Residents of Eidgah Colony in Meerut Struggle for Basic Amenities Amidst Development बोले मेरठ : ईदगाह कॉलोनी पर गंदगी और बदहाल सड़कों की मार , Meerut Hindi News - Hindustan
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बोले मेरठ : ईदगाह कॉलोनी पर गंदगी और बदहाल सड़कों की मार

Meerut News - मेरठ के ईदगाह कॉलोनी के निवासी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। इलाके में गंदगी, टूटी सड़कों और नालियों की खराब हालत के बावजूद लोग विकास की उम्मीद रखते हैं। सरकारी पानी और सीवर लाइन की...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठWed, 18 June 2025 10:35 AM
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बोले मेरठ : ईदगाह कॉलोनी पर गंदगी और बदहाल सड़कों की मार

मेरठ। लिसाड़ी रोड पर नगर निगम का क्षेत्र में आने वाली ईदगाह कॉलोनी में रहने वाले तमाम लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। इस इलाके की बदहाली को बताते हुए यहां के लोगों के दिल का गुबार फूट पड़ता है। शहर के दूसरे हिस्से तेजी से विकास की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं ईदगाह कॉलोनी आज भी गंदगी, बदहाल सड़कों और टूटी-फूटी नालियों की मार झेल रही है। यहां के लोग भी विकास चाहते हैं, ताकि उन्हें भी साफ स्वच्छ वातावरण में जीने का अवसर मिल सके। नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 81 की ईदगाह कॉलोनी में आज दस हजार से अधिक लोग रहते हैं।

