श्रीरामकथा मर्यादा के साथ भक्ति मुक्ति दोनों का फल देने वाली: तिवारी
Pilibhit News - भगवान श्रीराम की कृपा से राम कथा संभव है, जो भक्ति और मुक्ति प्रदान करती है। प्रवचकों ने बताया कि भगवान राम का स्मरण करने से दुख दूर होते हैं। भगवान ने सदैव धर्म का पालन किया और भक्तों पर कृपा बरसती...

भगवान श्रीराम की कृपा होती है, तभी राम कथा संभव होती है। राम कथा भक्ति व मुक्ति दोनों देने वाली है। राम कथा ही मनुष्य को मर्यादा में रहने की सीख देती है। कथाव्यास पं. अम्बरीश तिवारी ने श्रीरामकथा के पहले दिन प्रवचनों का अमृतपान कराते हुए कहा कि भगवान राम का भावपूर्वक स्मरण करने से जीव के दुख दूर हो जाते हैं। दशरथ ज्ञान तथा सीता भक्ति है, जहां भक्ति होती है, वहीं भगवान निवास करते हैं। कहा कि भगवान श्रीराम ने सदैव मर्यादा में रहते हुए कर्तव्य, धर्म व सत्य का पालन किया। उन्होंने किसी भी परिस्थिति में अपने धर्म का त्याग नहीं किया।
मनुष्य को प्रभु श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। प्रवाचक ने कहा कि सच्चे मन से भगवान का नाम सुमिरन करने वाले पर संकट नहीं आता। भक्ति में रमने वाला हर समय धर्म का कार्य करता है। ऐसे भक्तों पर ईश्वर की कृपा होती है और उन्हें जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपनाने से ही मानव का कल्याण संभव है। नगर के हनुमान गढ़ी मंदिर में श्री सुंदर पाठ समूह द्वारा आयोजित रामकथा के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद रहे। व्यवस्था में राजेश मिश्रा, अरविंद शुक्ला, सचिन मिश्रा, मनोज वर्मा, रजनीश मिश्रा, भोलानाथ जायसवाल, अनुज पांडे, रवि पंडित, दिनेश अवस्थी, राकेश शर्मा आदि लोग लगे रहे।
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