निगरानी टीमों को 50 घंटे से नहीं मिली बाघिन की लोकेशन
Pilibhit News - पगचिन्ह मिले न ही आहार या भोजन को लेकर कोई प्रमाणनिगरानी टीमों को 50 घंटे से नहीं मिली बाघिन की लोकेशननिगरानी टीमों को 50 घंटे से नहीं मिली बाघिन की ल

न्यूरिया/पीलीभीत, हिटी। 50 घंटे से भी अधिक का समय गुजरने के बाद गुनहगार बाघिन वन कर्मियों की निगरानी टीम की आंखों से ओझल है। पड्डा बांधकर बैठे विशेषज्ञों को लोकेशन नहीं मिल पा रही है। वहीं सामाजिक वानिकी की टीम को उसकी लोकेशन नहीं मिलने से उसके नहर के किनारे आगे निकल जाने अथवा जंगल की तरफ मुड़ने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। महज 27 दिनों में पांच लोगों की जान लेने वाली बाघिन को पकड़ने की अनुमति बीते दिवस शासन से मिल चुकी है। सोमवार को दिखी बाघिन एक्सपर्ट के न होने के काराण नहीं पकड़ी जा सकी थी।
बाद में जब विशेषज्ञ मुहैया हो गए तो सोमवार की रात्रि एक बजे के बाद मंगलवार और बुधवार को भी बाघिन की लोकेशन ट्रेस नहीं हो सकी। इससे वन कर्मियों की टीमों के प्रयासों को झटका लगा है। हालांकि वनाधिकारियों का दावा है कि पीटीआर व सामाजिक वानिकी की एक एक टीम के अलावा ड्रोन व हाथियों से निगरानी कराई जा रही है। पर निगरानी में टीमें खाली हाथ हैं। अलग-अलग शेड्यूल में तीन टीमें लगाई वन दारोगा सोनी सिंह, देव ऋषि सक्सेना व शेर सिंह की अगुवाई में अलग अलग टीमों का रुटीन तय टीमों को निगरानी में लगाया गया है। ताकि निगरानी की जा सके। दो दिन से क्षेत्र में बाघ की लोकेशन पगचिन्ह और आहार आदि को लेकर कोई प्रमाण नहीं मिलने से इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि दो दिन तक मूवमेंट न मिलने से बाघिन के नहर किनारे आगे निकल जाने अथवा क्षतिग्रस्त फेंसिंग के स्थान से वापस लौट जाने की भी आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। चर्चा उठी पर पुष्टि नहीं हुई हालांकि रात में सोमवार को ड्रोन की नजर से बाघिन की जंगल में लोकेशन मिली थी। पर इस बीच कोई लोकेशन न मिलने से वन कर्मियों में निराशा सी हो रही है। इधर अमरिया क्षेत्र की तरफ से होकर बहने वाली नहर के आसपास एक बाघिन देखे जाने की चर्चा अचानक उठी। बताया गया कि पानी का पसंद करने वाली बाघिन नहर किनारे अमरिया की तरफ देखी गई। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। बताया गया कि अमरिया के तिरकुनिया नसीर में एक बाघिन अपने दो अन्य शावकों व दूसरे क्षेत्र में एक तेंदुआ अपने शावक के साथ पूर्व में देखा गया था। इसकों लेकर ही चर्चा को बल मिला। लगातार लगे हैं ट्रेस करने में सामाजिक वानिकी की वन दारोगा सोनी सिंह ने बताया कि दो दिन से कांबिंग कर रहे है। बाघिन के प्रमाण नहीं मिले है। लग रहा है कि या तो नहर किनारे अथवा जंगल की तरफ वह वापस लौट गई हो। पर अधिकारियों की निर्देशों पर लगातार लोकेशन ट्रेस करने को लगे हुए हैं। अभी लोकेशन नहीं मिली है। पर रम्पुरिया की तरफ कुछ पगमार्क जरूर मिले है। पर इनके बारे में अभी सटीक कुछ कहना जल्दबाजी होगी। हम निगरानी लगातार करा रहे हैं। -भरत कुमार डीके, डीएफओ समाजिक वानिकी।
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