निश्चिंता एवं निर्भयता को प्रभु पर विश्वास जरूरी
Moradabad News - शिव शक्ति मंदिर राम गंगा विहार में पांच दिवसीय श्री राम कथा का आरंभ हुआ। राम कथा वाचक बृजेश पाठक ने भक्तों के विश्वास को जीवन में निश्चिंतता और निर्भयता का मुख्य कारण बताया। उन्होंने रामायण के संदेशों...

शिव शक्ति मंदिर राम गंगा विहार में पांच दिवसीय श्री राम कथा का शुभारंभ हुआ। इसमें बरेली फरीदपुर से आए राम कथा वाचक मानस मर्मज्ञ बृजेश पाठक रामायणी ने कहा जीवन में निश्चिंतता एवं निर्भयता दिखाई देती है उसका मूल कारण भक्तों का विश्वास है। वह प्रभु राम की शरण में हैं और श्री राम का उनके सिर पर हाथ है। रामायण में स्वयं श्री राम ने भी कहा है कि मेरा सच्चा सेवक वही है जो भीतर मेरे दर्शन करता है और सबकी सेवा में लीन रहता है। हनुमान और लक्ष्मण ने प्रभु की सेवा नि:स्वार्थ भाव से की हमें उन्होंने अपना आदर्श मानना चाहिए।
उन्होंने राम कथा का वास्तविक अर्थ समझाते हुए कहा इसके श्रवण करने से मनुष्य के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है। इससे सुनने से मन निर्मल होता है। राम के कल्याण कारी स्वरूपों की चर्चा करते हुए श्री राम की महिमा का वर्णन किया। कथा व्यास ने कहा महाभारत में भीष्म पितामह ने अर्जुन को मारने की प्रतिज्ञा की तो पांडव व्याकुल हो गए। भगवान कृष्ण रात्रि में अर्जुन के शिविर में पहुंचे तो वह सो रहे थे। कृष्ण ने अर्जुन को जगाकर पूछ तुम सो रहे हो तब अर्जुन ने कहा जिसकी चिंता में आप जाग रहे हैं उसे चिंता की किया जरूरत है। इसीलिए कहा गया है कि निश्चिंतता एवं निर्भय जीवन के लिए भगवान की शरणागति आवश्यक है। व्यवस्था में गोरख प्रसाद, निमित जायसवाल, राधे मोहन शर्मा, पंडित हेमंत भट्ट, पंडित देवेंद्र ओझा आदि शामिल रहे।
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