शहरों में पानी-सीवर का कनेक्शन लेना आसान, सरकार ने निकायों को दिया यह अधिकार
यूपी के शहरों में पानी-सीवर का कनेक्शन लेना अब आसान होगा। सरकार ने निकायों को एक बड़ा अधिकार दे दिया है। निकायों को छोटे काम के लिए जल निगम का मुंह नहीं देखना होगा।

यूपी के शहरों में पानी के साथ सीवर का कनेक्शन अब और आसानी से मिलेगा। योगी सरकार ने निकायों को अपने स्तर पर काम कराने का और अधिकार दे दिया है। इतना ही नहीं गड़बड़ी को रोकने के लिए थर्ड पार्टी जांच को अनिवार्य कर दिया गया है। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए निकायों को निर्देश भेज दिया है। शासन ने राज्य सेक्टर कार्यक्रम में होने वाले कामों के लिए सालों पहले मानक तय किए थे। मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर इसे बदलने की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसीलिए नवीन शिड्यूल ऑफ रेट (एसओआर) में बदलाव किया गया है। पाइन लाइन विस्तार करते हुए घरों में कनेक्शन देने, ओवर हेड टैंक बनाने, भूमिगत जलाशय का निर्माण करने, ट्यूबवेल, मिनी ट्यूबवेल लगाने और उसे रिबोर कराने के नियमों को सरल कर दिया गया है।
वाटर मीटर लगाने, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, पंपिंग स्टेशन का काम कराने के लिए खर्च राशि को बढ़ा दी गई है। नगर निगम 10 करोड़, पालिका परिषद दो करोड़ और नगर पंचायतें एक करोड़ रुपये तक अपने स्तर से खर्च कर सकेंगे। इससे अधिक लागत के काम जल निगम से कराए जाएंगे। इसी तरह सीवर लाइन विस्तार के साथ घरों में कनेक्शन देने, नाले, नाली का निर्माण, वाटर रिसाइकिलिंग व रियूज से संबंधित काम, बाढ़ पंपिंग स्टेशन आदि के काम कराने की राह आसान कर दी गई है।
राज्य सेक्टर के अंतर्गत कराए जाने वाले नगरीय झील, तालाब, पोखर संरक्षण के काम के लिए निकायों को खर्च करने का अधिकार भी इतना ही बढ़ा दिया गया है। डिसिल्टिंग का काम, वर्षा जल संचयन एवं गिरते भू-गर्भ जल स्तर को रोकने, तालाब के चारों ओर इंटरलॉकिंग पाथवे, सीढ़ी निर्माण, सोलर लाइट, बैठने के लिए बेंच तथा रिटेनिंग वॉल का निर्माण, चारों ओर वृक्षारोपण का काम कराने की और अधिक सुविधा दे दी है।
योजना के अंतर्गत तैयार किए जाने वाले डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में सोलर लाइट और स्टील वर्क के काम बहुत जरूरी होने पर परियोजना की लागत का अधिकतम 10 प्रतिशत तक ही स्वीकार किया जाएगा। इन सभी कामों के लिए थर्ड पार्टी जांच अनिवार्य कर दी गई है। इसके साथ ही गड़बड़ी होने पर उत्तरदायित्व निर्धारित कर दिया गया है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार माना जाएगा। निर्माण कार्य से पहले, शुरू होने पर और पूर्ण होने की रंगीन फोटो सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर के साथ व उपयोगिता प्रमाण पत्र को पोर्टल पर अपलोड करना होगा।