लखनऊ, आगरा, वाराणसी, झांसी व गोरखपुर समेत दस जिलो में सर्किल रेट का पुनरीक्षण जल्द कराया जाए : मुख्य सचिव
Lucknow News - 51 जिलों ने सर्किल रेट पुनरीक्षण का कार्य पूरा एटा, शामली और कौशाम्बी में

51 जिलों ने सर्किल रेट पुनरीक्षण का कार्य पूरा एटा, शामली और कौशाम्बी में 09 जून तक सर्किल रेट जारी होंगे लखनऊ। विशेष संवाददाता। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने लखनऊ समेत दस जिलों के डीएम से कहा है कि वह अपने यहां के सर्किल रेट पुनरीक्षण का काम आगे बढ़ाते हुए इसे तेजी से पूरा करें। इन दस जिलों में आगरा, बलरामपुर, बुलन्दशहर, गोरखपुर, झांसी, कन्नौज, कुशीनगर, लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी शामिल हैं। इसके अलावा जिन जिलों में आपत्तियों का निस्तारण हो चुका है, वहां शीघ्र ही संशोधित सर्किल रेट लागू किए जाएं। मुख्य सचिव ने शुक्रवार को सभी मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह बातें कहीं।
बैठक में बताया गया 51 जिलों ने सर्किल रेट पुनरीक्षण का कार्य पूरा कर लिया है। एटा, शामली और कौशाम्बी में 09 जून तक सर्किल रेट जारी होने की संभावना है, जबकि 11 जिलों में आपत्तियां प्रकाशित हो चुकी हैं और शेष 10 में कार्य प्रगति पर है। उन्होंने जीरो पावर्टी अभियान के तहत चिन्हित परिवारों को लाभार्थीपरक योजनाओं से जोड़ने के कार्य को तेज करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अंत्योदय कार्ड के लिए पात्र लाभार्थियों के चयन हेतु विभाग द्वारा 15 से 21 जून के बीच ग्राम पंचायतों में खुली बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। इन बैठकों में अपात्र कार्ड धारकों को सूची से हटाने की कार्यवाही भी की जाए। प्रयागराज में जल्द हो आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती के संबंध में उन्होंने कहा कि कोर्ट केस व शिकायतें आदि से संबंधित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित कर भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया जाए। प्रयागराज के जिलाधिकारी भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरा कराएं। बैठक में बताया गया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के 21,547 रिक्त पदों में से 74 जिलों में चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और 18,882 नवचयनित कार्यकत्रियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए हैं। केवल प्रयागराज में भर्ती प्रक्रिया प्रगति पर है। आवेदन पत्र प्राप्त न होने, पात्र आवेदिका पात्र न होने, कोर्टकेस एवं शिकायतों के दृष्टिगत 2665 कार्यकत्रियों की भर्तियां अवशेष हैं। मुख्य सचिव ने जालौन जिले में नून नदी के पुनरोद्धार और गौ आश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने की सराहना की। उन्होंने अन्य जिलों के जिलाधिकारियों से इस मॉडल को अपनाने के लिए भी कहा। उन्होंने प्रत्येक जिले में एक नदी या जलस्रोत का चयन कर उसे पुनरुद्धार व पुनर्जीवित करने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
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