Tribute to CRPF Martyr Vijay Kumar on 15th Death Anniversary in Mahrajganj शहीद विजय की 15वीं पुण्यतिथि पर परिवार व सुरक्षाबल ने दी श्रद्धांजलि, Maharajganj Hindi News - Hindustan
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शहीद विजय की 15वीं पुण्यतिथि पर परिवार व सुरक्षाबल ने दी श्रद्धांजलि

Maharajganj News - महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 6 अप्रैल 2010 को हुए अब

Newswrap हिन्दुस्तान, महाराजगंजMon, 7 April 2025 10:11 AM
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शहीद विजय की 15वीं पुण्यतिथि पर परिवार व सुरक्षाबल ने दी श्रद्धांजलि

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 6 अप्रैल 2010 को हुए अब तक के सबसे बड़े नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान विजय कुमार की 15वीं पुण्यतिथि पर उनके पैतृक गांव ठूठीबारी में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा में प्रयागराज सीआरपीएफ से पहुंचे एएसआई वशिष्ठ यादव और कांस्टेबल बलवंत यादव ने यूनिट की ओर से शहीद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।

कार्यक्रम में शहीद के पिता, राधाकुमारी इंटर कॉलेज के सेवानिवृत्त व्यायाम शिक्षक महेश प्रसाद, बड़े भाई एवं ग्राम प्रधान अजीत कुमार, कोतवाली के एसएसआई प्रवण ओझा, विनय पांडेय, असलम राईन, वसीम राईन, दिनेश कुमार रौनियार सहित क्षेत्र के गणमान्य लोगों और ग्रामीणों ने भाग लिया। इस दौरान दो मिनट का मौन रखकर शहीद की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस मौके पर सीआरपीएफ प्रयागराज सेंटर से आए एएसआई वशिष्ठ यादव ने कहा कि शहीदों की कुर्बानी को देश कभी नहीं भुला सकता। विजय जैसे वीरों की बदौलत ही आज देश सुरक्षित है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सुरक्षाबल हर परिस्थिति में शहीद के परिवार के साथ खड़े हैं। श्रद्धांजलि सभा में ग्राम प्रधान अजय कुमार उर्फ अजीत कुमार, पंचायत सेक्रेटरी दुर्गेश प्रसाद, सहायक पंचायत मित्र विनय पांडेय, अवधेश निगम, अख्तर अली, वेद प्रकाश पांडेय, संतोष पांडेय, जोखू खरवार, क्षेत्र पंचायत सदस्य बबलू खां सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

नक्सली हमला में विजय के साथ शहीद हुए थे 75 सीआरपीएफ जवान

विजय कुमार ने वर्ष 2006 में सीआरपीएफ ज्वाइन किया था। तीन भाइयों में सबसे छोटे विजय की पोस्टिंग 2010 में दंतेवाड़ा में हुई थी। होली की छुट्टी में घर आए विजय ने दोस्तों को वहां की सुरक्षा चुनौतियों के बारे में बताया था। छुट्टी के बाद लौटते ही 6 अप्रैल को दंतेवाड़ा के जंगलों में नक्सली हमले में वे 75 अन्य जवानों के साथ शहीद हो गए। शहीद विजय अपने पीछे पत्नी सुनीता और चार वर्षीय बेटे दीक्षांत को छोड़ गए। वर्तमान में सुनीता भोपाल ग्रुप सेंटर में एएसआई पद पर कार्यरत हैं, जबकि दीक्षांत बी.कॉम की पढ़ाई के साथ भोपाल के अमीर खान इंडोर स्टेडियम में खेल प्रशिक्षण ले रहे हैं।

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