रिवाइज : मोदी को है सरेंडर करने की आदत : राहुल गांधी
मोदी को है सरेंडर करने की आदत : राहुल गांधीमोदी को है सरेंडर करने की आदत : राहुल गांधीमोदी को है सरेंडर करने की आदत : राहुल गांधीमोदी को है सरेंडर करने की आदत : राहुल गांधी

मोदी को है सरेंडर करने की आदत : राहुल गांधी कहा-ट्रंप ने 11 बार कहा कि मोदी ने किया सरेंडर, फिर भी खामोश रहे प्रधानमंत्री 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' से समझा 90 फीसदी आबादी की नहीं है भागीदारी राहुल गांधी हैं असली लड़ाई के सेनानी: डॉ. अनिल जैन फोटो अलग से राजगीर/बिहारशरीफ, हिंदुस्तान टीम। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। कहा कि मोदी को सरेंडर करने की आदत है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से 11 बार कहा कि मैंने मोदी को सरेंडर करवाया।
लेकिन, प्रधानमंत्री ने कभी उसका जवाब नहीं दिया। आखिर वो क्यों नहीं बोले कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। श्री गांधी ने कहा कि उन्हें राजनीति में आने के बाद धीरे-धीरे यह समझ आया कि जिसे हम इंडिया कहते हैं, उसमें 90 फीसदी आबादी (अति पिछड़ा, दलित, पिछड़ा) की कोई भागीदारी नहीं है। उन्होंने इस बात को अपने दादा द्वारा लिखी गई किताब 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' के अनुभव से जोड़ते हुए कहा कि उनकी भी 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' हुई, जिससे उन्हें यह सच्चाई दिखी। सामाजिक न्याय की लड़ाई में साथ : राजेश राम: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि जब भी सामाजिक न्याय की बात होती थी, खासकर कांग्रेस पार्टी की, तब कई बार समाज के लोगों को भ्रम और भरोसे की कमी रहती थी। लेकिन, राहुल गांधी ने इस भरोसे को मजबूत किया है। वे साफ शब्दों में देश के ओबीसी, ईबीसी, एससी-एसटी समुदायों को यह संदेश दे चुके हैं कि उनका सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष सिर्फ भागीदारी नहीं, बल्कि हिस्सेदारी तक है। कहा कि राहुल गांधी ने सामाजिक न्याय की कमियों को दूर करने के लिए जातीय जनगणना की जोरदार मांग की। अकेला न छोड़ें राहल गांधी को : राजेश राम ने कहा कि भले ही केंद्र सरकार इस जनगणना को टालती रही, लेकिन राहुल गांधी के लगातार प्रयासों के कारण अब सरकार को इसे स्वीकार करना पड़ा है। उन्होंने हॉल में मौजूद सामाजिक न्याय के लिए लड़ने वाले सभी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इस लड़ाई में राहुल गांधी को अकेला न छोड़ें। राहुल गांधी थकेंगे नहीं, लेकिन यदि हम साथ न खड़े हुए तो उनके प्रयासों में बाधा आएगी। हमें मिलकर भ्रष्टाचार और अन्याय की सरकार को बिहार से हटाना होगा। उन्होंने संविधान के आर्टिकल 15 और 16 के तहत सामाजिक न्याय, शिक्षा और आरक्षण के अधिकारों की रक्षा के लिए राहुल गांधी की लड़ाई को भी याद दिलाया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने आरक्षण की सीमा पर पाबंदी लगाई है, जिसे बढ़ाने की जिम्मेदारी भी राहुल गांधी ने ली है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के साथ हमारा काफिला बढ़ रहा है, संघर्ष जारी है। हम आपके पसीने की कीमत दुगनी कर लौटाएंगे, क्योंकि आपके सम्मान की जिम्मेदारी हमारी है। शोषितों की आवाज हैं राहुल : शकील अहमद खान: कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि आज के