नौ साल में बाघों का 53वां शिकार बनीं लौंगश्री
Pilibhit News - सेहरामऊ में बाघ की दहशत जारी है। हाल ही में, हरीपुर रेंज में एक महिला बाघ का शिकार बनी, जिससे ग्रामीणों में गुस्सा और डर फैल गया है। अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बातचीत की, लेकिन...

अब तक सेहरामऊ में बाघ की दहशत लोगों में बनी हुई थी। इसी बीच रविवार को बाघ ने टाइगर रिजर्व की हरीपुर रेंज में महिला को निवाला बना लिया। चतीपुर के बाद अब खिरकिया बरगदिया में दहशत का माहौल व लोगों में गुस्सा है। नाराज ग्रामीणों ने अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग करते हुए शव नहीं उठने दिया। अगर पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पुराने इतिहास पर नजर डालें तो यह निष्कर्ष सामने आता है कि नौ जून 2016 को अस्तितव में आए टाइगर रिजर्व में अब तक करीब अलग-अलग क्षेत्र और परिस्थितियों में बाघों ने 52 लोगों की जान ली।
रविवार को 53वें शिकार के रूप में लौंगश्री की बाघ का शिकार बनीं। क्षेत्र में लोगों में जबरदस्त गुस्सा है। हजारा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खिरकिया बरगदिया में हरीपुर रेंज में जल्दी-जल्दी अलग-अलग क्षेत्र में गई इंसानी जान का मामला गंभीर होता जा रहा है। आखिर इस तरह से ग्रामीण कब तक बाघ और अन्य वन्जीवों का निवाला बनते रहेंगे, यह एक बड़ा सवाल है। एसडीओ रमेश चौहान व रेंजर सहीर अहमद ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों के बीच बातचीत कर नाराजगी दूर करने का प्रयास किया। दुर्जनपुर चतीपुर और अब खिरकिया बरगदिया बाघ के हमले में गई लौंगश्री का मामला भी शासन तक पहुंच गया है। दरअसल 11 मई को दुर्जनपुर में हंसराम और 18 मई को चतीपुर में राम प्रसाद की मौत के बाद से लगातार खुटार रेंज से सटे क्षेत्र में बाघ की लोकेशन और उसे पकड़ने के लिए शासन स्तर से निगरानी की जा रही है। नियमित रूप से रिपोर्ट शासन को जा रही है। पूरे क्षेत्र समेत शासन और विशेषज्ञों की निगाह पीटीआर व खुटार रेंज से सटे चतीपुर और दुर्जनपुर पर लगी हुई थी। इसी बीच बाघ द्वारा खिरकिया बरगदिया में बाघ ने हमला कर वन्यजीव विशेषज्ञों को हैरान व परेशान कर दिया है।
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