बोले लखनऊ : फैज्जुलागंज में नाला अधूरा, बारिश में जलभराव से जूझेंगे हजारों लोग
Lucknow News - फैजुल्लागंज में 9 किलोमीटर लंबे आरसीसी नाले का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या से हजारों लोग प्रभावित होंगे। लोग घर छोड़कर दूसरी जगह जाने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों का...
फैजुल्लागंज में बन रहे नौ किलोमीटर लंबे आरसीसी नाले के निर्माण का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। मौसम ने दस्तक दे दी है। ऐसे में यहां रहने वाले हजारों लोग इस बार भी जलभराव से जूझेंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के मौसम में पूरा इलाका टापू बन जाता है। फैज्जुलागंज के चारों वार्ड में बारिश के मौसम में जलभराव होता है। मुख्य सड़कें और मोहल्ले की गलियां पानी में डूज जाती हैं। लोगों के घरों के भीतर पानी घुस जाता है। कुछ इलाकों में लम्बे समय तक जलभराव की वजह से लोग जून से लेकर अगस्त तक दूसरी जगह शिफ्ट हो जाते हैं।
फैज्जुलागंज में वर्ष 2023 में करीब 45 करोड़ रुपये की लागत से नाले का लोकार्पण किया गया था। 9 किमी. लम्बे नाले का निर्माण सीवर और जल निकासी के लिए किया जा रहा है। यह नाला आईआईएम के सामने से होते हुए फैज्जुलागंज प्रथम, चतुर्थ, दाऊदनगर, हनुमंतपुरम, गाजीपुर, बलरामपुर, माया फार्म और शिवपुरम से होते हुए गोमती नदी में गिरेगा। लोगों को उम्मीद थी इस बारिश से पहले नाले का निर्माण पूरा कर इसे शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन अभी नाला पूरा नहीं बन पाया है। फैज्जुलागंज-चार में बड़ा खुदान डुडौली के पास नाले का निर्माण अभी चल रहा है। काम कर रहे मजदूरों का कहना है कि अभी इसके बनने में समय लगेगा। नाले से इलाके की जल निकासी की नाली आदि को अभी जोड़ा जाना है। इस बारिश में निर्माण काम पूरा हो पाना मुश्किल है। घरों में घुस जाता है पानी सामाजिक कार्यकर्ता ममता त्रिपाठी बताती हैं कि बारिश में पूरे फैज्जुलागंज में जलभराव होता है। मुख्य सड़कें से लेकर मोहल्ले की गलियां पानी में डूब जाती हैं। घरों के भीतर पानी भर जाता है। 15 दिन से लेकर एक महीने तक जलभराव बना रहता है। कई लोग घर में ताला डालकर दूसरी जगह किराए में कमरा लेकर दो से तीन माह रहते हैं। पानी निकलने के बाद अपने घरों में वापस आते हैं। श्यामनगर में खाली प्लाटों में पानी भरा हुआ है। यहां 10 वर्ष पहले पड़ी सीवर जगह-जगह चोक हैं। सीवर का गंदा रास्ते और प्लाटों में भर रहा है। जल निकासी के लिये नहीं बनी नालियां पूनम जायसवाल बताती हैं कि फैज्जुलागंज में जल निकासी के लिये नालियां नहीं बनी हैं। घरों का पानी रास्तों और खाली प्लाटों में भर रहा है। कई जगह सीवर लीकेज होने की वजह से यह गंदा पानी भी खाली प्लाट में भर रहा है। जलभराव हो गया है। खाली प्लाट तालाब में तब्दील हो गए हैं। यहीं की रीना शुक्ला बताती हैं कि यहां पर घर बनवाकर फंस गए हैं। लाखों रुपये लगाने के बावजूद गांव से भी बदत्तर सुविधाएं हैं। स्थानीय विधायक और पार्षद कोई विकास काम नहीं करा रहे हैं। नाले से निकाली सिल्ट को लोगों ने जलाया फैज्जुलागंज-तृतीय के गायत्रीपुरम में नाले से करीब 20 दिन पहले सिल्ट निकाली गई थी। सिल्ट नहीं उठायी गई। इसकी बदबू से परेशान होकर सोमवार को स्थानीय लोगों ने आग लगाकर सिल्ट को जला दिया। जली सिल्ट नाले की पुलिया में जाम हो गई है। स्थानीय निवासी असलम ने बताया कि सिल्ट उठाने के लिये सुपरवाइजर को कई बार फोन किया गया, लेकिन कोई उठाने नहीं आया। नाले की सिल्ट से बदबू आ रही थी। घरों के भीतर रहना मुश्किल हो गया था। मजबूरी में सिल्ट में आग लगायी है। बयां किया दर्द फैज्जुलागंज-दो स्थित श्याम बिहार में 15 हजार से अधिक की आबादी रहती है। यहां पर जल निकासी के लिये नालियां और नाला नहीं हैं। बारिश में इस बार भी जलभराव होगा। नगर निगम कोई इंतजाम नहीं कर रहा है-ममता त्रिपाठी खाली प्लाट में पानी भरता है। इलाके में खाले प्लाट पर घरों का पानी भरने से जलकुम्भी जम गई है। यह तालाब की तरह विकसित हो गई है। जल भराव की समस्या का समाधान नहीं होने से लोग दहशत में हैं-गुड़िया सिंह एक वर्ष से अधिक समय से नाले का निर्माण चल रहा है। अभी तक निर्माण का काम पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में इस वर्ष बारिश में नाले का उपयोग हो पाना मुश्किल है। स्थानीय लोगों को जलभराव का सामना करना पड़ेगा-संगीता यादव बारिश में पूरे इलाके में जल भराव हो जाता है। पानी से सभी रास्ते डूब जाते हैं। घरों के भीतर पानी आ जाता है। जून से लेकर अगस्त पर पानी भरा रहता है। नाले का निर्माण न होने से अब फिर जल भराव से जूझ़ना पड़ेगा-पुष्मा मौर्या नाले का निर्माण पूरा न होने की वजह से इस बार बारिश में पूरे इलाके में जलभराव होगा। घरों के भीतर पानी घुस जाएगा। ऐसे में घर बंद करके दूसरी जगह शिफ्ट होना पड़ेगा। यहां जल भराव की बड़ी समस्या है। यहां घर बनवाकर फंस गए हैं -आशा मौर्या बारिश में इलाके की सड़कें और रास्ते पानी में डूब जाते हैं। लोग घरों में कैद हो जाते हैं। कई दिनों तक यह पानी भरा रहता है। बच्चों के डूबने की वजह से इन्हें स्कूल नहीं भेजते हैं। तमाम शिकायतों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी जलभराव की समस्या को दूर नहीं कर रहे हैं।-ज्ञानवती वर्मा श्याम बिहार में जल निकासी के लिये कोई इंतजाम नहीं हैं। जल निकासी के लिये नालियां नहीं बनी हैं। करीब 10 वर्ष पहले बनी सीवर जगह-जगह चोक है। इसका गंदा पानी रास्ते और खाली प्लाटों में भर रहा है। जलभराव वाली स्थिति बन गई है-प्रियंका बाजपेई
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