चकदह में बांध की हालत जर्जर, विभाग खामोश
Maharajganj News - महराजगंज के गांवों में बाढ़ के डर ने फिर से जोर पकड़ा है। तटबंधों की खस्ता हालत से ग्रामीण चिंतित हैं कि अगर समय पर सुधार नहीं हुआ तो बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। डीएम ने चेतावनी दी है कि टूटने पर...
महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। जिले में बीते वर्षों में बाढ़ की विभीषिका झेल चुके बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग तटबंधों को देखकर फिर से चिंता में पड़ गए हैं। बंधों व तटबंधों की खस्ता हालत देख लोगों को फिर डर सता रहा कि यदि समय रहे इसे मजबूत नहीं किया गया तो बाढ़ आने पर खतरा हो सकता है। हालांकि कि डीएम संतोष कुमार शर्मा ने अधिकारियों के साथ बैठक अल्टीमेटम दे दिया है कि तटबंध टूटे तो जिम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा। नौतनवा क्षेत्र में बहने वाली रोहिन नदी में बारिश के सीजन में जब भी अधिक पानी आ जाता है तो रोहिन नदी तबाही मचाती है।
नदी से तबाही का मंजर सोचकर ही ग्राम पंचायत चकदह के ग्रामीणों की रूह कांप जाती है। वर्ष 2022 की भीषण बाढ ने नौतनवा ब्लाक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत के 22 मजरों को मेरूंड कर दिया था। वर्तमान में रेनकट व रैनकट्स से बंधा जर्जर स्थिति में है। ग्रामीणों का कहना है कि मरचहवा घाट व लालपुर परती व जवहवा के बीच टूटे तटबंध को मजबूत नहीं कराया गया है। ये गांव होते हैं प्रभावित नौतनवा ब्लाक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत चकदह में कुल 22 मजरे हैं। इसमें चकदह खास, बेलहिया, बेलभार, आजादनगर, मनिकापुर, परसहवा, लालपुर, लालपुर परती, नौडिहवा, घटवा, मरचहवा, जवहवा, शाहपुर, बगिया, पलिहरवा, महुलैना प्रथम, महुलैना द्वितीय, मगरभौली उत्तर, मगरभौली दक्षिण आदि शामिल हैं, जिसकी कुल आबादी करीब 20 हजार है। क्या बोले ग्रामीण ग्रामीण समशाद खान, अजमेर, इरशाद, जियाऊल्लाह, महबुल्लाह, मुनीर आलम, रामराज, सोनिया, शकुन्तला, बगेदन, फूला देवी, राजन साहनी, रामहरी, रामललित, मंजूर, रामबेलास, समसुद्दीन, रामभवन, मिठाई, नेवास, भोला, रमजान, मुर्सलीन,अनवर अली,मजीबुल्लाह आदि लोगों ने बताा कि सिंचाई विभाग 2024 में करीब सात लाख रुपये से मरचहवा घाट पर बालू व रेत से ठोकर बनवा रहा था। इसका ग्रामीणों ने विरोध किया था। जिसके बाद ठेकेदार काम अधूरा छोड़कर भाग गया।
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