एनआईए कुशीनगर पहुंची, पाक नागरिक से जुड़े कागजात खंगाले
Kushinagar News - कुशीनगर के पटहेरवा थाना क्षेत्र के पिपरा कनक गांव में पाकिस्तानी नागरिक सेराजुल हक को अवैध कागजात के साथ गिरफ्तार किया गया। एनआईए की टीम ने मामले की जांच के लिए थाने का दौरा किया और सेराजुल के फर्जी...

पटहेरवा (कुशीनगर), हिन्दुस्तान संवाद। कुशीनगर जिले के पटहेरवा थाना क्षेत्र के गांव पिपरा कनक के गगलवा चैन पट्टी में दो दिन पहले पकड़े गए पाकिस्तानी नागरिक सेराजुल हक के बारे में जांच के सिलिसले में एनआईए की टीम शुक्रवार को थाने पर पहुंची। थानेदार और विवेचक से वार्ता की और इस मामले में दर्ज मुकदमे से जुड़े रिकॉर्ड देखे। पाकिस्तानी नागरिक के चरित्र व हैसियत के साथ ही उसके फर्जी आधार और पैन कार्ड आदि बनवाने के संबंध में पुलिसवालों से जानकारी हासिल की। करीब तीन घंटे तक टीम यहां रही। गांव पिपरा कनक के गगलवा चैन पट्टी में अवैध तरीके से रह रहे पाकिस्तानी नागरिक सेराजुल हक को स्थानीय पुलिस ने 11 जून को अवैध कागजात और दो स्थानीय सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने उसे और उसके सहयोगियों पर केस दर्ज कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने इसकी जानकारी एनआईए को भी दी थी। पुलिस और एलआईयू की टीम स्थनीय स्तर पर मामले की जांच कर रही है। इसी क्रम में शुक्रवार दोपहर में लखनऊ से एनआईए की टीम पटहेरवा थाने पहुंची थी। पटहेरवा पुलिस ने एनआईए को बताया कि गगलवा चैनपट्टी गांव में 1957 में सेराजुल हक एलटीवी वीजा पर भारत आया था। वह बीते 68 साल से इसी गांव में रह रहा था। उसने यहीं की लड़की से शादी कर ली। कुछ समय पहले तक उसका परिवार गांव के रईसों में शामिल था। इधर कुछ स्थिति खराब हो गई थी। यहां रहने के दौरान सेराजुल अपना वीजा हर साल रिन्यूवल कराता रहा। गांव में उसने अपनी अच्छी खासी पहचान बना रखी थी। वर्ष 2023 में भारत सरकार ने कानून बना दिया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के ऐसे नागरिक जो वहां अल्पसंख्यक हैं, यानि हिन्दू, जैन, सिख, पारसी व ईसाई को ही एलटीवी वीजा जारी किया जाएगा। इसके बाद से उसका वीजा रिन्यूवल नहीं हो गया और उसका यहां रहना अवैध हो गया। सूत्रों के अनुसार अभियुक्तों से पूछताछ के लिए टीम देवरिया जेल भी पहुंची। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। फर्जी आधार-पैन और आयुष्मान कार्ड बनवाया सेराजुल हक ने दस साल पहले स्थानीय सहयोगियों की मदद से अवैध तरीके से फर्जी आधार, पैन कार्ड, पहचान पत्र, राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड भी बनवा लिया था। इन फर्जी कागजातों के जरिए वह सरकारी योजनाओं का लाभ भी ले रहा था। एनआईए की टीम सेराजुल के फर्जी कागजात, मुकदमे की कार्रवाई आदि के रिकॉर्ड की प्रतियां भी अपने साथ ले गई। हालांकि, एनआईए की टीम ने इस संबंध में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
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