डीआईओएस को आठवीं तक की मान्यता के स्कूल में चलती मिली दसवीं की कक्षाएं
Hapur News - डीआईओएस डॉ विनीता ने हापुड़ में दो पब्लिक स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। एक स्कूल में आठवीं तक की मान्यता थी लेकिन कक्षा दस तक की पढ़ाई चल रही थी। दूसरे स्कूल में एनसीईआरटी की किताबें नहीं थीं। दोनों...

डीआईओएस को आठवीं तक की मान्यता के स्कूल में चलती मिली दसवीं की कक्षाएंआईओएस डॉ विनीता ने गुरूवार दोपहर शहर के दो पब्लिक स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। इनमें एक स्कूल में आठवीं तक के बच्चों की मान्यता मिली। जबकि स्कूल में दसवीं तक के बच्चों की पढ़ाई होने का खुलासा हुआ। इसके अलावा दूसरे पब्लिक स्कूल में निरीक्षण में एनसीईआरटी की किताबें नहीं लगाने का पता चला। डीआईओएस ने दोनों पब्लिक स्कूलों को नोटिस जारी किए हैं। नया शैक्षिक सत्र चल रहा है। जिसमें फिक्स दुकानों से किताबें, स्टेशनरी एवं यूनिफार्म की बिक्री होने से अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है। उक्त शिकायतों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारी सख्त हैं। इसी कड़ी में गुरूवार दोपहर डीआईओएस डॉ विनीता दो पब्लिक स्कूलों में जांच करने के लिए पहुंचे। मेरठ रोड स्थित जेडी पब्लिक स्कूल में निरीक्षण में डीआईओएस को कक्षा छह, सात और आठ में एनसीईआरटी की किताबें नहीं लगाने का पता चला। वार्ता में कक्षा 12 विज्ञान के छात्रों द्वारा बताया गया कि विद्यालय द्वारा उन्हें महंगी किताबें खरीदने के लिए दबाव बनाया जाता है। विद्यालय में साफ सफाई की कमी पायी गई।
इसके बाद डीआईओएस आवास विकास स्थित होली चाइल्ड जूनियर हाईस्कूल में पहुंचीं। यहां प्रधानाचार्य द्वारा मान्यता से संबंधित कागजात प्रस्तुत किए गए। विद्यालय की कक्षा एक से लेकर पांच तक की स्थायी मान्यता है। जबकि छह से आठ तक अस्थायी मान्यता है। कक्षा आठ तक की मान्यता होने पर भी विद्यालय में कक्षा 9 और दसवीं तक की कक्षाएं संचालित पायी गई। कक्षा दस में पढ़ने वाले दस छात्रों से वार्ता भी की गई। दोनों स्कूलों को डीआईओएस ने नोटिस जारी किए हैं।
-पुस्तक विक्रेताओं की दुकानें फिक्स होने पर दो स्कूलों को नोटिस जारी
हापुड़। डीआईओएस डॉ विनीता ने स्वर्ग आश्रम रोड और हापुड़ बाईपास स्थित दो पब्लिक स्कूलों को भी नोटिस जारी किए हैं। दोनों स्कूलों के छात्रों से बातचीत की गई। जिसमें छात्रों ने किताबें मिलने के लिए फिक्स दुकानों के नाम बताए। पुस्तक विक्रेताओं की दुकान पर भी डीआईओएस ने जाकर देखा। वहां कोर्स काफी महंगा मिल रहा था। कोर्स में प्राईवेट किताबों के साथ एनसीईआरटी की कम किताबें लगाई गई थीं। दोनों स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं।
-किताबों की फिक्स दुकानें नहीं होनी चाहिए:डीआईओएस
बच्चों की किताबों के मिलने का स्थान फिक्स नहीं होना चाहिए। दुकानें फिक्स होने से अभिभावकों को महंगा कोर्स खरीदना पड़ता है। इस संबंध में दो पब्लिक स्कूलों को नोटिस जारी किए हैं। जांच में एक अन्य स्कूल में एनसीईआरटी की किताबें नहीं लगाने का मामला प्रकाश में आया है। जबकि दूसरे स्कूल में आठवीं तक के बच्चों की मान्यता होने पर दसवीं तक की पढ़ाई होने का खुलासा हुआ है। कड़ी कार्रवाई होगी।
-डॉ विनीता, डीआईओएस हापुड़
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