बोल्डर रखने वाले की तलाश में ग्रामीणों से मदद ले रही आरपीएफ
Prayagraj News - तेजस राजधानी एक्सप्रेस के पटरी पर बोल्डर रखने का मामला सामने आया है। यह घटना भीरपुर और कटका गांव के पास हुई थी। रेलवे सुरक्षा बल ने स्थानीय गांवों में पूछताछ शुरू कर दी है और सबूतों को इकट्ठा किया है।...

तेजस राजधानी एक्सप्रेस के गुजरते वक्त किसने रेल पटरी पर बोल्डर रखा, ये अब तक पता नहीं चला है। यमुनापार के भीरपुर और कटका व कचरी गांव के पास हुई इस घटना को लेकर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने स्थानीय ग्रामीणों से सहयोग लेना शुरू कर दिया है। रेलवे ट्रैक पर मिले बोल्डर और पत्थरों के टुकड़े जांच का केंद्र बने हुए हैं और सुराग जुटाने के लिए आसपास के गांवों में पूछताछ तेज कर दी गई है। दिल्ली-हावड़ा रूट पर भीरपुर और मेजारोड रेलवे स्टेशनों के बीच कटका व कचरी गांव के पास शुक्रवार रात तेजस राजधानी (12310) की टक्कर पटरी पर रखे पत्थरों से हुई थी।
इससे हादसे जैसी स्थिति बन गई थी। घटनास्थल पर बोल्डर मिले थे, जिसे शनिवार को रेलवे की टीम ने ट्रैक से लगभग 10 मीटर दूर एक बाउंड्रीवाल के पास बने गड्ढे में हटवाया। ग्रामीणों का कहना है कि ये वही कचरी गांव है, जो 2015 में पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ किसान आंदोलन के चलते सुर्खियों में आया था। अब एक बार फिर यह गांव चर्चा में है। शनिवार को आरपीएफ की टीम गांव पहुंची और घटना की तह तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों से बातचीत की। टीम ने गांव कचरी के अलावा भीरपुर, कटका, देवरी कला, देहली भगेसर और महेवा गांव में भी पूछताछ की। ट्रैक पर मिले पत्थर के टुकड़े और चूरे को सबूत के तौर पर फोटो और वीडियो के जरिए संरक्षित किया गया है। आरपीएफ को शक है कि यह शरारत हो सकती है या फिर किसी गहरी साजिश का हिस्सा। पहले जांच करने गई रेलवे की टीम को कोई स्पष्ट सुराग नहीं मिला है। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि जिस जगह पर रेलवे ट्रैक पर बोल्डर रखे गए थे, वहां दिन के अलावा रात में भी आवाजाही रहती है। इसलिए हर एंगल पर जांच की जा रही है।
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