दौर में, जब देश में अधिनायकवाद, दहशत और जिल्लत फैली हुई है, तब राहुल गांधी वह समा हैं जो निरंतर हजारों घरों में उम्मीद की रौशनी फैला रहे हैं। वर्ष 2004 से सांसद के रूप में राहुल गांधी ने जनसेवा को अपनी पूंजी बनाया है और कभी डगमगाए नहीं। बताया कि राहुल गांधी ने लोकतंत्र को मजबूत करने का काम किया है और देशवासियों के बीच कौमियत, जात-पात, और अन्याय के खिलाफ लड़ने वाली आवाज बने हैं। भाजपा-जदयू का गठबंधन झूठ और अन्याय की नींव पर टिका हुआ है, जहां गरीबों और पिछड़ों की हालत खराब हो रही है। ऐसे में राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ही एकमात्र ऐसी ताकत हैं जो इस अन्याय के खिलाफ सशक्त आवाज उठा रही है। जनता के लिए करें संघर्ष : मो. खान ने कहा कि अब हम सबकी जिम्मेदारी है कि बिहार में चुनाव में पूरी ताकत से राहुल गांधी के साथ खड़े हों और जनता के हित के लिए संघर्ष करें। शकील खान ने उर्दू शायरी की पंक्तियों के जरिए राहुल गांधी की दूरदर्शिता, सच्चाई और जनता के प्रति प्यार की तारीफ की और कहा कि ऐसे नेता ही समाज की हिफाजत कर सकते हैं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से अपील की कि “हवा के रुख को बदलने का वक्त आ गया है” और अब हमें मिलकर बदलाव लाना होगा। यही वक्त है जब जनता के अधिकारों की रक्षा और लोकतंत्र की मजबूती के लिए कदम बढ़ाना जरूरी है। वंचितों की हिस्सेदारी शून्य: डॉ. अनिल जयहिंद: संविधान सुरक्षा सम्मेलन के संयोजक और राष्ट्रीय ओबीसी कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अनिल जयहिंद ने कहा कि देश की सत्ता संरचना में 90 प्रतिशत आबादी के लोग, जिनमें दलित, पिछड़े, अति पिछड़े और आदिवासी शामिल हैं पूरी तरह से वंचित हैं। सत्ता और संसाधनों की भागीदारी से इन वर्गों को जान-बूझकर बाहर रखा गया है और यही कारण है कि अत्याचार और उत्पीड़न की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मुजफ्फरपुर की एक दलित बेटी को छह घंटे तक एंबुलेंस में लटकाया गया, लेकिन इलाज नहीं मिला। यह सिर्फ एक हफ्ते की नहीं, बल्कि हजारों सालों से चली आ रही जातिगत अन्याय की सच्चाई है। उन्होंने कहा कि जब तक इस 90 प्रतिशत आबादी को सत्ता में बराबर की भागीदारी नहीं मिलेगी, ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। इसीलिए राहुल गांधी हमारे नेता हैं, जो दिल से इस लड़ाई को लड़ रहे हैं। राहुल गांधी की तुलना महात्मा बुद्ध से करते हुए कहा कि जैसे बुद्ध राजमहल त्यागकर पीड़ितों के बीच चले गए, वैसे ही राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा, न्याय यात्रा और अब संविधान यात्रा के जरिए करोड़ों वंचितों की आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को लगातार एफआईआर, मुकदमे, धमकी, ईडी-सीबीआई की कार्रवाई, सांसद की सदस्यता छीना जाना, ये सब इसी संघर्ष की कीमत है। राहुल शोषितों के सच्चे सेनापति: शिवजतन: कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी के सदस्य प्रोफेसर शिवजतन ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी शोषितों के सच्चे सेनापति हैं। राहुल जी ने सदन में जाति जनगणना करवाकर दम लेने की बात कही है, चाहे जितनी भी गालियां मिलें। जब भाजपा के मंत्रियों ने राहुल गांधी की जाति को लेकर उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया, तब देश की 90% आबादी का खून खौल