प्रचंड गर्मी खराब कर रही बच्चों की छुट्टी
Muzaffar-nagar News - प्रचंड गर्मी खराब कर रही बच्चों की छुट्टी

पूरा जनपद इन दिनों प्रचण्ड गर्मी की चपेट में हैं। अत्यधिक गर्मी के कारण इस बार बच्चों के स्कूलों की छुट्टियां भी खराब हो रही हैं। भयंकर गर्मी में बच्चे खेलने-कूदने को भी तरस गए हैं। सूरज की तपिश का आलम यह है कि लोगों के घर सुबह जल्द ही तप जाते हैं और देर रात तक तपन में जलते रहते हैं। घर ठंडा होने का नाम नहीं लेते। पंखें की हवा भी लू जैसी प्रतीत होती है। जून माह में इस बार सबसे अधिक गर्मी पड़ रही है। आलम यह है कि इस बार तापमान भी काफी बढ़ चुका है।
जून माह में बच्चों के स्कूलों की छुट्टी पड़ जाती हैं, जिसमें वह घूमने-फिरने के लिए बाहर जाते हैं। अधिकतर बच्चे अपने नाना-नानी के घर जाते हैं और वहां जाकर मस्ती करते हैं, परंतु इस बार प्रचण्ड गर्मी के कारण परिजन अपने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनको घर से बाहर ले जाने में कतरा रहे हैं। बच्चों के साथ-साथ परिजन भी घरों में रहने को मजबूर हैं। घरों की तपन में रहना मुश्किल प्रचंड गर्मी में सूरज ने इतनी भयंकर आग उगल रखी है कि लोगों के घर सुबह को ही गर्म होकर तप जाते हैं और पूरे दिन तपिश में रहने के बाद देर रात तक घरों में ठंडक नहीं बन पाती। इसका आलम यह है कि घरों में चल रहे पंखें भी इतनी गर्म हवा दे रहे हैं कि वह हवा लू जैसी प्रतीत हो रही है। यही नहीं घरों में चलाए जा रहे कूलर भी लोगों को कोई ज्यादा राहत नहीं दे पा रहे हैं। कूलरों के पानी भी जल्दी ही सूख जाता है दिनभर में तीन-चार बाद पानी डालना पड़ रहा है। तपते घरों में रहना काफी मुश्किलभरा हो रहा है। शुक्रवार को तापमान अधिकतम 34 डिग्री व न्यूनतम 30.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुनसान हुई सड़कें शहर में प्रचंड गर्मी के चलते शहर की जिन सड़कों पर देर रात तक वाहनों की आवाजाही रहती थी, उन सड़कों पर अब दिन सन्नाटा पसरा रहता है। प्रचंड गर्मी में कोई भी बाहर नहीं निकल रहा है। शहर के महावीर चौक, झांसी की रानी चौक, मेरठ रोड, रूडकी रोड, भगत सिंह रोड, गांधी कालोनी, नई मंडी की सड़कें दिनभर सुनसान सी दिखाई देती हैं। रोडवेज बसों में सवारियों का टोटा भयंकर गर्मी के चलते इन दिनों कोई भी सफर करना नहीं चाहता है, जिस कारण रोडवेज बसों में भी सवारियों का टोटा बना हुआ है। रोडवेज बसों में सवारियों की कमी के चलते विभाग को भारी नुकसान पहुंच रहा है। बसों में सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक मुश्किल से 15-20 सवारियां ही यात्रा के लिए मिलती हैं। इतनी कम सवारियों के कारण रोडवेज बसों के तेज का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है।
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