दो साल बाद खुला पीडब्ल्यूडी का डीसीएल खाता
Mathura News - मथुरा में लोक निर्माण विभाग का खाता दो वर्षों के बाद चालू हुआ है। आगरा की व्यवसायिक कोर्ट ने खाता पर लगे प्रतिबंध हटाए हैं, जिससे भुगतान प्रक्रिया आरंभ हो गई है। इससे ठेकेदारों की परेशानियों में कमी...

मथुरा। लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड का करीब दो वर्ष से बंद पड़ा खाता पिछले सप्ताह चालू हो गया है। आगरा की व्यवसायिक कोर्ट द्वारा इस खाते पर लगाए गए तमाम प्रतिबंध सशर्त हटा लिए गए हैं। अब इससे भुगतान प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। नवंबर 2023 में आगरा की व्यवसायिक कोर्ट के आदेश पर लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड का डीसीएल (डिवीजनल कलेक्शन लेजर) खाता सीज कर दिया गया था। इसके बाद विभाग के तमाम कार्यों के भुगतानों पर रोक लग गई थी। इससे तमाम ठेकेदारों के अलावा अन्य लोगों को भारी परेशानी हो रही थी। मामला हाईकोर्ट में पहुंचने के बाद भी निस्तारित नहीं हो सका था।
हाईकोर्ट ने भी इसे व्यवसायिक कोर्ट को भेज दिया था। इसके बाद यहां चल रही सुनवाई में व्यवसायिक कोर्ट ने विगत दिनों खाते पर लगाए तमाम प्रतिबंध हटा दिए हैं। हालांकि अभी भी कोर्ट ने खाते में डेढ़ करोड़ रुपये की राशि पर न्यूनतम राशि के रुप में रखने का प्रतिबंध बरकरार रखा है। खाता सीज होने से विभागीय भुगतान, निर्माण कार्यों की गति और कई योजनाओं की समयसीमा प्रभावित हुई थी। इसके चलते ठेकेदारों को भुगतान नहीं हो पा रहा था, जिससे वे भी कार्यों से पीछे हटने लगे थे। अब प्रतिबंध हटने से विभाग को अपने कार्यों में तेजी लाने का मौका मिलेगा। हालांकि यह आंशिक राहत है। जिंदल पाइप्स का दावा अदालत में विचाराधीन है। विभाग अब मामले का समाधान निकालकर खाते पर लगे शेष प्रतिबंध भी हटवाने को प्रयासरत है। 2.5 लाख पर ब्याज लगाकर हुए 69 लाख दरअसल जिंदल पाइप्स नामक फर्म द्वारा दायर वाद में आरोप था कि विभाग ने वर्ष 2004 में सप्लाई किए सीमेंटेड पाइप्स के 10 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया है। विभाग ने तीन वर्ष बाद करीब 7.5 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया। इसके बाद फर्म 2.5 लाख रुपए के लिए व्यावसायिक कोर्ट पहुंच गई। कोर्ट ने विभाग को ब्याज सहित करीब 69 लाख रुपए कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया था। इसमें विभाग ने करीब 20 लाख रुपए जमा करा दिए हैं। अब जाकर कोर्ट ने खाते से प्रतिबंध हटाए हैं। वर्जन- व्यवसायिक कोर्ट ने विभाग के डीसीएल खाते से सशर्त प्रतिबंध हटा दिए है। अब सिर्फ 1.5 करोड़ रुपए न्यूनतम बैलेंस छोड़कर अन्य भुगतान करने की अनुमति प्रदान कर दी है। इससे तमाम कार्य प्रभावित हो रहे थे। इससे विभागीय कार्यों को बड़ी राहत मिली है। -हाकिम सिंह, प्रशासनिक अधिकारी, पीडब्ल्यूडी, प्रांतीय खंड -- -व्यावसायिक कोर्ट ने लगाए थे नवंबर 2023 से भुगतानों पर प्रतिबंध
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