विषमुक्त खेती की ओर बढ़ाने होंगे कदम: सूर्य प्रताप
Prayagraj News - कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि विषमुक्त खेती की आवश्यकता है। किसानों को प्राकृतिक खेती अपनानी चाहिए और परंपरागत तरीकों में बदलाव करना होगा। उन्होंने गो आधारित कृषि के महत्व पर जोर दिया और कहा...

कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए आज सख्त आवश्यकता है कि विषमुक्त खेती की ओर कदम बढ़ाया जाए। इसके लिए किसानों को परंपरागत तरीकों में बदलाव करना होगा। प्राकृतिक खेती की ओर सभी को ध्यान देना चाहिए। ये बातें कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बुधवार को जिला पंचायत सभागार में प्रयागराज और कानपुर मंडल की मंडलीय खरीफ गोष्ठी में कहीं। कृषि मंत्री ने कहा कि आज गो आधारित खेती की जरूरत है। किसानों को सोचना होगा कि कानपुर देहात में 36.31 क्विंतल प्रति हेक्टेयर धान की उपज हो रही है जबकि कानपुर नगर में 31.93 क्विंतल प्रति हेक्टेयर धान की उपज हो रही है।
वहीं, प्रयागराज में 32.93 क्विंतल प्रति हेक्टेयर और प्रतापगढ़ में 25 क्विंतल प्रति हेक्टेयर धान की पैदावार हो रही है। एक जैसी जलवायु में इतना अंतर क्यों। इसका साधी सा अर्थ है कि हमें खेती के तरीकों में बदलाव की जरूत है। बिना बैक्टीरिया अच्छी खेती संभव नहीं है। इसीलिए गो आधारित कृषि पर काम करना होगा। कृषि मंत्री ने कहा कि पहले हम बिना शोधन बीज का इस्तेमाल नहीं करते थे, लेकिन आज ऐसा नहीं है। जरूरी है कि मिश्रित खेती करें, कभी दलहन तो कभी तिलहन कभी धान तो कभी गेहूं की बुवाई करें। इस दौरान प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र कुमार, कृषि निदेशक जितेंद्र तोमर, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के निदेशक डॉ. पंकज त्रिपाठी ने विचार रखे। ब्राजील और रूस से आ रही है दलहन कृषि मंत्री ने कहा कि गंगा-यमुना के किनारे के किसान, जिनके जिले में अभी इतना बड़ा महाकुम्भ हुआ था, वहां ब्राजील और रूस की दाल आ रही है। यह गलत है। पहले अपने जिले की मांग को समझें और उसी के अनुसार खेती करें। बीज हम उपलब्ध कराएंगे। जैविक खेती से उत्पादन अच्छा होगा और राशन पर जिला आत्मनिर्भर होगा। प्रत्येक जिला आत्मनिर्भर होगा तो एक दिन पूरा प्रदेश और बाद में पूरा देश आत्मनिर्भर होगा। आज से शुरू होगा विकसित कृषि संकल्प अभियान कृषि मंत्री ने अपने उद्बोधन की शुरुआत ‘जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय अनुसंधान के साथ की। कहा कि यही अनुसंधान है, जिसने अभी पाकिस्तान की मिसाइल को करारा जवाब दिया। अब विकसित भातर की ओर कदम बढ़ाने के लिए गुरुवार से विकसित कृषि संकल्प अभियान की शुरुआत की जा रही है। जहां भी कृषि विज्ञान केंद्र हैं, उन जिलों में किसानों को बुलाकर कृषि में बदलाव और उसके महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी। कुवैत जा रही है प्रयागराज की भिंडी प्रयागराज। मंडलीय गोष्ठी में प्रगतिशील किसानों ने अपनी राय रखी। फूलपुर के उमेश पटेल ने बताया कि हाल ही में 10 हजार क्विंटल धान का बीज बनाकर गुजरात को भेजा है। यहां तैयार की गई भिंडी व करैला कुवैत और दुबई भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बुधवार को ही 10 क्विंटल भिंडी अऔर पांच क्विंटल करेला दुबई भेजा गया है। उन्होंने मांग रखी कि यहां कृषकों का जो सामान लखनऊ से जाता है वो प्रयागराज से जाए तो सामान भेजने में समस्या न हो। उन्होंने 213 प्रकार की विलुप्त हो रहे बीजों को एकत्र कर काम किया।
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