Shraddhapuri Sector-4 Faces Severe Water Drainage Issues in Kankar Khera Area बोले मेरठ : श्रद्धापुरी में सड़क पर कूड़ा, घरों में भरता है पानी, Meerut Hindi News - Hindustan
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बोले मेरठ : श्रद्धापुरी में सड़क पर कूड़ा, घरों में भरता है पानी

Meerut News - कंकरखेड़ा के श्रद्धापुरी सेक्टर-चार में गंदे पानी की निकासी की गंभीर समस्या है। क्षेत्र के नाले चोक हो चुके हैं और साफ-सफाई की व्यवस्था नदारद है। बारिश में घरों में पानी भर जाता है और मच्छरों का...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठFri, 13 June 2025 06:56 PM
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बोले मेरठ : श्रद्धापुरी में सड़क पर कूड़ा, घरों में भरता है पानी

कंकरखेड़ा क्षेत्र में श्रद्धापुरी का पूरा इलाका गंदे पानी की निकासी से जूझता नजर आता है। वहीं श्रद्धापुरी सेक्टर-चार इसी कड़वी सच्चाई को लंबे समय से झेल रहा है। यह पूरा क्षेत्र नगर निगम को हैंडओवर हो चुका, जहां जमीनी तस्वीर, गंदे पानी की निकासी, और कूड़े-कचरे से सिसकते नाले खुद की दुर्दशा बयां करते दिखते हैं। हर बारिश के साथ यहां घर तालाब बन जाते हैं और हर शाम को अंधेरा लोगों को परेशान करता है। इलाके के लोग निकासी और बुनियादी सुविधाएं चाहते हैं। मेरठ शहर के कंकरखेड़ा क्षेत्र में श्रद्धापुरी सेक्टर चार और इसके आसपास करीब एक हजार से अधिक लोग निवास करते हैं।

तीन सौ से अधिक इस इलाके में मकान हैं। शुरू में ही एक बड़ी सी पानी की टंकी नजर आती है, जो 35 साल पहले कभी बनी थी। जिसकी आजतक सफाई नहीं की गई है। वहीं इलाके में नालियां कहीं हैं, तो कहीं एकदम गायब हो चुकी हैं। सीवर लाइन होने के बाद भी हालात बदतर हैं, जिनकी निकासी की व्यवस्था एकदम खराब हैं। हिन्दुस्तान बोले मेरठ टीम ने इस इलाके के लोगों से उनकी परेशानी जानने का प्रयास किया। जहां सामने आया कि पार्कों की दुर्दशा से लेकर गंदे पानी की निकासी की समस्या को लेकर सालों से लोग जूझ रहे हैं। नालों की हो सफाई, निकासी हो सही यहां लोगों का कहना है, कि श्रद्धापुरी की मुख्य सड़क के किनारे बना नाला एकदम चोक है। इस पूरे क्षेत्र की नालियों और सीवर का कनेक्शन श्रद्धापुरी खिर्वा रोड के नाले से है, जिसकी सफाई नहीं होती। उसमें गंदगी अटी पड़ी है, जिसकी सफाई भी शायद कभी होती है। बताते हैं, कि पूरा इलाका एमडीए का है, जिसको नगर निगम को हैंडओवर किया जा चुका है, लेकिन इसकी सीवर लाइन आजतक एमडीए ने नगर निगम को हैंडओवर नहीं की। सीवर पूरी तरह चोक हो चुके हैं, जिनकी सफाई एमडीए कराता नहीं है और नगर निगम उसको छेड़ता नहीं है। कई बार सीवर ओवरफ्लो हो जाते हैं और गंदगी सड़कों पर भर जाती है। नाला मारता है बैक, घरों में भरता है पानी अमित शर्मा, पवन सोम, अनुज सोम, सनोज मलिक, और डॉ. उदित मोहन का कहना है, कि श्रद्धापुरी में मुख्य सड़क पर बना हुआ नाला ऊंचा बनाया गया है। लोगों के घरों का पानी नाले में पहुंच ही नहीं पाता है। नाला जैसे ही ओवरफ्लो होता है, उसका गंदा पानी वापस घरों में आने लगता है। नाले का बहाव उल्टी दिशा में होने के कारण पानी घरों में भर जाता है। बरसात में तो बुरी हालत हो जाती है, लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है। नालिया