कुरआन की तिलावत, नमाज व रोजे का करें एहतमाम
Lucknow News - लखनऊ में दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल ने हेल्पलाइन नंबरों पर लोगों के सवालों के जवाब दिए। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में उलेमाओं ने कुर्बानी और हज से संबंधित सवालों का उत्तर दिया।...

लखनऊ, संवाददाता। दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल शुरू किए गए हेल्पलाइन नंबरों पर कई लोगों ने सवालों के जवाब लिए। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में बने उलेमाओं के पैनल ने लोगों के सवालों के जवाब दिए। गुरूवार को कुर्बानी और हज से संबंधित पांच लोगों ने फोन किया। सवाल: कुर्बानी किस पर वाजिब है? जवाब: कुर्बानी हर उस मुसलमान, आकिल, बालिग और मुकीम पर वाजिब है जो साहिब-ए-निसाब हो। सवाल: जिलहिज्जा के पहले अशरे की क्या फजीलत है और उसमें क्या करना चाहिए? जवाब:: हदीस पाक में आया है कि इन दस दिनों में खुदा को नेक अमल जितने पसंद हैं, उतना दूसरे दिनों में नहीं।
इस में तिलावत, नफ्ल नमाज, दुआ और रोजे का एहतराम करना चाहिए। सवाल: कुछ जगहों पर मशहूर है कि जानवर खरीद कर ही कुर्बानी दे सकते हैं, पालतू को नहीं, क्या यह सही है? जवाब: यह सही नहीं है। जानवर को खरीद कर कुर्बानी दें या पाल कर, दोनों ही सही है। सवाल: अगर बकरा एक साल का है, लेकिन उसके दांत नहीं निकले तो क्या उसकी कुर्बानी सही है? जवाब: सही है। बस एक साल का होना शर्त है। दांत निकलना जरूरी नहीं। सवाल: मैंने पिछले साल अपने नाम से कुर्बानी कराई थी, तो क्या इस साल अपने बड़े भाई की तरफ से करवा सकते है? जवाब: जिसपर कुर्बानी वाजिब है, उसे हर साल अपनी तरफ से एक कुर्बानी करनी होगी, अगर सहूलत है तो दूसरी कुर्बानी किसी और के नाम से करवा सकते हैं।
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