लखनऊ में लापरवाही पड़ी भारी, चार बच्चों की मौत, 20 अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती
राजधानी लखनऊ लापरवाही और घटना छिपाने में चार बच्चों की जान चली गई है। 20 बच्चों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। 16 बच्चे लोकबंधु तीन बलरामपुर अस्पताल और एक का केजीएमयू में इलाज चल रहा है।

राजधानी लखनऊ में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां निर्वाण रिहेबिलिटेशन सेंटर में मानसिक मंदित बच्चों की सेहत से खिलवाड़ में चार बच्चों की मौत हो गई है। अलग अलग अस्पतालों में 20 बच्चों को भर्ती कराया गया है। संस्था के अधिकारी बच्चों को समुचित इलाज मुहैया कराने के बजाए बीमारी छिपाने में जुटे रहे। संस्था के अफसर दो बच्चों की मौत का दावा कर रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की जांच में चार बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मौत और बीमारी के आंकड़ों को छिपाने के लिए अलग-अलग अस्पतालों में बच्चों को भर्ती कराया गया। चार मौतों के बाद शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया। मंडलायुक्त व जिलाधिकारी समेत अन्य अफसरों ने लोकबंधु अस्पताल में भर्ती बच्चों की सेहत का हाल लिया।
अस्पताल प्रशासन को बेहतर इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए। घटना की जांच शुरू हो गई है। बताया जाता है कि 22 मार्च को ठाकुरगंज अस्पताल में शिवांक (15) की मौत हो गई। 25 मार्च को लोकबंधु अस्पताल में दीपा (16), बलरामपुर अस्पताल में सूरज (12) की मौत हो गई। 26 फरवरी की सुबह रेनू (13) की लोकबंधु अस्पताल में मौत हुई है।
बुद्धेश्वर के निकट निर्वाण संस्था में अनाथ मानसिक रूप से बीमार बच्चे रखे जाते हैं। यहां करीब 147 बच्चे हैं। बीते करीब एक सप्ताह से संस्था में बीमारी फैली है। बच्चे उल्टी-दस्त, पेट दर्द से बीमार हैं। शुरूआत में संस्था के अधिकारियों ने बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया। उल्टी-दस्त और पेट दर्द से जब बच्चे बेहाल हो गए तो संस्था ने घटना पर पर्दा डालने के लिए अलग-अलग अस्पतालों में बच्चों को भेजना शुरू किया। समय पर इलाज न मिलने से चार बच्चों की सांसें थम गईं। गंदा पानी व दूषित भोजन किशोर-किशोरियों की मौत की बढ़ी वजह हो सकती है।
अफसरों ने बच्चों की सेहत का हाल लिया
गुरुवार को मंडलायुक्त रौशन जैकब, डीएम विशाखा जी, प्रमुख सचिव बाल विकास पुष्टाहार लीना जौहरी और एसीपी कृष्णा नगर बच्चों के देखने सुबह नौ बजे पहुंचे। तीस नंबर वार्ड में भर्ती 16 बच्चों की सेहत का हाल लिया। अस्पताल प्रशासन को बेहतर इलाज के निर्देश दिए। बलरामपुर अस्पताल व केजीएमयू में रेफर दो बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है।
अलग-अलग अस्पताल में चल रहा इलाज
सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि चार बच्चों की मौत हुई है। संस्था ने घटना को शुरूआत में छिपाया। मौजूदा समय में सात बच्चों का इलाज संस्था में चल रहा है। 16 किशोर-किशोरी लोकबंधु अस्पताल में भर्ती हैं। तीन बच्चों का बलरामपुर अस्पताल में इलाज चल रहा है। जिसमें गोपाला आईसीयू में भर्ती है। जबकि महिमा व संगीता की तबीयत स्थिर है। एक बच्चा केजीएमयू में भर्ती है। डॉक्टरों की टीम लक्षणों के आधार पर जांच करा रही है।