और सीवर चोक होने के कारण यह दिक्कत ज्यादा बढ़ जाती है। आसपास के इलाकों का पानी भी हमारी कॉलोनी के अंदर आने लगता है। जिससे लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी से जूझना पड़ता है। सभासद या नगर निगम के अधिकारी सुध ही नहीं लेते। पार्कों का हो उद्धार, सुधरे व्यवस्था लोगों का कहना है, कि पार्कों की व्यवस्था खराब हुई पड़ी है, दीवारें जर्जर हो चुकी हैं, लोग आपस में पैसा इकट्ठा करके ही इसका थोड़ा बहुत काम कराते हैं। नगर निगम की तरफ से पार्क में साफ सफाई की व्यवस्था भी नहीं है। वहीं इलाके में नालियों और सीवर की निकासी नहीं होने के कारण बरसात के दौरान स्थिति ज्यादा विकट हो जाती है। पार्क में तो पानी भरता ही है, लोगों के घरों की रसोई तक पानी आ जाता है। पार्कों में भरा पानी सूखने में कई दिन लग जाते हैं। बच्चे पार्कों में खेल भी नहीं पाते हैं। नगर निगम की तरफ से साफ-सफाई सुचारू हो, पार्कों की व्यवस्था सुधारी जाए तो लोगों को राहत मिले। मच्छर कर रहे शिकार, लोग हो रहे बीमार कॉलोनी में लोगों का कहना है कि किसी तरह तो पार्क का पानी सूखता है, इसके बाद यहां मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। नगर निगम वाले ना तो कोई छिड़काव करते हैं और ना ही साफ सफाई की व्यवस्था। कूड़ा जहां पड़ा है, वहीं पड़ा रहता है, उसे उठाने के लिए भी प्राइवेट सफाई कर्मचारी को रखना पड़ रहा है। हालात ये हो गए हैं कि लोग मच्छरों के कारण मलेरिया के शिकार हो रहे हैं। इलाके में फॉगिंग हो और नालियों व गंदगी की जगहों पर दवाई छिड़की जाए। जिससे लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े। - सड़क किनारे नाले में डालते हैं कूड़ा लोगों का कहना है कि आसपास के इलाके में सफाई कर्मी कूड़ा डंपिंग ग्राउंड में डालते, बल्कि वे बाहर नाले के किनारे ही डालकर चले जाते हैं। इस बहुत से लोग घरों का कूड़ा भी नाले के किनारे फेंकने लगे हैं, जिससे नाला पूरी तरह चोक हो गया है। इससे सीवर और नाली का पानी मुख्य नाले में नहीं जा पाता। जिससे सीवर और नालियां ओवरफ्लो हो जाती हैं। इससे इलाके में बदबू और गंदगी फैलती है। नाले की निकासी अगर सही हो जाए तो यहां सीवर और नालियों का पानी भी कुछ हद तक ठीक हो सकता है, लेकिन जब तक नाले का लेबल ठीक नहीं होगा, तब तक इस पूरे इलाके की समस्या जस की तस बनी रहेगी। लंबे समय से पानी की टंकी साफ नहीं हुई लोगों का कहना है कि घरों में आने वाला पानी कई बार बहुत गंदा आता है। यहां बहुत साल पहले बनी टंकी की सफाई आजतक नहीं की गई है, बस उसके ऊपर पेंटिंग करके जल ही जीवन लिख दिया गया है। अगर इसकी सफाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में लोग बीमार होने लगेंगे। साफ पानी मिलेगा तो ही लोगों का स्वस्थ्य सही रहेगो। ज्यादातर लोगों ने आरओ लगवा रखा है, ताकि पीने के पानी से बच्चों को दिक्कत ना हो। लेकिन बहुत से लोग यह व्यवस्था नहीं कर सकते। कहीं दिनभर जलती हैं लाइटें, तो कहीं हैं नहीं खंभों पर जलती लाइटें दिखाते हुए लोग कहते हैं, कि यहां स्ट्रीट लाइटें या तो जलती नहीं हैं और अगर जलती हैं, तो वे बंद ही नहीं होती। कुछ खंभों पर तो लाइटें ही नहीं हैं, ऐसे में रात के दौरान अंधेरा रहता है। सड़कों पर कई बार अंधेरे के कारण लोगों