामलला की ही तरह प्रथम तल पर विराजित राजा राम और माता सीता का वैभव देखकर एक बार फिर दुनिया चमत्कृत होगी। यहां चल रहे प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पर्व पर राजा राम और उनके सभी पार्षद पूरे राजसी वैभव के साथ आमजन को दर्शन देंगे। भगवान का यह दर्शन प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत मध्याह्न 12 बजे होने वाली महाआरती के समय प्राप्त होगा। इसका दूरदर्शन व अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से सनातन प्रेमियों को मिलेगा। चूंकि राम मंदिर में बालक राम के अतिरिक्त बाकी सभी प्रतिष्ठित विग्रहों का नियमित दर्शन कराने को समय की प्रतीक्षा करनी होगी।
फिलहाल भगवान के श्रृंगार के लिए बुधवार को राजा राम व माता सीता सहित सभी देव विग्रहों के लिए हीरा-मोती जड़ित स्वर्णाभूषणों को लाया गया। इसमें भगवान के किरीट-कुंडल व मुकुट से लेकर कंठाहार, बाजू बंद करधनी, कंगन व ब्रेसलेट के अतिरिक्त माता सीता के सभी आभूषण एवं देवी -देवताओ के स्वर्ण निर्मित आयुध भी लाए गये है। इन आयुधों में तीर-धनुष व गदा के अतिरिक्त कटार व कृपाण भी शामिल हैं। दोपहर महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पर इन आभूषणों को लेकर विहिप पदाधिकारी पहुंचे और वहां से सीधे राम मंदिर चले गये। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में पहुंचने से पहले जानकारी दी।
छह कारीगरों ने दस दिन में तैयार किए स्वर्णाभूषण
अहमदाबाद से आए विहिप पदाधिकारी दिनेश ने बताया कि इन आभूषणों का निर्माण छह कारीगरों ने दिन-रात कड़ा परिश्रम कर दस दिन में तैयार किया है। बताया गया कि भगवान के अलग-अलग अंग-प्रत्यंग के आभूषणों के अलावा सोने के तीर धनुष व हनुमान जी गंदा इत्यादि शामिल हैं। बताया गया कि इन सभी आभूषणों को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की सहमति के बाद गुजरात के ही एक श्रद्धालु दिलीप भाई राखी ने रामलला को समर्पित किया है।