16 साल सेवा कर चुके दरोगाओं को मिलेगा 5400 रुपये का द्वितीय ग्रेड पे
Prayagraj News - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस के 2001 बैच के दरोगाओं की प्रशिक्षण अवधि को सेवा में जोड़ने का आदेश दिया है। कोर्ट ने 16 साल की सेवा पूरी कर चुके पुलिसकर्मियों को द्वितीय प्रोन्नति वेतनमान 5400 रुपये...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस में कार्यरत 2001 बैच के दरोगाओं एवं वर्तमान समय में पुलिस निरीक्षक पद पर कार्यरत लोगों बड़ी राहत देते हुए उनकी प्रशिक्षण अवधि को सेवा में जोड़ने का निर्देश दिया है। साथ ही 16 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके दरोगा पद पर नियुक्त पुलिसकर्मियों को द्वितीय प्रोन्नति वेतनमान ग्रेड-पे 5400 रुपये (पुलिस उपाधीक्षक) का देने के सम्बन्ध में छह सप्ताह में कानून के तहत स्पष्ट आदेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने पुलिस इंस्पेक्टर जगदम्बा सिंह व अन्य की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम की बहस सुनने के बाद प्रकरण निस्तारित करते हुए दिया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम एवं एडवोकेट श्याम शरण का तर्क था कि हाईकोर्ट के पूर्व के आदेशों और बाद में जारी शासनादेशों के बावजूद विभाग कुछ नहीं कर रहा है। प्रशिक्षण अवधि को द्वितीय प्रोन्नत वेतनमान देने के लिए नहीं जोड़ा जा रहा है जबकि याची इसके हकदार हैं। कहा गया कि याची पुलिस निरीक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2001 में दरोगा पद पर हुई थी। वर्ष 2016 में उन्हें निरीक्षक पद पर पदोन्नति दी गई। सभी याचियों की सेवा 16 साल से ज्यादा की हो चुकी है लेकिन उन्हें द्वितीय वेतनमान ग्रेड-पे 5400 रुपये नहीं दिया जा रहा है और न ही उनकी प्रशिक्षण अवधि को सेवा में जोड़ा गया। जबकि 26 अगस्त 2015 के संशोधित शासनादेश में यह व्यवस्था की गई है कि ऐसे राज्य कर्मचारी जिन्होंने सीधी भर्ती के पद पर प्रथम नियुक्ति की तिथि से 16 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है, उन्हें द्वितीय वेतनमान/ग्रेड पे प्रदान किया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि अपर पुलिस महानिदेशक के 17 मार्च 2012 के सर्कुलर में यह कहा गया है कि आरक्षी के पद का ग्रेड वेतन 2000 रुपये है। मुख्य आरक्षी के पद का ग्रेड वेतन 2400 रुपये है। उपनिरीक्षक के पद का ग्रेड वेतन 4200 रुपये है। निरीक्षक के पद का ग्रेड वेतन 4600 रुपये है एवं पुलिस उपाधीक्षक के पद का ग्रेड वेतन 5400 रुपये अनुमन्य है। पुलिस मुख्यालय के उक्त सर्कुलर में यह भी स्पष्ट उल्लिखित किया गया है कि पुलिस बल के कार्यकारी बल में ग्रेड वेतन 2800 रुपये एवं ग्रेड वेतन 4800 रुपये के पद उपलब्ध नहीं है यानी उक्त दोनों ग्रेड वेतन नॉन फंक्शनल वेतनमान के हैं। याचिका में कहा गया था कि लाल बाबू शुक्ल के केस में हाईकोर्ट ने यह व्यवस्था दी है कि पुलिसकर्मियों की प्रशिक्षण अवधि को सेवा में जोड़कर प्रोन्नति वेतनमान दिया जाए। ऐसे में याचियों को द्वितीय वेतनमान ग्रेड-पे 5400 रुपये दिया जाना चाहिए।
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