गया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ये लोग चुनाव में भाजपाइयों को धूल चटाकर राहुल गांधी के अपमान का बदला लेंगे। बिहार में राहुल गांधी ने अति पिछड़ों और दलितों का सम्मान बढ़ाया है। राहुल गांधी ने मेनिफेस्टो कमिटी में 7 सदस्यों में से 5 दलित और पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधियों को जगह दी। राहुल गांधी लगातार संविधान की सुरक्षा की बात करते हैं। लेकिन संविधान के अनुच्छेद 320 को मोदी सरकार ने पीछे से खत्म कर दिया है। इसके तहत आरक्षण का उल्लंघन हुआ है। राहुल गांधी ने इसका विरोध कर 124 पदों पर लेटरल एंट्री के विज्ञापन को वापस करवाया। शिवजतन ठाकुर ने 90 फीसदी शोषित वर्ग के राहुल गांधी के साथ खड़े रहने का भरोसा दिलाया। राहुल गांधी हैं ईबीसी के नये नायक : इर्शादुल हक: इर्शादुल हक ने कहा कि वर्ष 2009 में जब प्रधानमंत्री की कुर्सी राहुल गांधी को देने का अवसर था, तब उन्होंने वह कुर्सी नहीं ली। यह साहस भारतीय राजनीति के इतिहास में अमर होगा। राहुल गांधी दलित, शोषित और वंचितों की आवाज़ बनकर उभरे हैं और खासकर ईबीसी समुदाय के लिए बड़े बदलाव के संकेत दे रहे हैं। बताया कि बिहार की 36% आबादी ईबीसी की है, जो समाज के कई हिस्सों में बंटी हुई है। यही विभाजन इनके लिए बड़ी बाधा रहा है। यदि ये सभी टुकड़े मिल जाएं, तो यह बिहार के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 और 2019 के चुनावों में नरेंद्र मोदी को करीब 31-32 फीसदी वोट मिले, जबकि यदि 36 प्रतिशत ईबीसी वोट साथ हो तो सफलता निश्चित है। ईबीसी समुदाय देश में सबसे निर्णायक वोटिंग समूह है। चुनाव में सभी पार्टियां ईबीसी के वोट पर नजर रखती हैं। परंतु ईबीसी की विभाजन की वजह से वे पिछड़ जाते हैं। कुछ को हिंदू माना जाता है और करीब 13 प्रतिशत पसमांदा मुसलमानों को अलग रखा जाता है। इससे उनकी राजनीतिक ताकत कमजोर हो जाती है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे राहुल गांधी के साथ खड़े हों, क्योंकि उनका नेतृत्व ईबीसी के लिए नई उम्मीद है। उन्होंने कहा कि आप इस नायक के साथ खड़े होकर बिहार में एक ऐसा इतिहास रचेंगे, जिसे आने वाले वक्त में सब देखेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शयामदेव राजवंशी ने कहा कि महादलित समाज के लोगों के साथ आजादी के पहले से ही अन्याय और अत्याचार होता आ रहा है। और आज भी वही स्थिति बरकरार है। सरकार कभी नहीं चाहती की महादलित समाज के लोग डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस अफसर बने। अगर कोई वहां तक पहुंच भी जाए तो विभिन्न तरह के जतन कर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में राजगीर के भी राजवंशी समाज के तीन लोग शहीद हुए। लेकिन, इतिहास में कहीं उनका नाम दर्ज नहीं किया गया। यह भी एक सामंती ताकतों का षड्यंत्र है। मौके पर कांग्रेस के जिलधयक्ष नरेश कुमार अकेला, पूर्व जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार, पूर्व विधायक रवि ज्योति, श्यामदेव राजवंशी, संजीव कुमार बिट्टू, प्रो. मुकेश शर्मा, राकेश रंजन, जिला प्रवक्ता रमेश कुमार, राजीव कुमार मुन्ना, मो. अजहर आलम, डॉ. नंदू पासवान, फरहत जमीं, संजू पांडेय, नवीन कुमार, अजीत कुमार, विवेक पासवान, दीपक कुमार, संजय पासवान, रंधीर रंजन मंटू, श्रीकृष्णा दास आदि मौजूद थे।
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