बर्ड फ्लू : पशुपालन विभाग ने बढाया जांच का दायरा
Kushinagar News - कुशीनगर में बर्ड फ्लू को लेकर पशुपालन विभाग अलर्ट है। पिछले तीन महीनों में 363 सैंपल भेजे गए हैं। जिले में अभी तक कोई बर्ड फ्लू का मामला नहीं आया है, सभी रिपोर्ट निगेटिव हैं। विभाग ने रैपिड रिस्पांस...

कुशीनगर। बर्ड फ्लू को लेकर कुशीनगर का पशुपालन विभाग कमर कस कर पूरी अलर्ट है। विभाग लगातार पोल्ट्री फार्म पर जांच का दायरा बढा दिया है। पिछले तीन महीने में तीन स्तर पर 363 सैंपल भेजे गये। वहीं विभाग ने पिछले साल 240 सैंपल भेजा गया था। जिले में अब तक बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है। सभी तहसीलों में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन कर पशुपालकों समेत आम लोगों को जागरूक करने के साथ सैंपल लिया जा रहा है। आपात स्थिति से निपटने के लिए विभाग आपदा विभाग से मिलकर काम करेगा। एक दिन पूर्व चंदौली से कुशीनगर पहुंचे बतखों में से 60 बतखों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।
जनपद में करीब 76 लेयर फार्म व 75 बायलर फार्म संचालित हैं। इनके माध्यम से 11.11 लाख बायलर तथा 3.06 करोड़ अण्डे का उत्पादन होता है। गोरखपुर में बाघिन की मौत तथा वर्डफ्लू के केस मिलने पर पशुपालन विभाग ने मुर्गियों को रोग से बचाने तथा वर्ड फ्लू को लेकर हमेशा चौकन्ना रहने के साथ अलर्ट मोड में है। इनका तीन स्तर पर सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाता है। पिछले वित्तीय वर्ष में 240 सैंपल लेकर कैडार्ड आईबीआरआई बरेली भेजा गया था तथा नये वित्तीय वर्ष में मार्च, अप्रैल व मई महीने में 303 सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। एक दिन पूर्व चंदौली से मोतीचक ब्लॉक के मवना नाला में पहुंचे बतकों की खेप से 60 बतक का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा है। बरेली में प्रयोगशाला नहीं होने के कारण पहले भोपाल स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए सैंपल को भेजा जाता था। इन सैंपल को तीन स्तर पर लिया जाता है। इसमें नेजुल, क्नैक्वल, सिरम शामिल होता है। यह सभी रिपोर्ट निगेटिव होने के कारण पशुपालक के साथ पशुपालन विभाग निश्चिंत है। ऐसे में जनपदवासियों को मुर्गे खाने से किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। पशुपालन विभाग ने सावधानी दिखाते हुये सभी तहसीलों में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन कर पशुपालकों समेत आम लोगों को जागरूक करने में जुटा है। इसके अलावा पशुपालन विभाग आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों में जुटा है। किसी भी आपात स्थिति में बीडीएमए यानि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण डीएम के नेतृत्व में सक्रिय होता है। ------ कोट- जिले में बर्ड फ्लू को कोई खतरा नहीं है। जिले से लिये गये सभी सैंपल के रिपोर्ट निगेटिव आ रहे हैं। इसके बावजूद लगातार सैंपलिंग का काम किया जा रहा है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति मुर्गे व अण्डे खा सकते हैं। पड़ोसी जनपद गोरखपुर को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है। किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए डीएम के नेतृत्व में बीडीएमए व डीईएसी के माध्यम से स्थिति को नियंत्रण में किया जाता है। डॉ. रविंद्र कुमार, जिला मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कुशीनगर
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