सभी केंद्र- - शहरों में मकान बनाने वालों पर बढ़ेगा बोझ
Lucknow News - सभी केंद्र- - - आठ से नौ तरह के शुल्कों में संशोधन का विचार

शैलेंद्र श्रीवास्तव, लखनऊ शहरों में मकान बनवाने वालों पर आठ से नौ तरह के शुल्क का बोझ बढ़ सकता है। उच्च स्तर पर इसको लेकर मंथन चल रहा है। विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद से इस पर राय मांगी गई है। उनसे पूछा गया है कि जरूरतों के आधार पर कितना शुल्क लगाया जा सकता है। इसके आधार पर नगर योजना एवं विकास अधिनियम में इसका प्रावधान किया जाएगा। आवास विभाग मौजूदा समय भवन विकास एवं निर्माण उपविधि के साथ नगर योजना एवं विकास अधिनियम बनाने की कवायद में जुटा हुआ है। भवन विकास एवं निर्माण उपविधि के प्रारूप को लगभग अंतिम रूप से दिया गया है।
नगर योजना एवं विकास अधिनियम को बनाने पर मंथन चल रहा है। इसमें मौजूदा जरूरतों के आधार पर कई तरह के प्रावधान किए जाने हैं, जिससे विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के साथ ही उन्हें और अधिक अधिकार दिए जा सकें। बढ़ सकता है विकास, अंबार, म्यूटेशन व एफएआर शुल्क नगर योजना एवं विकास अधिनियम पर मौजूदा समय राय-शुमारी चल रही है। इसके मौजूदा धारा-15 को संशोधित करते हुए विकास प्राधिकरणों को जरूरत के आधार पर नए शुल्क लगाने का अधिकार देने की तैयारी है। इसके साथ ही मौजूदा विकास शुल्क, प्रभाव शुल्क, निरीक्षण शुल्क, म्यूटेशन शुल्क, नगरीय उपयोग प्रभार, अंबार शुल्क, क्रय योग्य एफएआर शुल्क, शेल्टर शुल्क और मानचित्र स्वीकृत करने से संबंधित शुल्क को बढ़ाने का विचार है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग मौजूदा जरूरतों के आधार पर इन शुल्कों में संशोधन करना चाहता है। काफी समय से इसमें बदलाव नहीं किया गया है, इसके चलते वर्षों पुराना शुल्क ही वसूला जा रहा है। इन शुल्कों को महंगाई के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे मकान बनवाने वालों पर बोझ पड़ना तय माना जा रहा है। विकास प्राधिकरणों की राय-शुमारी के बाद शुल्क की दरें तय होंगी और फिर इसे कैबिनेट से मंजूर कराते हुए विकास प्राधिकरणों से इसे लागू करने को कहा जाएगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।