Free Surgeries Transform Lives of 188 Children Under National Child Health Program जन्मजात रोग से पीड़ित 188 बच्चों की सर्जरी से चेहरे पर लौटी मुस्कान, Maharajganj Hindi News - Hindustan
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जन्मजात रोग से पीड़ित 188 बच्चों की सर्जरी से चेहरे पर लौटी मुस्कान

Maharajganj News - महराजगंज के चैनपुर गांव की चार माह की आयत जन्मजात बीमारी से पीड़ित थी, जिसे मुफ्त सर्जरी के बाद स्वस्थ किया गया। इसी तरह, अन्य बच्चों को भी जन्मजात हृदय रोग और अन्य बीमारियों के लिए नि:शुल्क सर्जरी...

Newswrap हिन्दुस्तान, महाराजगंजFri, 30 May 2025 04:06 PM
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जन्मजात रोग से पीड़ित 188 बच्चों की सर्जरी से चेहरे पर लौटी मुस्कान

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। सिसवा क्षेत्र के चैनपुर गांव निवासी मो.आलम की चार माह की पुत्री आयत जन्मजात बीमारी (न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट) रीढ़ की हड्डी पर फोड़ा से पीड़ित थी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम स्क्रीनिंग के बाद सीएमओ ने राम मनोहर लोहिया मेडिकल कॉलेज रेफर किया। वहां बच्ची की निशुल्क सर्जरी हुई। अब आयत स्वस्थ्य है। परिजनों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई। नौतनवा क्षेत्र के चकदह निवासी गरीब परिवार की बहू हुस्नआरा मासूम बच्ची को जन्म दी। एक माह बाद परिजनों ने ध्यान दिया कि जब वह रोती है तो उसका शरीर नीला पड़ जा रहा है। गोरखपुर में जांच कराने पर पता चला कि मासूम बच्ची जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित है।

आपरेशन पर छह लाख रूपया खर्च होगा। इससे परिजन मायूस हो गए। आरबीएसके की टीम ने मासूम बच्ची का पंजीकरण कर आपरेशन के लिए अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा। सर्जरी के बाद मासूम बच्ची स्वस्थ्य है। घर उसके किलकारियों से गूंज रहा है। लक्ष्मीपुर क्षेत्र के पिपरा सोहठ गांव निवासी मजदूर का बेटा भी जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित था। आरबीएसके टीम स्क्रीनिंग के बाद अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजी। वहां से बच्चे को रेफर कर दिया गया। इसके बाद लखनऊ में श्री सत्य साई अस्पताल अहमदाबाद द्वारा आयोजित हदय रोग से ग्रसित कैम्प में आपरेशन के बाद बच्चा स्वस्थ्य हुआ। परिजनों के चेहरे पर खुशी लौटी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नि:शुल्क सर्जरी से केवल इन तीन मासूम बच्चे और उनके परिवार में ही खुशहाली नहीं आई। इनके जैसे 188 बच्चों की आरबीएसके टीम निशुल्क सफल सर्जरी करा चुकी है। इसमें से अधिकांश बच्चे गरीबों घरों के हैं। आपरेशन के लिए माली हालत खस्ताहाल थी। पर, शासन की योजना का लाभ मिला। अब इन घरों में स्वस्थ्य बच्चों की किलकारी व चहचहाहट गूंज रही है। सीएमओ श्रीकांत शुक्ल ने कहा, आंगनबाड़ी व स्कूल में पंजीकृत 18 साल से कम उम्र के करीब छह लाख बच्चों का आरबीएसके टीम ने पिछले वित्तीय वर्ष में स्क्रीनिंग किया। 40 हजार से अधिक बच्चे विभिन्न रोग से पीड़ित मिले। इनका उपचार कराया गया। करीब 188 बच्चों की निशल्क सर्जरी कराई गई। शासन की स्वास्थ्य योजनाओं का सीधा लाभ मिलने से बच्चे अब स्वस्थ्य हैं। बचपन में ही उनकी बीमारी को चिन्हित कर उपचार कराया जा रहा है। स्क्रीनिंग में 40 हजार बीमार बच्चे चिह्नित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी डॉ. मो.कमरूज्जमा लारी बताते हैं कि पिछले वित्तीय वर्ष टीम की स्क्रीनिंग में 40 हजार 722 बीमार बच्चे चिह्नित किए गए। इसमें से 22 हजार 306 का मौके पर ही उपचार किया गया। सीएचसी/पीएचसी पर 18 हजार 416 बच्चों को रेफर किया गया। जहां पर 17 हजार 743 बच्चे इलाज के बाद स्वस्थ्य हुए। लखनऊ, अलीगढ़ व गोरखपुर में टीम ने कराई निशुल्क सर्जरी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पिछले वित्तीय वर्ष न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से पीड़ित 9 बच्चे, जन्मजात हृदयरोग से पीड़ित 18 बच्चे, तालू व होंठ कटे 82 बच्चे, टेढ़े मेढ़े पैर वाले 74 बच्चे व हाइड्रो सिफैलस यानी मस्तक में पानी से ग्रसित पांच बच्चों का आरबीएसके टीम ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल, किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज व सिफ्स हॉस्पिटल लखनऊ व सावित्री हास्पिटल गोरखपुर में निशुल्क सर्जरी कराई।

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