रोज इस इलाके में लोग मकान खरीदते हैं और कचहरी में बैनामा कराते हैं। इलाके में घर बनते जा रहे हैं, जनसंख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के नाम पर पूरे इलाके में कुछ नहीं है। हिन्दुस्तान बोले मेरठ टीम ने इस क्षेत्र में पहुंचकर लोगों से संवाद कर उनकी समस्याओं को जाना। जहां लिसाड़ी रोड से ईदगाह कॉलोनी में प्रवेश करते ही नालियां उफनती नजर आती हैं। लोग बताते हैं की यह नालियां काफी गहरी हैं, जो निकासी नहीं होने और गंदगी के कारण ऊपर तक भरी पड़ी हैं। सालों से इन नालियों की सफाई नहीं हुई है। प्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके लोग अब थक से चुके हैं, लेकिन आज भी विकास की आस बाकी है। गंदगी की गिरफ्त में जिंदगी लोगों का कहना है कि ईदगाह कॉलोनी पहले वार्ड 74 में आया करती थी, लेकिन अब यह वार्ड 81 में आती है। इस कॉलोनी की नालियों की हालत ये है कि वर्षों से साफ ही नहीं हुईं। अधिकतर नालियां कचरे और गंदे पानी से पूरी तरह जाम पड़ी हैं। कुछ गलियों में तो नाली ही नहीं हैं, जिससे निकासी की बड़ी समस्या रहती है। नतीजा यह होता है, कि थोड़ी सी बारिश होते ही सड़कों और गलियों में पानी भर जाता है, जो कई दिनों तक जमा रहता है। बरसात के बाद भरने वाला पानी जहां बीमारियों को जन्म देता है, वहीं बच्चों, बुज़ुर्गों और महिलाओं के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन जाता है। सड़कें नहीं, कांटों भरी राहें ईदगाह कॉलोनी के लोगों का कहना है कि यहां की गलियां टूटी पड़ी हैं, कहीं तो चलने लायक सड़क ही नहीं है। कीचड़ और गड्ढों से भरी इन गलियों में चलना किसी युद्ध लड़ने से कम नहीं लगता। बच्चे स्कूल जाते हुए गिरते हैं, बुज़ुर्ग फिसल जाते हैं, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं। जबकि कॉलोनी के लोग नियमित रूप से हाउस टैक्स भी देते हैं। अगर यहां सभासद से काम के लिए कहते हैं तो वह वोट नहीं देने का हवाला देकर काम नहीं करवाता है। जबकि वह हमारे कारण ही जीता है। प्रतिनिधि और नगर निगम इस कॉलोनी की भी सुध ले, तो लोग राहत की सांस लेंगे। पीने को नहीं सरकारी पानी, निकासी को नहीं सीवर इलाके के लोगों का कहना है कि कहीं भी सरकारी पानी की व्यवस्था नहीं है, अधिकतर लोगों ने सबमर्सिबल लगवा रखे हैं। अगर लोगों के घरों तक सरकारी पानी पहुंच जाए तो राहत मिलेगी और सबमर्सिबल के कारण बहने वाला अधिक पानी भी कम होगा। वहीं इलाके में कहीं भी सीवर लाइन नहीं है, जिससे लोगों के घरों का गंदा पानी नालियों में बहता है। अगर सीवर लाइन डल जाए तो निकासी की व्यवस्था भी सही हो जाए। इसी कारण पूरे इलाके की निकासी की व्यवस्था सही नहीं है, घरों का गंदा पानी नालियों में भरता रहता है। नालियां चोक होने के कारण गंदगी व बदबू से पूरा इलाका महकता रहता है। इलाके में सफाई की नहीं व्यवस्था गंदगी दिखाते हुए लोग कहते हैं कि पूरे इलाके में कोई भी सफाई कर्मचारी नहीं आता है। गंदगी का ढेर लग जाता है, जिससे बदबू उठने लगती है। कई-कई दिनों तक कूड़ा पड़ा रहता है। सफाई नहीं होने के कारण इलाके में संक्रमण और अन्य बीमारियों के खतरे बढ़ जाते हैं। सबसे बड़ी समस्या बारिश के मौसम में होती है, जब चलने लायक सड़क नहीं होती, जलभराव और गंदगी चारों ओर रहती है। इलाके में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिस तरह अब मच्छरों के कारण लोग बीमार हो रहे हैं। नगर निगम के लोग फॉगिंग के लिए भी नहीं आते। खंभों और स्ट्रीट लाइटों की सुधरे व्यवस्था कॉलोनी के लोगों का कहना है कि इलाके में खंभे बहुत दूरी पर लगाए हुए हैं। लोगों को अपने कनेक्शन के लिए काफी लंबा केबल लगवाना पड़ता है। जिससे इलाके में तारों का जाल बन जाता है। वहीं खंभों पर लगी अधिकांश स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं, और कुछ गलियों में तो रोशनी की कोई व्यवस्था ही नहीं है। रात को अंधेरा पसरा रहता है, जिससे कई बार सड़कों पर गड्ढों में गिरने का डर बना रहता है। अंधेरे में कई बार लोग सड़कों पर गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं। बुनियादी सुविधाएं मिलें तो बने बात ईदगाह कॉलोनी के लोगों का कहना है कि इलाके के लोगों ने कई बार अपनी समस्याओं को लेकर जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन वार्ड का पार्षद इस बस्ती का हाल जानने तक नहीं आया। नालियां पूरी तरह चोक हुई पड़ी हैं, जिनकी सफाई नहीं होती। सीवर लाइन कहीं भी नहीं है, गलियों में सड़कें टूटी पड़ी हैं, कहीं बनी ही नहीं हैं। खंभों पर कहीं लाइट जलती हैं, तो कहीं नहीं जलती हैं, सरकारी पानी लोगों के घरों तक नहीं पहुंचता है। साफ-सफाई की समस्या बहुत ज्यादा रहती है, नगर निगम का कर्मचारी कोई नहीं आता है। यही बुनियादी सुविधाएं मिल जाएं तो लोगों को बहुत बड़ी राहत हो जाएगी। समस्याएं - इलाके में नालियां पूरी तरह चोक हो चुकी हैं - ईदगाह क्षेत्र में सीवर लाइन कहीं भी नहीं है - ईदगाह कॉलोनी की गलियां पूरी तरह खराब हैं - कुछ खंभों पर स्ट्रीट लाइटें ही नहीं जलती हैं - सरकारी पानी लोगों के घरों तक नहीं पहुंचता है - इलाके में साफ-सफाई की समस्या बहुत ज्यादा है सुझाव - नालियां साफ की जाएं और नियमित सफाई हो - गलियों की मरम्मत हो और सड़कें बनाई जाएं - सीवर लाइन डाली जाए और नाले से कनेक्ट हो - पूरे क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटों का प्रबंधन सही हो - बरसात से पहले जल निकासी की व्यवस्था हो - सरकारी पानी की व्यवस्था इलाके में होनी चाहिए ये बोले लोग इलाके में अधिकतर नालियां कचरे और गंदगी से पूरी तरह जाम पड़ी हुई हैं, इनको साफ हुए सालों हो गए हैं। - आरिफ पूरे इलाके में सफाई की कोई व्यवस्था खराब है, गंदगी इलाके में सड़कों के किनारे पड़ी रहती है, उठती नहीं है। - शेरमोहम्मद गलियों की हालत बहुत खराब हुई पड़ी है, कोई देखने वाला नहीं है, नगर निगम में होने के बाद भी बेकार है। - मोहम्मद अब्दुल्ला पूरे इलाके में सरकारी पानी की व्यवस्था कहीं भी नहीं है, लोगों ने अपने घरों में सबमर्सिबल लगवा रखे हैं। - इस्लामुद्दीन नालियों का गंदा पानी सड़कों पर आ जाता है, इनकी सफाई हुए सालों हो जाते हैं, यहां के हालात बदतर हैं। - अमरुद्दीन रोज इस इलाके में लोग मकान-जमीन खरीद रहे हैं, इसके बावजूद यहां विकास के नाम पर कुछ भी नहीं है। - सोहेल गलियों में लोगों को चलना भी मुश्किल हो जाता है, बरसात में सभी सड़कें गंदगी और पानी से लबालब रहती हैं। - मेहरबान इस पूरे इलाके में सीवर लाइन नहीं है, गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है, आए दिन लोग परेशान रहते हैं। - मोहम्मद साजिद कहीं भी साफ-सफाई नहीं मिलेगी, नगर निगम कर्मचारी इलाके में आते ही नहीं हैं, व्यवस्था पूरी तरह से खराब है। - मोहम्मद अशरफ अगर पार्षद को काम कराने के लिए कहो तो वह कुछ नहीं कराता, यहां पूरे इलाके में गंदगी का अंबार लगा रहता है। - रुहल्ला नालियों की सफाई हो जाए तो लोगों को राहत मिल जाएगी, नहीं तो बरसात होने के बाद पूरा इलाका तालाब जाएगा। - समीरउल खान नगर निगम वाले फॉगिंग करने भी नहीं आते, आजकल मच्छरों की तादाद बढ़ गई है, घरों में लोग बीमार हुए पड़े हैं। - नौशाद गलियों में इंटरलॉकिंग टाइल्स लग जाएं तो चलने लायक व्यवस्था बन जाए, और नालियों की सफाई हो जाए। - मुकर्रम बिजली के खंभे इतनी दूर लगा रखे हैं कि वहां से कनेक्शन लेने में ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं, खंभे भी लगें। - आसिफ इलाके में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था सही की जाए, कहीं जलती हैं तो कहीं हैं ही नहीं, सभी जगह लाइटें लगाई जाएं। - उवैतउल्लाह

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