के साथ घटनाएं घट चुकी हैं। सभी खंभों पर स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं और जहां लगी हैं उनके बदं करने और जलाने का समय निश्चित हो। ताकि सरकार को इस व्यवस्था से पहुंचने वाली हानि कम हो। समस्या - श्रद्धापुरी इलाके में सभी नाले व सीवर चोक पड़े हुए हैं - नालियां पूरी तरह बंद पड़ी हैं, पानी घरों में भरता है - इलाके में कहीं स्ट्रीट लाइटें ही नहीं है, कहीं दिनभर जलती हैं - यहां पार्कों की व्यवस्था काफी खराब है, देखने वाला कोई नहीं - मच्छरों की समस्या ज्यादा रहती है, फॉगिंग नहीं होती सुझाव - पूरे इलाके में सभी नाले व सीवर की व्यवस्था सुधारी जाए - बंद पड़ी नालियों की सफाई हो और निकासी सही की जाए - खंभों पर स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं, सही समय पर जलें, बंद हों - पार्कों की व्यवस्था सुधारी जाए, सौंदर्यकरण किया जाए - मच्छरों से बचाव के लिए फॉगिंग हो, दवाई का छिड़काव हो बयां किया दर्द यहां नगर निगम वाले सफाई के लिए नहीं आते, हमने खुद ही अपना प्राइवेट सफाइकर्मी रखा हुआ है। - अमित शर्मा कहने को तो पॉश इलाका है, लेकिन हालात काफी खराब हैं, नाले हों या नालियां सभी पूरी तरह चोक हैं। - पवन सोम पूरे क्षेत्र में ही सफाई की बड़ी समस्या है, कूड़ा उठाने वाली गाड़ी भी यहां नहीं आती, बाहर से ही चली जाती है। - सनोज मलिक इलाके के नाले चोक पड़े हुए हैं, कहीं भी निकासी है नहीं और सफाई की व्यवस्था एकदम खराब हो चुकी है। - डॉ. उदित मोहन पार्कों की दीवारें जर्जर हो चुकी हैं, नगर निगम के हैंडओवर होने के बाद भी इसकी देखरेख हम लोग ही करते हैं। - विपुल झा सभी नालियां और नाले पूरी तरह चोक हो चुके हैं, नालियों का गंदा पानी गलियों में और सड़कों पर भर जाता है। - राजकुमार मलिक श्रद्धापुरी में सड़क किनारे नाले का गंदा पानी उल्टी दिशा में बहता है, जिसकी निकासी की व्यवस्था सही होनी चाहिए। - अभिनव मलिक बरसात में तो हालत खराब हो जाती है, गंदा पानी लोगों के घरों में भर जाता है, मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। - बिलेश मलिक नाले गंदगी से अटे रहते हैं, सीवर पूरी तरह चोक हैं और उनकी निकासी है नहीं, जिससे जलभराव की दिक्कत होती है। - राजेंद्र सिंह पार्कों की स्थिति नगर निगम को सुधारनी चाहिए, जर्जर हो चुकी दीवारों का निर्माण कराकर सौंदर्यकरण कराया जाए। - सोहनबीरी बरसात में तो हालत ये हो जाती है कि लोगों के घरों में भी पानी भर जाता है, दूसरी कॉलोनी का पानी भी यहीं आता है। - पंकज श्रद्धापुरी एमडीए एप्रूव्ड है, नगर निगम के हैंड ओवर भी है, लेकिन इसकी व्यवस्था देखने वाला कोई भी नहीं है। - प्रीति गुप्ता इस इलाके में बाहर की तरफ सड़क किनारे गंदगी और चोक नालों की समस्या बहुत है, गंदा पानी घरों में घुसता है। - गौरव मलिक स्ट्रीट लाइटें कुछ खंभों पर दिन रात जलती रहती हैं, कुछ खंभों पर लाइटें ही नहीं हैं, जहां पूरी तरह अंधेरा रहता है। - तुषार पार्को में कूड़ा-करकट पड़ा रहता है, जिसमें कीड़े-मकौड़े पनपते हैं, कोई इस इलाके में सफाई के लिए नहीं आता। - आशू कई बार सरकारी टंकी का पानी खराब आता है, क्योंकि लंबे समय से टंकी की सफाई नहीं हुई, इससे लोग बीमार होते हैं। - जयपाल सिंह

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