बरसात का पानी संरक्षित करेगा हाईवे किनारे बना बोरवेल
Pratapgarh-kunda News - एनएचएआई ने लगातार गिरते जलस्तर को लेकर चिंता जताते हुए रायबरेली से प्रयागराज तक 126 स्थानों पर बोरिंग कर बोरवेल स्थापित करने का काम शुरू किया है। इससे बरसात का पानी संरक्षित होगा और भूमिगत जल स्तर में...
कुंडा, संवाददाता। लगातार गिरते जलस्तर को लेकर चिंतित एनएचएआई ने हाईवे किनारे बरसात का पानी संरक्षित करने को बोरिंग करा रहा है। बोरिंग कराने के बाद उसके पाइप की पकड़ के लिए प्लेटफॉर्म को सीमेंटेड करा रहा है। बरसात का पानी संरक्षित होने के साथ ही पेड़ पौधों को पानी मिलेगा जिससे पर्यावरण में भी सुधार होगा। प्रयागराज से रायबरेली तक एनएचएआई ने जब दो वर्ष पहले सड़क चौड़ीकरण का काम शुरू कराया। सड़क किनारे चौड़ीकरण के रेंज में आने वाले हरे भरे खड़े पेड़ों को कटवाया तो पर्यावरण काफी प्रभावित हुआ। चौड़ीकरण की सड़क बनने के बाद एनएचएआई ने काटे गए पेड़ों के दोगुना पौधरोपण सड़क किनारे कराया।
इसी के साथ बरसात का जल संरक्षित करने को सड़क की दोनों पटरियों के किनारे मशीन से बोरिंग करवा बोरवेल की स्थापना करा रहा है। रायबरेली से प्रयागराज तक 126 स्थानों पर गहरी बोरिंग कराकर बोरवेल स्थापित कराया। बोरवेल में मोटी पाइप लगाकर बरसात का पानी जमीन में जाने की व्यवस्था की गई है। पाइप की पकड़ मजबूत करने को उसे सीमेंटेड किया जा रहा है और जमीन की ऊपरी सतह पर पक्का प्लेटफॉर्म बनाया जा रहा है। विभाग का मानना है कि बरसात का पानी संरक्षित होने से भूमिगत जल स्तर बढ़ेगा। जिससे हैंडपंपों को भी ताकत मिलेगी। इनका कहना है- रायबरेली से प्रयागराज तक सड़क किनारे बरसात का पानी संरक्षित करने को 126 स्थानों पर बोरिंग कराकर बोरवेल की स्थापना की जा रही है। इससे भूमिगत जलस्तर बढ़ने के साथ ही पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा। -सुखविन्दर सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर एनएचएआई।
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