दामोदर और सपही नदी से बालू उठाव पर लगी रोक, 280 करोड़ की योजनाएं प्रभावित
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा 15 जून से नदी से बालू उठाव पर रोक लगाए जाने के बाद खलारी-कोयलांचल क्षेत्र में कई विकास परियोजनाएं संकट में हैं। दामोदर और सपही नदी में चल रहे चेकडैम, जलमीनार और...

खलारी, संवाददाता। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा 15 जून से नदी से बालू उठाव पर रोक लगाए जाने के बाद खलारी- कोयलांचल क्षेत्र में चल रही कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं पर संकट मंडराने लगा है। दामोदर नदी और सपही नदी में लगभग 280 करोड़ की लागत से बन रहे चेकडैम, जलमीनार और अन्य निर्माण कार्यों पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। एनजीटी के निर्देश के अनुसार अगले आदेश तक नदी में किसी भी प्रकार का खनन या बालू उठाव नहीं किया जा सकता। इस रोक की जानकारी मिलते ही चेकडैम निर्माण कार्य में लगी कंपनी ने नदी क्षेत्र से सारी मशीनरी और सामग्री हटा ली है।
कंपनी पदाधिकारियों ने पुष्टि की है कि 15 जून से खनन गतिविधियां पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। सीसीएल की परियोजनाओं और सरकारी योजनाओं पर संकट: सीसीएल के एनके एरिया और पिपरवार क्षेत्र में आवासीय कॉलोनी एवं ग्रामीण इलाकों में चल रहे भवन निर्माण, सड़क निर्माण और अन्य आधारभूत ढांचों के विकास कार्यों पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। इसके अतिरिक्त खलारी प्रखंड कार्यालय के अंतर्गत सिंचाई कूप निर्माण, शेड निर्माण, अबुआ आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर आवास योजना जैसे महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजनाओं का कार्य भी बालू आपूर्ति ठप होने से रुक सकता है। एनजीटी की रोक के चलते जहां कंपनियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, वहीं आम जनता को भी निर्माण से जुड़ी सुविधाओं से वंचित होने की आशंका बढ़ गई है। स्थिति सामान्य होने तक कई योजनाएं अधर में लटकी रहेंगी। कोट --- एनजीटी के 15 जून से बालू उठाव पर रोक लगाए जाने के बाद खलारी प्रखंड में चल रही 1200 से अधिक योजना प्रभावित होंगी। इसका निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाएगा। -बिनय कुमार गुप्ता, बीपीओ खलारी।
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