मेरठ के लाल का इटली में कमाल, दांतों से 35 सेकेंड उठाए रखा 50 किलो सामान, बन गया वर्ल्ड रिकॉर्ड
- मेरठ के विकास स्वामी ने इटली में अपने गर्दन पर दो बेटों का भार उठाते हुए दांतों से 50 किलोग्राम वजन का सामान 35 सेकेंड से भी ज्यादा समय तक उठाए रखकर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है।

कहते हैं कि अगर इरादे मजबूत हों कीर्तिमान रचा जा सकता है। मेरठ के रहने वाले एक शख्स ने अपने दो बेटों के साथ ऐसा ही कर दिखाया है। उनका नाम दांतों से वजन उठाने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है। उनके दोनों बेटों ने भी एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया है। मिलिए मेरठ के करनावल के रहने वाले योगी विकास स्वामी से जिन्होंने इटली में इतिहास रच दिया है।
विकास स्वामी ने हैंड स्टैंड की हालत में 35 सेकेंड से ज्यादा पल तक 50 किलो का सामान दांतों से और गर्दन पर 71 किलोग्राम के दो बेटों का भार उठाए रखा। बड़े बेटे आदित्य का वजन लगभग 50 किलोग्राम है और छोटे बेटे अनमोल का वजन लगभग 25 किलोग्राम है। रिकॉर्ड बनाने के लिए विकास को कुल 125 किलोग्राम वजन को 30 सेकेंड तक होल्ड करना था जिसमें दांतों से 50 किलो का सामान उठाए रखना था। इस चुनौती को स्वीकारते हुए विकास ने 35.57 सेकेंड तक सबको उठाए रखकर नया कीर्तिमान बना डाला।
विकास के पिता विक्रम सिंह और माता मेघवती देवी ने कहा कि बेटे की उपलब्धि पर बहुत गर्व है। कस्बा के रहने वाले अनुज चौधरी ने कहा कि विकास का इटली से लौटने पर भव्य स्वागत होगा। विकास पहले भी कई रिकॉर्ड बना चुके हैं। 2021 में दांतों से 80 किग्रा वजन उठाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड बनाया। फिर 83 किग्रा उठाकर एशिया बुक रिकॉर्ड बनाया। विकास अपने पुत्रों के साथ इंडियाज गॉट टैलेंट में भी शामिल होकर अपना हुनर दिखा चुके हैं।
इंडियाज गॉट टैलेंट से आए थे सुर्खियों में
विकास स्वामी 2023 में इंडियाज गॉट टैलेंट के मंच पर दांतों से 80 किलो वजन हैंड स्टैंड में 2 इंच की हाइट पर उठाने के बाद सुर्खियों में आए थे। तब उन्होंने 5 सेकेंड तक वजन को होल्ड किया था। विकास स्वामी ने बताया कि इसके बाद उन्हें गिनीज बुक द्वारा इटली बुलाया गया और अपना रिकॉर्ड ब्रेक करने के लिए कहा गया।
2010 में दुर्घटना के बाद बेड पर पड़े रहे थे विकास
विकास स्वामी के परिवार में मां-बाप के अलावा पत्नी, एक बेटी और दो बेटे हैं। 2010 में उनका एक्सीडेंट हो गया था। काफी उपचार के बाद जान बच सकी थी। 2012 में उन्होंने योग को चुना और इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी। डॉक्टर्स ने भी उनकी समस्या को देख हाथ खड़े कर दिए। नौकरी छूट गई लेकिन उन्होंने हालात के सामने घुटने नहीं टेके। योग सीखा और इसके बाद से निरंतर योग करते रहे।
विकास स्वामी ने बच्चों को भी सिखाया हुनर
विकास स्वामी ने बच्चों को भी यह हुनर सिखाया है। उनके बच्चे भी कई मेडल हासिल कर चुके हैं और कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं। विकास स्वामी का कहना है कि परिवार का सपना है कि मेहनत के बल पर आगे बढ़कर आर्थिक समस्या का हल निकाला जाए। उन्होंने इस खास मौके पर इटली से एक वीडियो जारी कर पूरे देश का आभार जताया है।