एमटेक की फीस 60% कम, पीएचडी की फेलोशिप अब 18 हजार प्रतिमाह
Gorakhpur News - गोरखपुर में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की वित्त समिति की 32वीं बैठक हुई। बैठक में एमटेक पाठ्यक्रम की फीस 60% कम करने का निर्णय लिया गया। पीएचडी की फेलोशिप बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह...

गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की वित्त समिति को 32वीं बैठक सोमवार को अटल भवन स्थित बैठक कक्ष में हुई। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो जेपी सैनी ने की। वित्त नियंत्रक अशोक कुमार सिंह ने बैठक का एजेंडा प्रस्तुत किया। बैठक में कुलसचिव चंद्र प्रकाश प्रियदर्शी सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे। इस दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले हुए। समिति की बैठक में तय हुआ कि एमटेक पाठ्यक्रम की फीस को लगभग 60 फीसदी तक कम किया जाएगा। इसके लिए विद्यार्थियों को एमटेक पाठ्यक्रम के लिए कम फीस देनी होगी, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राहत मिलेगी। अच्छे विद्यार्थियों को शोध की तरफ आकृष्ट करने के लिए पीएचडी की फेलोशिप 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 18 हजार रुपये प्रतिमाह करने का फैसला लिया गया है।
कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग में नई प्रयोगशालाओं यथा ऑगमेंटेड रियलिटी एवं वर्चुअल रियलिटी लैब की स्थापना के लिए 180 लाख, स्पेशियल इन्फोटेक एंड डिजिटल ट्विन लैब के लिए 135 लाख, एडवांस्ड साइबर फॉरेंसिक्स एंड डिजिटल वेलनेस लैब के लिए 417 लाख, एवं इनोवेशन एंड एज लैब के लिए 94 लाख रुपये की मंजूरी दी मिली है। इन प्रयोगशालाओं पर विवि 8.26 करोड़ रुपये खर्च करेगा। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बनेगी नई प्रयोगशाला मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में नई प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए पांच करोड़ 91 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग में सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन स्पेस टेक्नोलॉजी की स्थापना पर एक करोड़ 20 लाख रुपये खर्च होंगे। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में एडवांस्ड माइक्रोग्रिड लैब को स्थापना पर 25 लाख, सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग पर 52.83 लाख खर्च होंगे। इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एंड कंप्यूटर एप्लीकेशन विभाग की प्रयोगशालाओं को बेहतर बनाने के लिए 51 लाख, भौतिकी विभाग की प्रयोगशालाओं के लिए 40 लाख, फार्मेसी विभाग की विभिन्न प्रयोगशालाओं के लिए 78 लाख, फार्मेसी एवं केमिकल इंजीनियरिंग विभाग में सेंटर फॉर फूड एंड ड्रग टेक्नोलॉजी की स्थापना के लिए एक करोड़ 15 लाख खर्च किया जाएगा। वहीं, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग में मनोविज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना के लिए 40 लाख, परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के लिए 20 लाख, नए शिक्षकों को लैपटॉप, प्रिंटर, एवं फर्नीचर के लिए एक करोड़ 60 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं, नवीन प्रयोगशालाओं की स्थापना और वर्तमान प्रयोगशालाओं को बेहतर बनाने पर 20 करोड़ से अधिक रुपये खर्च होंगे। चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम का शुल्क हुआ तय इसके अलावा नए सत्र से शुरू हो रहे चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) की शुल्क संरचना को मंजूरी दी गई है। इस पाठ्यक्रम की फीस उतनी ही होगी जितनी कि बीबीए पाठ्यक्रम में होगी। प्रथम सेमेस्टर (छात्रावास) 80 हजार रुपये द्वितीय सेमेस्टर से (छात्रावास) 72 हजा रुपये प्रथम सेमेस्टर (कैंपस के बाहर के छात्रों के लिए) 82 हजार 500 रुपये द्वितीय सेमेस्टर से (कैंपस के बाहर के छात्रों के लिए) 74 हजार 500 रुपये
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