बिजली के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का हल्ला बोल
Prayagraj News - प्रयागराज में बिजलीकर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अन्य अभियंताओं ने बिजली के निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने ग्रांट थार्टन को क्लीन चिट मिलने पर विरोध जताया और कहा कि सरकार घाटे को...
प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर गुरुवार को बिजलीकर्मी, जूनियर इंजीनियर और अन्य अभियंताओं ने बिजली के निजीकरण के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। जॉर्जटाउन स्थित कार्यालय परिसर में धरना-प्रदर्शन के दौरान जमकर नारेबाजी हुई और निजीकरण की प्रक्रिया के खिलाफ आवाज़ बुलंद की गई। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने ट्रांजेक्शन कंसलंटेंट ग्रांट थार्टन को क्लीन चिट दिए जाने पर तीखा विरोध जताया। समिति के नेताओं ने कहा कि ग्रांट थार्टन ने झूठा शपथ पत्र दिया। इसके बावजूद निदेशक वित्त ने उसे क्लीन चिट देकर निजीकरण की राह साफ कर दी है।
जबकि इंजीनियर ऑफ कांट्रैक्ट ने ग्रांट थार्टन का नियुक्ति आदेश रद्द करने की सिफारिश की थी। समिति का आरोप है कि यह पूरा घटनाक्रम निजी घरानों से मिलीभगत की ओर इशारा करता है। पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत वितरण निगमों के घाटे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण की योजना पर काम कर रही है। कर्मचारियों का कहना है कि वे पिछले छह महीने से लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अब तक उनसे कोई वार्ता नहीं की। प्रदर्शन के दौरान चेतावनी दी गई कि यदि प्रदेश के किसी भी बिजलीकर्मियों का उत्पीड़न बंद नहीं किया तो देशभर के 27 लाख बिजलीकर्मी सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे। प्रदर्शन में बीरेंद्र सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, एबी यादव, शिवम रंजन, इंद्रेश यादव, शिवम यादव, वीरेंद्र कुमार सहित कई कर्मचारी शामिल रहे।
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