कर्म योगी पोर्टल से रिक्रूट भी सीखेंगे सेवा-कर्म का बोध
Gorakhpur News - गोरखपुर में यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए 1304 रिक्रूट्स की ट्रेनिंग शुरू होने जा रही है। जेटीसी में एक महीने के बाद इन्हें आरटीसी भेजा जाएगा। कर्मयोगी पोर्टल से जोड़कर ऑनलाइन कोर्सेज की...

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए रिक्रूटों की अब ट्रेनिंग शुरू होने जा रही है। जेटीसी (ज्वाइनिंग ट्रेनिंग सेंटर) में रहकर पुलिसिंग की एक महीने तक बारीकियां सीखने के बाद इन्हें आरटीसी (रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर) के लिए भेजा जाएगा। इन सब ट्रेनिंग के साथ ही उन्हें भारत सरकार के कर्मयोगी पोर्टल से भी जोड़ने की तैयारी भी शुरू हो गई है। इसी के साथ यूपी देश का पहला ऐसा स्टेट होगा जहां रिक्रूटों को इस पोर्टल से मदद मिलेगी। इससे पहले देश भर के सिविल सेवा के अधिकारियों ही पोर्टल पर कोर्स करते थे। अब इससे जोड़कर न सिर्फ रिक्रूटों को ट्रेनिंग में मदद मिलेगी बल्कि ऑन लाइन क्लासेज और अन्य कोर्सेज कर सर्टिफिकेट लेने का मौका भी उनके पास होगा।
यही नहीं उन्हें सेवा और कर्म का बोध भी यह पोर्टल सिखाएगा। दरअसल, सिपाही में भर्ती होने के बाद ट्रेनिंग एक महत्पवूर्ण पहलू होता है। अच्छी ट्रेनिंग से ही बेहतर पुलिसिंग करने वाली फौज तैयार होती है। बदलते समय को देखते हुए ट्रेनिंग के तरीकों में भी बदलाव किया गया है। सिपाही भर्ती में काफी पढ़े लिखे युवा भर्ती हुए हैं ऐसे में उन्हें ऑन लाइन कोर्सेज करने में भी दिक्कत नहीं आएगी। इसी को देखते हुए उन्हें कर्मयोगी पोर्टल से जोड़ने की तैयारी है। सभी रिक्रूटों की आईडी बनाकर इस पोर्टल से जोड़ा जाएगा। उन्हें इसका लाभ मिल सके इसके लिए उनके अनुरुप कोर्स भी तैयार किया जाएगा। एसएसपी राज करन नैय्यर ने बताया कि कर्मयोगी पोर्टल पर रिक्रूटों को जोड़कर उन्हें ऑन लाइन शिक्षण का मंच मुहैया कराया जाएगा। इससे उनके व्यक्तित्व में काफी निखार होगा कुछ कोर्स के सर्टिफिकेट भी मिलेंगे जो उनके कैरियर में लाभदायक होगा। जेटीसी के तहत 1304 रिक्रूट्स सीखेंगे पुलिसिंग, फिर आरटीसी यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती में पुलिस लाइन में 1304 रिक्रूट्स एक माह जेटीसी (ज्वाइनिंग ट्रेनिंग सेंटर) में रहकर पुलिसिंग की बारीकियां सीखेंगे। उसके बाद इन्हें आरटीसी (रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर) के लिए भेजा जाएगा। जेटीसी के तहत 1304 रिक्रूट्स बुनियादी अनुशासन के साथ ही अपनी यूनिफार्म और रैंक से जुड़ी जानकारी प्राप्त करेंगे। अफसरों के सामने पेश होने का तौर तरीका, वर्दी से उनकी पहचान करना और अपने से ऊपर के सभी अफसरों के रैंक को समझना सिखाया जाएगा फिर आरटीसी के लिए रिक्रूट को रवाना किया जाएगा। अलग अलग जनपद में आरटीसी (रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर) आवंटित किए गए हैं। आरटीसी में नौ माह तक उन्हें शारीरिक, मानसिक और कानूनी दक्षता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा उसके बाद वह सिपाही बनेंगे और जिलों में तैनाती होगी।
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